अगर आप ब्रह्माण्ड (universe in hindi) में रूचि रखते है तो ब्रह्माण्ड क्या है और किससे बना है ऐसे कई सवाल आपके मन में आते होंगे।
साथ ही हम यह जानने का भी प्रयत्न करते है कि ब्रह्माण्ड में क्या क्या है। लेकिन यह ऐसे कई रहस्यों से भरा पड़ा है जिसका जवाब अब तक विज्ञान के पास भी नही है।
इस लेख में आज हम ब्रह्माण्ड के शुरू से लेकर अंत तक सब जानेंगे। साथ ही उसके अनसुलझे रहस्यों को भी।
तो चलिए ब्रह्माण्ड के इस अनंत सफर में।
Table of Contents
ब्रह्माण्ड क्या है – what is universe in hindi
ब्रह्माण्ड क्या है(what is universe in hindi) इसका अगर एक वाक्य में जवाब देना हो तो में कहूंगा कि,
जो भी अस्तित्व में है वो ब्रह्माण्ड है।
विज्ञान की भाषा में,
अंतरिक्ष में मौजूद सारी चीजें मिलकर universe की रचना करती है। हमारी पृथ्वी, चंद्रमा, ग्रह, सौरमंडल, आकाशगंगाए, ब्लेक होल, तारे यह सब कुछ इसका हिस्सा है।
इसके साथ ही आपको अंतरिक्ष के बारे में जानना चाहिए।
अंतरिक्ष शब्द हम उस जगह के लिए उपयोग करते है जहाँ ब्रह्माण्ड की खाली जगह हो।
जैसे की हमारी पृथ्वी और मंगल ग्रह के बीच रही जगह को अंतरिक्ष कहा जाता है।
लेकिन यह अंतरिक्ष असल में खाली नही होता है। इसमें धूल और गैस जैसे कई पदार्थ घूम रहे होते है।
यह आप समजिए की अंतरिक्ष और universe दोनों अलग अलग है।
ब्रह्माण्ड सब कुछ से मिलकर बनी एक बस्तु है, जहाँ अंतरिक्ष ब्रह्माण्ड की जगह है।
अब जानते है कि ब्रह्माण्ड की जन्म कैसे हुआ था।
ब्रह्माण्ड का जन्म – about universe in hindi
अभी तक हमारे पास ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नही है कि समय में पीछे जाकर पता लगाएं की ब्रह्माण्ड का जन्म कैसे हुआ था।
पर वैज्ञानिको द्रारा विकसित की हुई कुछ थ्योरी है जिससे हम जान सकते है कि इसका जन्म कैसे हुआ था।
इसमें सबसे प्रचलित थियरी है big bang theory.
जब universe में कुछ नही था। या कहे यह ब्रह्माण्ड ही नही था।
तब समय और अंतरिक्ष का भी अस्तित्व नही था।
आज से लगभग 13.6 अरब साल पहले इस एक बिंदु जो बहुत ही गर्म, घना और ऊर्जावान था। उसमें एक धमाका हुआ और जन्म हुआ हमारे ब्रह्माण्ड का।
इसीके साथ समय और अंतरिक्ष अस्तित्व में आये।
फिर इसी बिंदु की ऊर्जा चारो तरफ फैलने लगी और धीरे धीरे हमारा universe बनने लगा।
चलिये अब जानते है कि इसके बाद ब्रह्माण्ड कैसे बना।
ब्रह्माण्ड कैसे बना – how universe form
जब ब्रह्माण्ड फैलना शुरू हुआ तब यह इतना गर्म था कि किसी भी वस्तु का अस्तित्व संभव नही था।
चारो तरफ बस ऊर्जा ही ऊर्जा थी।
फिर Big bang के 1 सेकंड बाद प्रोटोन और न्यूट्रोन जैसे कण अस्तित्व में आये।
अगर इस समय हम वहाँ मौजूद होते तो भी कुछ नही देख पाते, क्योकि उस समय प्रकाश के कण अस्तित्व में ही नही थे। जिसके बिना किसी भी वस्तु को देखना असंभव हो जाता है।
फिर अगले 3 मिनट में प्रकाश के कणो ने जन्म लिया।
इसी तरह जैसे जैसे universe ठंडा होता गया वैसे अलग अलग तरह के कण अस्तित्व में आने लगे।
अगले 3,80,000 साल में यह इतना ठंडा हो गया था कि एक अणु की रचना कर सके।
जिसके अंदर इलेक्ट्रान और प्रोटोन होते है।
फिर इन्ही कणो ने 400 मिलियन साल बाद मिलकर पहले तारे की रचना की।
इसी तरह कई तारे बने और इन सब ने मिलकर आकाशगंगा की रचना की। साथी कई ग्रहो की भी।
लगभग ब्रह्माण्ड के जन्म के 9 अरब साल बाद हमारे सौरमंडल का जन्म हुआ। जिसके अंदर हमारी यह पृथ्वी बनी हुआ है और उस पर हम रह रहे है।
अब जानते है कि ब्रह्माण्ड किससे बना है।
ब्रह्माण्ड कि रचना – universe in hindi
आज से 30 साल पहले वैज्ञानिको को यही लगता था कि ब्रह्माण्ड सिर्फ सामान्य पदार्थ से मिलकर बना है। जो हम देखते है सिर्फ वही सब कुछ है।
लेकिन असल में ऐसा नही है। universe in hindi में कुछ ऐसी भी चीजो का अस्तित्व है जिन्हें हम देख नही सकते।
क्या है वो चलिये जानते है।
Ordinary matter
सामान्य पदार्थ जिसे हम अपने आसपास देखते है। जिनसे हम बने है। जिनसे यह पृथ्वी बनी है।
हमारा चंद्रमा, सारे ग्रह, आकाशगंगाएं और ब्रह्माण्ड में हम जो भी देखते है वो ordinary matter से बना है।
ब्रह्माण्ड में इसकी मात्रा सिर्फ 4.6 प्रतिशत ही है।
Dark matter
ब्रह्माण्ड के ना दिखने वाले कण डार्क मैटर है।
साल 1930 के दौरान Fritz Zwicky नामके वैज्ञानिक galaxy cluster की गति का अभ्यास कर रहे थे।
उन्होंने देखा की जो गेलेक्सि समूह के केंद्र के नजदीक थी उनकी गति और समूह के बाहरी किनारों पर आयी हुई गेलेक्सि की गति लगभग समान थी।
पर यह होना नामुमकिन था।
इस आकाशगंगा के समूह में इतना द्र्व्यमान नही था कि उससे उत्तपन्न गुरुत्वाकर्षण बल वह किनारों की आकाशगंगा को जोड़े रख सके।
इससे अब तक तो उन आकाशगंगा के तारो को इस समूह से बहार फैक जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नही हो रहा था।
इसका मतलब यही था कि, कोई अद्रश्य पदार्थ है जो इतना गुरुत्वबल उतपन्न कर रहा है और इन गेलेक्सि को बंधे हुआ है।
पर इस पदार्थ के बारे में हमे कुछ पता नही था और ना ही हम इसे देख पा रहे थे। इसी वजह से इसे डार्क मैटर (dark matter in hindi) नाम दिया गया।
हमारे ब्रह्माण्ड में इसकी मात्रा 26.4 प्रतिशत है।
पूरा लेख: जानिए रहस्यमय डार्क मैटर को।
Dark energy
गुरुत्वाकर्षण बल के नियम के अनुसार universe में मौजूद हर चीज अणु, परमाणु, ग्रह और गेलेक्सि गुरुत्वाकर्षण बल उत्त्पन्न करते है। जिससे सारी चीजें एक दूसरे को अपनी तरफ खींचते है।
साल 1929 में एक गेलेक्सि में रहे सुपरनोवा पर हुई रिसर्च से यह तो पता चल गया था कि हमारा ब्रह्माण्ड फ़ैल रहा है।
इससे एक बात तो तय थी की गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से इसके फैलने की गति समय के साथ धीमी हो जाएगी, जो की स्वाभाविक था। क्योंकि ब्रह्माण्ड बहार की तरफ फ़ैल रहा था और गुरुत्वाकर्षण बल अंदर की तरफ उत्त्पन्न हो रहा था।
पर फिर साल 1998 में वैज्ञानिको की दो टीम ने अलग अलग गेलेक्सि के सुपरनोवा पर परिक्षण किया। इस परीक्षण में उस सुपरनोवा को जितनी दूर होना चाहिए उससे अधिक था।
इससे वैज्ञानिको को पता चला की आज ब्रह्माण्ड के फैलने की गति भुतकाल से ज्यादा है। इसका मतलब हमारे इसकी गति लगातार बढ़ रही थी। पर ऐसा कैसे हो सकता है? उसे तो गुरुत्व बल की वजह से धीमा हो जाना चाहिए था।
मतलब कोई रहस्मय बल तो जरूर था जो हमारे ब्रह्माण्ड(universe in hindi) को फैला रहा था।
उस समय ब्रह्माण्ड का यह रहस्य किसी भी वैज्ञानिक को समज नही आया, इसीलिए उस चीज के समाधान के लिए उसे डार्क एनर्जी (dark energy in hindi) का नाम दे दिया गया।
इसकी मात्रा ब्रह्माण्ड में 69 प्रतिशत है।
पूरा लेख: रहस्यमय डार्क एनर्जी
तो इन्ही चीजो से मिलकर बना है हमारा ब्रह्माण्ड।
क्या अब आप जानना चाहेंगे कि ब्रह्माण्ड का आकार क्या है।
ब्रह्माण्ड का आकार – shape of universe
अभी तक हम यह नही जानते है कि ब्रह्माण्ड का आकार क्या है, लेकिन इसकी घनता पर से अंदाजा लगाया गया है।
अगर ब्रह्माण्ड के घनत्व का मूल्य 1 से ज्यादा है तो इसका आकार बंद गोले जैसा होगा। एकदम हमारी पृथ्वी की तरह।
इसका मतलब की हमारे ब्रह्माण्ड का कोई भी छोर या किनारा नही होगा। लेकिन यह अंनत भी नही होगा।
लेकिन अगर घनत्व का मूल्य 1 से कम है तो universe बाहर की तरफ फैलता नजर आएगा।
तीसरी स्थिति यह है कि,
अगर घनत्व का मूल्य 1 होगा तो ब्रह्माण्ड का आकार समतल होगा। यह हमेशा से फैलता जाएगा और इसकी कोई सीमा नही होगी।
अब हम कुछ प्रश्नों के बारे में जानते है।
Question about universe in hindi
ब्रह्माण्ड कितना पुराना है?
हमारा ब्रह्माण्ड 13.6 अरब वर्ष पूराना है। जो बिग बैंग से लेकर आज तक का समय है।
ब्रह्माण्ड का अंत कैसे होगा?
एक समय बाद ब्रह्माण्ड के फैलने की गति धीमी हो जाएगी और गुरुत्वाकर्षण बल के चलते यह फिर एक बिंदु में समा जाएगा।
वैसे, ब्रह्माण्ड के अंत की कई संभावनाए है जो आप यहाँ जान सकते है ( इसे एक बार जरूर जानना)
1. महा संकुचन
2. महा चिर
3. महा शीतलन
4. अन्य
जानिए: ब्रह्माण्ड का अंत कैसे होगा (4 भयानक अंत)
ब्रह्माण्ड की शुरुआत कब हुई थी?
ब्रह्माण्ड की शुरुआत आज से लगभग 13.6 अरब साल पहले बिग बैंग की घटना से हुई थी।
ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी आकाशगंगा कोन सी है?
ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी आकाशगंगा ic 1101 है। इसके अंदर तारो की संख्या 1,000 अरब मानी जा रही है। जो हमारी आकाशगंगा की तुलना में लगभग 3 गुना ज्यादा तारे है।
अब बारी है ब्रह्माण्ड के अनसुलझे रहस्यों की। ऐसे रहस्य जो हम नही जानते लेकिन जानने की पूरी उत्सुकता रखते है।
Mystery of universe
ब्रह्माण्ड के बहार
ब्रह्माण्ड के बहार क्या है यह सवाल किसी रहस्य से कम नही है।
हमारा universe 96 अरब वर्ष में फैला है। वो भी जहा तक हमारी पहुंच है। इसके आगे क्या है वो हम नही देख पाए है।
इसके आगे ब्रह्माण्ड ही है या खाली जगह पता नही। कुछ थियरी की माने तो अंतरिक्ष के बहार दूसरे ब्रह्माण्ड है।
यानि की multiverse.
अगर यह सच है तो असल में यह ब्रह्माण्ड कितना बड़ा होगा।
समांतर ब्रह्माण्ड
अब तक तो हमे समांतर ब्रह्माण्ड के अस्तित्व का प्रमाण नही मिला है। लेकिन गणित और विज्ञान के नियमो की माने तो यह संभव है
ऐसे ब्रह्माण्ड जो हमारे ब्रह्माण्ड की तरह ही होते है लेकिन वहा दूसरी घटनाएं घट रही होती है।
जैसे की इस ब्रह्माण्ड में आप इंजीनियर है तो उस ब्रह्माण्ड में आप डॉक्टर होंगे। यह बहुत ही गजब की चीज है।
पूरा लेख: समांतर ब्रह्माण्ड का रहस्य (अदभुत जानकारी के साथ)
ब्रह्माण्ड में एलियन लाइफ
इसका जवाब देना जितना सरल है उतना ही कठिन।
हमारे universe in hindi में 100 अरब से भी ज्यादा गेलेक्सि है और उन हर एक गेलेक्सि में 200-400 अरब तारे।
इन्ही तारो के कई ग्रह।
तो क्या यह संभव नही है कि इतने सारे ग्रह में से कही पर भी जीवन ना हो।
इतने विशाल ब्रह्माण्ड में एलियन होने ही चाहिए इसकी जानकारी हमे एक वैज्ञानिक ने fermi paradox के जरिये दी थी जब वो खाना खा रहा था।
पूरा लेख: एलियन कहा है यह सवाल उठाते फर्मी पैराडॉक्स के बारे में जानकारी
ब्रह्माण्ड के पहले क्या था।
इसका जवाब अभी संभव नही है। क्योकी आप जो कुछ भी देख रहे है वो जन्म के बाद ही बना है।
ब्रह्माण्ड के पहले ना तो समय था और ना ही अंतरिक्ष। तो यह जानना लगभग नामुमकिन है।
ऐसा माना जाता है कि हमारे पहले भी एक ब्रह्माण्ड रहा होगा। जो एक बिंदु ने समा गया और फिर बिग बैंग के धमाके से जन्म हुआ हमारे इस नए ब्रह्माण्ड का।
क्या अब आप ब्रह्माण्ड की अजीब चीजो के बारे में जानना चाहेंगे।
ब्रह्माण्ड की अजीब चीजे
हमारे universe in hindi में बहुत ही अजीब चीजे आयी हुई है और इनमे से एक है antimatter
antimatter
जैसे काले रंग का विरुद्ध सफेद रंग होता है। उसी तरह कण का विरुद्ध प्रतीकण होता है।
कण के केंद्र में रहे प्रोटोन का विद्युत्त positive होता है और इस केंद्र के आसपास घूम रहे इलेक्ट्रान का विद्युत्त negative होता है।
लेकिन जब बात प्रतिकण की आती है तो यह उल्टा हो जाता है।
केंद्र में रहे प्रोटोन का विद्युत्त negative और आसपास घूम रहे इलेक्ट्रान का विद्युत्त positive बन जाता है।
इस प्रतिकण (antimatter) में बहुत ऊर्जा होती हैं इसके लगभग 10 ग्राम मात्रा से हम यान को मंगल ग्रह पर भेज सकते है।
लेकिन इसमें समस्या यह है की ब्रह्माण्ड में इसकी मात्रा लगभग ना बराबर है।
दूसरी अजीब चीज है ब्लेक होल।
Black hole
ब्लैक होल किसी रहस्य से कम नही है। यह ब्रह्माण्ड के वो दानव है जो अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को निगल जाते है।
यहा तक की प्रकाश को भी। क्योकि इनका गुरुत्वाकर्षण बल बहुत ज्यादा होता है। इसी वजह से हम इन्हें देख नही सकते।
जब तारे मरते है तब ब्लैक होल जन्म लेते है।
हम अब तक पता नही लगा पाए है कि इसके केंद्र में क्या होता है।
हां, कुछ थ्योरी की माने तो हर ब्लेक होल के केंद्र में एक ब्रह्माण्ड होता है। इसी तरह हमारा ब्रह्माण्ड भी किसी ब्लेक होल के केंद्र में ही है।
पूरा लेख: ब्लैक होल की अदभुत जानकारी
तो बस यह थी ब्रह्माण्ड से जुडी अदभुत जानकारी। आपको यह जानकारी कैसी लगी वो जरूर बताना।
और अगर आपको कुछ रोमांचक पढ़ने का मन है तो यह लेख जरूर देखें।
aapanen bahut badhiya jankari di hai
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