जानिए अदभुत ग्रह पृथ्वी के 9 रहस्य – earth in hindi

क्या आप पृथ्वी (earth in hindi) के बारे में सब कुछ जानना चाहेंगे। यह लेख आपको वो सारी जानकारी देगा जो आपको चाहिए।

पुरे ब्रह्मांड में हमारा ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है। इसकी एक खास वजह यह है की अर्थ पर जीवन के लिए सभी तत्त्व मौजूद है।

तो चलिये जानते है हमारे अपने ग्रह को नजदीक से।

Earth in hindi - पृथ्वी के बारे में

Note: इस लेख में 9 रहस्यों को 9 भागों में बांटा गया है।

history of earth planet in hindi – पृथ्वी का इतिहास

पृथ्वी का इतिहास (history of earth planet in hindi) बहुत ही अदभुत रहा है।

आज से लगभग 4.5 अरब साल पहले एक विशाल बादल जिसे नाब्युला कहा जाता है उसमें से ही हमारे सौरमंडल का जन्म हुआ था।

इस नाब्युला का ज्यादातर द्र्व्यमान गुरुत्वाकर्षण बल के चलते केंद्र में जमा होने लगा।

उस जगह सूर्य का निर्माण हुआ और बाकी का जो भाग बच गया उनमे से बने ग्रह।

जिनमे से एक हमारी प्यारी पृथ्वी भी थी।

फिर समय के साथ गुरुत्वाकर्षण बल के चलते earth अपना आकार लेने लगी।

जैसे जैसे समय बीतता गया इस पर पर्वत और ज्वालामुखी भी बनने लगे।

Earth volcano in Hindi, पृथ्वी का ज्वालामुखी

इन्ही ज्वालामुखी के अंदर रहे गैस ने पानी की भाप के साथ मिलकर ग्रह के वायुमंडल का निर्माण किया।

इसी तरह निर्माण हुआ हमारे ग्रह का।

अब आगे बढ़ते है।

earth in hindi – पृथ्वी के बारे में

पृथ्वी (earth in hindi) सौरमंडल का तीसरा ग्रह है जो बुध और शूक्र ग्रह के बाद आता है। बाकी ग्रहो की तरह यह भी सूर्य की परिक्रमा कर रहा है।

सौरमंडल का तीसरा ग्रह पृथ्वी, earth planet in hindi

पृथ्वी से सूर्य की दूरी 15.2 करोड़ किलोमीटर है। इतनी ज्यादा दुरी होनी की वजह से सूर्य प्रकाश को सतह तक पहुँचने में 8 मिनिट लग जाते है।

Distance of earth in hindi, पृथ्वी की सूर्य से दूरी

सौरमंडल के ग्रहो के बीच की दुरी को नापने के लिए एक नये एकम astronomical unit को लाया गया है।

सूर्य और पृथ्वी के बीच के अंतर को 1 AU कहा जाता है।

इस एकम के चलते हम सौरमंडल के ग्रहो की दुरी को आसानी से नाप सकते है।

पृथ्वी के बारे में एक खास बात यह है कि यह सूर्य से जिस दुरी पर है उसे goldilocks zone कहा जाता है।

क्योकि इस दुरी पर सूर्य का तापमान अर्थ की सतह पर पानी को बनाये रखने में मदद करता है।

अब जानते है इसका आकार।

हमारी पृथ्वी का व्यास 12,742 km है। इतने बड़े आकार के साथ यह सौरमंडल का पांचवा बड़ा ग्रह बना जाता है।

Diameter of earth in hindi, पृथ्वी का व्यास

साथ ही यह एक स्थलीय ग्रह (terrestrial planet) है। मतलब की इसकी सतह ठोस पदार्थो से मिलकर बनी है। जैसे की पत्थर, मिट्टी और धातु।

हमारे सौरमंडल में कुल चार स्थलीय ग्रह है।

बुध
शूक्र
पृथ्वी
मंगल

जिनमे पृथ्वी सबसे बड़ा स्थलीय ग्रह है।

बात करे दूसरे ग्रहो की जैसे की युरेनस और नेप्च्यून की तो वह गैस से बने हुए है। वहाँ हमे अर्थ की तरह कोई ठोस सतह देखने नही मिलती।

जिससे वहां जीवन संभव नही है।

earth के स्थलीय ग्रह होने की वजह से इसका द्र्व्यमान बहोत ज्यादा बढ जाता है।

परिणाम स्वरूप इसकी घनता सौरमंडल के सारे ग्रहो में सबसे ज्यादा है।

इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते है कि बृहस्पति ग्रह का कद हमारे ग्रह से (earth in hindi) 1300 गुना अधिक है जब की द्र्व्यमान सिर्फ 320 गुना ही ज्यादा।

Jupiter and earth size in hindi, पृथ्वी और बृहस्पति का कद
आकार

अब थोड़ा आगे बढ़ते है।

rotation and orbit of earth – परिभ्रमण और कक्षा

सूर्य से दूर पृथ्वी अपनी धरि पर गोल घूम रही है

इसे अपनी धरि पर एक चक्र पूरा करने में 24 घँटे लगते है। जिसे एक दिन माना जाता है। जिसमे हमें एक सूर्योदय और सूर्यास्त को देखते है।

दूसरी और, यह सूर्य के आसपास बने अपने पथ पर आगे भी बढ़ रही है। जिसे कक्षा (orbit) कहा जाता है।

Orbit of earth in hindi, पृथ्वी की कक्षा

Earth की यह कक्षा अंडाकार है। इस पथ पर पृथ्वी की गति 1,07,000 किलोमीटर प्रति घंटा है।

जिसकी वजह से हमारे ग्रह को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 365.25 दिन लग जाते है। हर साल बढ़ता दिन का यह चौथा भाग (0.25) चार साल में एक दिन को बढ़ा देता है।

ओर इस साल को लिप वर्ष कहा जाता है। जिसमें 366 दीन होते है।

इसके साथ ही हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.46 डिग्री जुकी हुई है।

Earth axis tilt in hindi, पृथ्वी का अक्षीय जुकाव

इसी वजह से सूर्य से आने वाली गर्मी दोनों ध्रुव (उत्तर और दक्षिण) अलग अलग होती है जिससे हम अलग अलग ऋतुओं का अनुभव करते है।

कभी शर्दी तो कभी गर्मी।

हमारे सौरमंडल में कुछ ऐसे ग्रह भी है जिनका जुकाव लगभग ना के बराबर है और वहाँ आपको किसी भी ऋतु का अहसास नही होता।

जो भी हो अब हम बात करते है इसकी सरंचना के बारे में।

Surface and structure of earth in hindi – पृथ्वी की सतह और संरचना

पृथ्वी की संरचना (structure of earth) 4 स्तरों से मिलकर बनी है।

अंदर की कोर (inner core)
बाहर की कोर (outer core)
आवरण (Mantle)
पपड़ी (crust)

Structure of earth in hindi, पृथ्वी की संरचना

अर्थ के अंदर की कोर सॉलिड अवस्था में है जो निकल और लोहे धातु से बनी है। इसकी त्रिज्या 1,221 km है।

यहाँ का तापमान 5.400 ℃ जितना होता है जो सूर्य की सतह से भी ज्यादा गर्म है।

इसके ऊपर बहार की कोर है जो लिक्विड अवस्था में है। ग्रह का चुंम्बकीय क्षेत्र यहाँ से ही उत्त्पन्न होता है।

इस कोर के उपर आवरण है। जो पत्थरो से बना है।

और आखिर में सबसे बहार का स्तर पपड़ी है। यह सतह से 30 km निचे तक फैला हुआ है।

अब जानते है इसकी सतह को।

हमारी पृथ्वी की सतह (surface) 71%पानी से ढंकी हुई है और सिर्फ 29% ही जमीन है। 71% में से 70% पानी समुद्र का है जो क्षारयुक्त है।

सिर्फ 1% पानी ही नदी, झील और तालाब के रूप में है, जो पिने योग्य है।

समुद्र की औसतन गहराई 4 किलोमीटर है, जहाँ earth के ज्यादातर ज्वालामुखी आये हुए है।

Hawaii का Mauna Kea नाम का ज्वालामुखी माउन्ट एवरेस्ट से भी ऊंचा है इसकी ऊंचाई 9,966 m है।

mauna Kea volcano in hindi
mauna Kea

यह जगह आर्कटिक और अटलांटिक महासागर में आयी हुई है।

बाकी बची 29% जमीन पर पर्वत घाटियां और जंगल यह सब आये हुए है।

इसमें जंगल सबसे अहम भूमिका निभाते है। क्योकि यह कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सिजन में रूपांतरित करते है।

इसी वजह से मनुष्य जीवन संभव है।।

पृथ्वी की जमीन को 7 खंडों में बांटा गया है। जिनमे सबसे बड़ा एशिया खण्ड है।

यह सातों खण्ड समय के साथ हिल रहे है। अंदाजा लगाया गया है कि आज से लगभग 25 करोड़ साल बाद यह सात खण्ड आपस में मिलकर सिर्फ 4 खंड बन जाएंगे।

जिनके नाम होंगे Novopangaea, Pangea Ultima, Aurica और Amasia.

अब हमारे ग्रह के वायुमंडल को जानते है।

Atmosphere of earth planet in hindi – पृथ्वी का वायुमंडल

जीवन की दृष्टि से देखा जाए तो पृथ्वी का वायुमंडल (Atmosphere) सबसे श्रेष्ठ और उत्तम है। यहाँ के वायुमंडल में 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सिजन और 1% में बाकि के सारे वायु आये हुए है।

इसमें जीने के लिए ऑक्सिजन, उल्कापिंड को रोकने के लिए बहिर्मण्डल और सूर्य के रेडियेशन से बचाने के लिए ओज़ोन स्तर सब कुछ है।

Earth का यह वायुमंडल कई स्तरों से मिलकर बना हुआ है।

Atmosphere of earth in hindi, पृथ्वी का वायुमंडल

चलिये जानते है उन्हें एक एक करके।

Troposphere: यह स्तर सतह से लेकर 10 km की ऊंचाई तक फैला हुआ है। बादल और ऑक्सिजन ज्यादातर यही पाए जाते है।

Stratosphere: यह स्तर Troposphere के बाद 40 km ऊंचाई तक फैला हुआ है। इसीमे ओज़ोन स्तर बना हुआ है जो हमे सूर्य से आने वाले हानिकारक किरणों से बचाता है।

ओज़ोन स्तर ऑक्सिजन से मिलकर बना हुआ होता है। लेकिन अफ़सोस, प्रदूषण की वजह से यह स्तर अब कमजोर पड़ने लगा है। कई जगहों पर तो यह पूरी तरह से टूट ही गया है।

Mesosphere: वायुमंडल का यह स्तर Stratosphere के बाद 35 km ऊंचाई तक फ़ैला हुआ है। जब कोई उल्कापिंड पृथ्वी में प्रवेश करता है तो इस स्तर पर वो घर्षण की वजह से जलने लगता है।

जिससे earth इन उल्कापिंड से बच जाती है। जिन ग्रहो के पास यह स्तर नही होता उनकी सतह पर उल्कापिंड की बमबारी होती है और बहुत बड़े गढ्ढे बन जाते है।

अब शूक्र ग्रह को ही देख लो। जहा देखो वहाँ गढ्ढे बने हुए है।

इस स्तर का तापमान बहोत ठंडा होता है 90℃ के आसपास। साथ ही हवा भी पतली होती है जिससे हम वहा साँस नही ले सकते।

(जैसे जैसे आप सतह से ऊपर जाओगे हवा और दबाव कम होता जाएगा)

Thermosphere: वायुमंडल का यह स्तर Mesosphere के बाद 1,000 km ऊंचाई तक फैला हुआ होता है। यहा हवा और वायु बहोत कम मात्रा में होते है।

लेकिन फिर भी यह स्तर बेहत खास है, क्योकि सूर्य से आने वाले विद्युत्त कण इस क्षेत्र में ठहर जाते है। इन्ही कण की वजह से वहाँ रंगीन प्रकाश दिखाई देता है जिसे हम aurora कहते है।

यह हमे उत्तर और दक्षिण ध्रुव पर देखने को मिलता है।

Exosphere: वायुमंडल का यह स्तर आखरी है। जो Thermosphere से 1,00,000 km की ऊंचाई तक फैला हुआ होता है।

इसमें लगभग ना के बराबर हवा और गैस होते है। साथ ही इसके आखरी भाग में अर्थ की हवा अंतरिक्ष में छूट रही होती है।

इस स्तर के आखरी छोर पर चंद्रमा की आधी दुरी बन जाती है।

अब चाँद की बात हुई है तो जान लेते है उसके बारे में भी।

Moon of earth – चंद्रमा

चंद्रमा (moon) हमारी पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है। जो ग्रह की तुलना में चार गुना छोटा है।

Moon in hindi, about moon in hindi, चंद्रमा

चाँद पृथ्वी की चारो और परिक्रमा करता है। पर यह tidely lock है। इससे चाँद की एक साइड हमेशा हमारी तरफ रहती है जिसे near side कहते है।

ओर दूसरी अँधेरे में डूबी रहती है उसे far side कहते है।

वैसे चाँद कैसे बना वो भी एक रहस्य है। लेकिन कुछ रिसर्च के मुताबिक सौरमंडल के शुरूआती समय में एक बड़ा खगोलीय पिंड अर्थ (earth in hindi) से टकराया था, जिससे इसका कुछ द्र्व्यमान अंतरिक्ष में गिर गया और उसी मे से बना हमारा चंद्रमा।

यह थियरी कुछ हद तक सही लगती है क्योकि इसकी संरचना बिलकुल हमारी पृथ्वी की तरह ही है। कोर, आवरण और पपड़ी सब कुछ।

लेकिन हमारे चंद्रमा के पास अपना कोई वायुमंडल नही है और इसी वजह से वहाँ पानी स्थिर नही रह सकता।

साथ ही उल्कापिंड की बमबारी की वजह से इसकी सतह पर कई छोटे बड़े गढ्ढे बने हुए है।

Apollo 11 मिशन के दौरान चंद्रमा के एक पत्थर का टुकड़ा लाया गया था, जिस पर अभी भी अभ्यास चल रहा है।

अब कुछ खास जानते है।

Magnetosphere – चुंम्बकीय क्षेत्र

किसी ग्रह के लिये Magnetosphere का होना बेहत जरूरी है।

Earth के केंद्र में रहा प्रवाही धातु चुम्बकीय क्षेत्र को उतपन्न करता है। जिससे ग्रह के दो चुंम्बकीय ध्रुव बनते है।

उत्तर ध्रुव और
दक्षिण ध्रुव

सूर्य से आनेवाले विद्युत्त कण ग्रह के वायुमंडल को नष्ट करने की क्षमता रखते है, लेकिन इस चुम्बकिय क्षेत्र की वजह से वो अंदर प्रवेश ही नही कर सकते।

Earth magnetic field, magnetosphere

लेकिन फिर भी कुछ कण अंदर आ जाते है और अपनी ऊर्जा को वातावरण में छोड़ते है, जिससे अलग अलग रंग आसमान के दिखाई पड़ते है, इस घटना को aurora कहा जाता है।

Earth aurora in hindi
Aurora

अब जीवन की और बढ़ते है।

earth Life and Future – जीवन और भविष्य

अर्थ पर जीवन (life on earth) की शुरुआत तकरीबन 4 अरब साल पहले हुई थी। किसी केमिकल रिएक्शन के चलते ऐसे अणु की रचना हुई जिसमें जीवन हो।

फिर यह अणु बढ़ता गया। इसमें से कोष और सूक्ष्म जीवन बनना शरू हुआ।

इन्ही जीवन में से कई प्रजातीया बनी और उनमे से एक थे हम।

अभी के समय हमारे ग्रह पर इतना ज्यादा तापमान नही है, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जाएगा वैश्विक तापमान भी बढ़ता जाएगा।

साथ ही कुछ अरब साल बाद सूर्य का ईंधन खत्म हो जाएगा और वो सुपरनोवा बनना शुरू हो जाएगा।

जिससे यह बढ़ने लगेगा और सौरमंडल के ग्रहो को अपने अंदर सीमेट लेगा।

पहले बुध फिर शुक्र को और आखिर में हमारी प्यारी पृथ्वी को भी।

पर यह घटना होने में अभी कई अरब साल बाक़ी है। साथ ही ब्रह्मांड में हमे कई ऐसे ग्रह मिले है जिस पर जीवन बनाया जा सके।

तो हो सकता है कि हम इंसान उस समय किसी और ग्रह पर अपना जीवन बना सके। फिलहाल तो मंगल ग्रह पर जीवन की तैयारी हो रही है।

चलिये अब जानते है इस के बारे में कुछ अद्भुत तथ्य।

facts about earth in hindi – पृथ्वी के बारे में तथ्य

प्राचीन समय में खगोल शास्त्रीओ को लगता था कि पृथ्वी ही ब्रह्मांड का केंद्र है और पुरा ब्रह्मांड उसकी परिक्रमा कर रहा है।

Earth शब्द जर्मन शब्द erde पर से लिया गया है जिसका अर्थ होता है जमीन

पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल 9.8 m/s^2 है।

अर्थ की परिभ्रमण गति 1,000 सालो में 17 मिली सेकंड जितनी कम हो जाती है, जिसकी वजह चाँद है।

13,00,000 पृथ्वियां सूर्य के अंदर समा सकती है।

हमारे ग्रह की पहली तस्वीर Apollo 17 team द्रारा ली गयी थी।

माउन्ट एवरेस्ट पृथ्वी का सबसे ऊंचा पर्वत है। जीसकी ऊंचाई 8,848 मीटर है।

समुद्र की सबसे गहरी खाई मारियाना गर्त है। जो 11 किलोमोटर गहरी है। माना जाता है कि यहा पर विशाल शार्क मेगालोडन रहती है।

वैसे हम कुछ कह नही सकते क्योंकि समुद्र का 65% भाग हमने अभी तक जाना ही नही है।

यहाँ पर हमारे 9 रहस्य समाप्त होते है। अब आपके मन में उठ रहे सवालो के जवाब देने का समय आ गया है।

FAQ about earth – सवाल जवाब

पृथ्वी का व्यास कितना है

12,742 km

पृथ्वी का क्षेत्रफल कितना है

51 करोड़ km^2

पृथ्वी का आकार कैसा है

अंडाकार और उपर से चपटी

तो बस यह थी कुछ जानकारी पृथ्वी के बारे में (earth in hindi).

अब बारी आपकी है कॉमेंट में यह बताने की, की यह जानकारी आपको कैसी लगी।

लेकिन इसके बाद अगर आप कुछ रोमांचक पढ़ना चाहते हो तो यह लेख जरूर देखें।

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