क्या आप भौतिक विज्ञान के बारे में सब कुछ जानना चाहते है? यह लेख आपको वो सारी जानकारी देगा जो आपको चाहिए।
फिजिक्स (physics in hindi) एक ऐसा विषय है जो हमारे अभ्यास क्रम से लेकर दैनिक जीवन तक फैल चुका है।
अगर हम इसके मुलभुत सिद्धांतो को समझ लेते है तो इसे समझना बहुत सरल बन जाता है। जो की इस लेख में शामिल है।
साथ ही भौतिक विज्ञान की शाखाएँ, मुलभुत जानकारी और आखिर में 11वीं और 12वीं कक्षा के notes भी इस लेख में है।
तो चलिए शुरू करते है इस रहस्यमय दुनिया के सफर को।
Table of Contents
भौतिक विज्ञान क्या है – what is physics in hindi
अलग अलग कक्षा में भौतिकी के नियम और खोज को हमारे सामने रख दिया जाता है। जिनमे गणित की संख्या और सूत्र होते है।
हमे कभी यह बताया ही नही जाता की आखिर भौतिक विज्ञान क्या है। (what is physics in hindi)
फिजिक्स असल में एक रसप्रद विषय है जिसके अंदर अंतरिक्ष, समय, प्रकाश, तरंग, पदार्थ और ऊर्जा का अभ्यास किया जाता है।
इस अभ्यास से हमे कुछ परिणाम मिलते है। जिसका उपयोग मानव जीवन को सरल बनाने के लिए किया जाता है।
आपको लग रहा होगा की यह एक विज्ञान का विषय है और सिर्फ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ही उपयोग होता है। लेकिन असल में हम भौतिक विज्ञान से घिरे हुए है।
आप के घर में रही सारे इलेक्ट्रिक चीजे आधुनिक भौतिकी द्रारा ही संभव हो पाई है।
आपके ऊपर रहे पंखे का गोल घूमना इसमें भी भौतिकी के गति के नियम काम करते है।
जब आप गेंद को उपर उछालते हो तब वो गुरुत्वाकर्षण बल के चलते नीचे आती है। यह घटना भौतिक विज्ञान का ही हिस्सा है।
इसी तरह हमारे आसपास प्रकृति में हो रही तमाम घटनाओं को समझना ही भौतिक विज्ञान कहलाता है।
अब इसके अर्थ को समझते है।
Meaning of Physics in hindi
Physics यह शब्द ग्रीक शब्द phusika पर से लिया गया है, जिसका अर्थ प्रकृति होता है।
इस तरह प्रकृति के अभ्यास को समझने के लिए इस शब्द को लाया गया है।
जिसका आज के समय में हिंदी अर्थ (Meaning of Physics in hindi) भौतिक विज्ञान या भौतिक शास्त्र या भौतिकी होता है।
भौतिक विज्ञान की परिभाषा – physics definition in hindi
भौतिक विज्ञान की परिभाषा (physics definition) कुछ इस तरह है।
पदार्थ तथा ऊर्जा और उसके बीच की परस्पर प्रक्रिया को समझना भौतिक विज्ञान कहलाता है।
थोडे साफ़ शब्दो में समझते है।
ब्रह्मांड में दो तरह के स्वरूप मौजूद है।
जिनमे पहला है पदार्थ।
धूल, पत्थर, पृथ्वी और यहा तक की हम सब पदार्थ स्वरूप है।
दूसरा है ऊर्जा।
प्रकाश, रेडिएशन और सूर्य की किरणें यह सब ऊर्जा का स्वरूप है।
इन स्वरूपो के अभ्यास से प्रकृति और ब्रह्मांड में घटित हो रही घटनाओं को हम समझ सकते है।
अब फिजिक्स के इतिहास पर नजर डालते है।
भौतिक विज्ञान का इतिहास – history of physics in hindi
17वी सदी में आइजेक न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण बल की खोज की थी। जीसने भौतिक विज्ञान को एक नई दिशा बताई।
न्यूटन के नियम के अनुसार ब्रह्मांड में स्थित हर वस्तु एकदूसरे को अपनी तरफ खिंचती है, जिसे गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता है।
इसके अलावा न्यूटन ने गति के तीन नियमो को भी दुनिया के सामने रखा। फिर समय के साथ फिजिक्स विकसित होता गया और 20वीं सदी तक यह बहुत ज्यादा फ़ैल चूका था।
फिर साल 1905-1916 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने theory of relativity दी।
इस थियरी की मदद से ब्रह्मांड के विशाल पिंडो को समझने में सरलता मिली।
इसके अलावा आइंस्टीन ने E=MC^2 सूत्र दिया, जो बताता था कि पदार्थ और ऊर्जा दोनों एक ही प्रकृति के अलग अलग स्वरूप है। जिन्हे एक दूसरे में बदला जा सकता है।
अब वैज्ञानिको को लगने लगा था की भौतिकि में समझने के लिए अब ज्यादा कुछ बचा नही है।
लेकिन तभी जन्म हुआ क्वांटम फिजिक्स का।
इसके अनुसार पदार्थ की सबसे छोटी वस्तु परमाणु नही बल्कि इसके अंदर रहे इलेक्ट्रान और प्रोटोन कण है।
आगे समय के साथ ऐसे कई सूक्ष्म कणों की खोज हुई।
परंतु यह कण सामान्य दुनिया के नियम से विपरीत अलग ही व्यवहार करते थे। इसी वजह से इन कणो को समझने के लिए एक नई थियरी सामने रखी गईं।
quantum field theory.
जो इस सूक्ष्म स्तर को समझने में मदद करती है।
न्यूटन के समय से लेकर आइन्स्टाइन के समय तक के फिजिक्स को classic Physics कहा जाता है। क्योकि यह सिर्फ स्थूल चीजो पर ही लागु होता है।
दूसरी और, सूक्ष्म स्तर पर कार्य करते फिजिक्स को quantum physics कहा जाता है।
अब चलिए भौतिक विज्ञान के कुछ सिद्धांतो को जानते है।
भौतिक विज्ञान के सिद्धांत – Concepts of physics
फिजिक्स को समझने के लिए इसके मुलभुत सिद्धांत और जानकारी का होना आवश्यक है।
जैसे की यूनिट, प्रकाश के दो स्वरूप, ऊर्जा और पदार्थ, परमाणु की संरचना वगेरे।
तो चलिए जानते है यह सिद्धांतो को।
भौतिक राशि और मात्रक – Quantity and unit
फिजिक्स (physics in hindi) में राशि वो वस्तु है जो किसी पदार्थ की मात्रा बताती है।
ऐसी कई राशि है, जिनमे से कुछ मुलभुत है और कुछ दूसरी राशि पर से निर्माण हुई है।
अंतर, तापमान, वजन, बल, गति, प्रवेग और समय इन सारी मात्रा को नापने के लिए भौतिक राशि का उपयोग होता है।
अगर आप अपने घर से लेकर अपने मित्र के घर तक के अंतर को नापना चाहते है तो मीटर का उपयोग करेंगे। जो की अंतर नामक राशि का एकम है।
वही दूसरी और समय को नापने के लिए आप मिनिट का उपयोग करेंगे।
कभी ऐसा नही होगा की आप अंतर नापने के लिए समय का उपयोग करे या समय नापने के लिए मीटर।
इसी तरह राशि अपना काम करती है। वही कुछ ऐसी भी राशि है जो दो राशि से मिलकर बनी है।
जैसे की गति,
जो अंतर और समय से मिलकर बनी है।
आपने 120 मीटर अंतर काटने के लिए 60 मिनिट का समय लिया है। जिसका अर्थ हुआ की आपकी गति 2 मीटर प्रति सेकंड होगी।
इसी तरह भौतिक विज्ञान की दुनिया में कई राशि और उसके एकम मौजूद है।
बढ़ते है अगले भाग पर।
परमाणु – Atom
क्या आपके मन में कभी विचार आया है कि असल में परमाणु क्या होते है और वह कण और अणु से अलग कैसे होते है।
Atom किसी भी पदार्थ की सबसे छोटी इकाई है। जब हम किसी पदार्थ को छोटा करते जाएंगे, तब हमें परमाणु मिलेंगे। यह अति सूक्ष्म होते है और अविभाज्य भी।
परंतु 20वी सदी में यह बात गलत साबित हुई। जब प्रोटोन और इलेक्ट्रान जैसे कणों की खोज हुई।
यह अति सूक्ष्म कण थे, जिसे किसी प्रयोग के द्रारा खोजा गया था। जिसका अर्थ था कि परमाणु पदार्थ की सबसे छोटी इकाई नही है। बल्कि परमाणु भी इन सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है।
एक परमाणु की संरचना कुछ इस तरह होती है।
परमाणु के केंद्र में एक नाभिक होता है, जिसके अंदर प्रोटोन और न्यूट्रॉन कण होते हैं।
वही दूसरी और नाभिक के आसपास इलेक्ट्रान नामक कण एक गोलाकार पथ पर घूमते रहते है। इस पथ को कक्षा कहा जाता है।
अलग अलग तत्वों में यह कणों की संख्या अलग अलग होती है।
जैसे की कार्बन परमाणु में 6 और ऑक्सिजन में 8.
जहाँ कण परमाणु का हिस्सा होते है वही अणु दो परमाणु से मिलकर बनता है।
ऊर्जा और पदार्थ – Energy and matter
यह जानना जरूरी है कि ऊर्जा और पदार्थ क्या होते है और फिजिक्स (physics in hindi) में किस संदर्भ में इसका उपयोग होता है।
पदार्थ के पास अपना एक द्रव्यमान होता है और वो जगह भी रोकते है। उदाहरण के तौर पर धूल, पत्थर, इंसान और ग्रह।
वही ऊर्जा कोई भी कार्य करने की क्षमता है।
जैसे की विद्युत ऊर्जा, जिसका उपयोग हम पंखे और लैंप में करते है।
ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है।
जैसे की आकाश में चलते पवनो से पवन ऊर्जा मिलती है जिसका windmill के उपयोग से विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण किया जाता है।
भौतिक विज्ञान के अनुसार ब्रह्मांड में पदार्थ और ऊर्जा निश्चित है। यह कभी भी बढ़ या कम नही हो सकते। हां, एक रूप में से दूसरे रूप में बदल जरूर सकते है।
तरंग और कण – Wave and particle
प्रकाश के दो स्वभाव होते है। तरंग और कण।
कण पदार्थ के संदर्भ में होते है। इनका द्रव्यमान होता है और जगह रोकते है।
वही तरंग द्रव्यमान रहित होते है। जो की x ray और अल्ट्रावायलेट किरणों में होते है।
प्रकाश ब्रह्मांड की एक ऐसी वस्तु है, जो कण और तरंग दोनों की तरह व्यवहार करता है।
इसके अंदर फोटॉन नाम के कण होते है जो की द्रव्यमान रहित होते है और ऊर्जा से बने होते है।
यहा पर हमारी मुलभुत जानकारी समाप्त होती है और बढ़ते है भौतिक विज्ञान के ऐसे क्षेत्र की तरफ जो की बहुत रोमांचक है।
भौतिकी की शाखाएं – Branches of physics
17वी सदी तक संपूर्ण विज्ञान एक ही था। उसके बाद विज्ञान को कई भागों में बाँट दिया गया।
उसी समय भौतिक विज्ञान भी रसायन और जीव विज्ञान से अलग हुआ।
समय के साथ इसमें बहुत सी खोजे हुई। जिसके चलते एक ही क्षेत्र में अभ्यास करना संभव नही था। परिणाम स्वरूप इसकी कई शाखाए बनी।
20वीं सदी में जब भौतिक विज्ञान (physics in hindi) एक नए स्तर पर गया तब यह शाखाए और फैली और इनकी कई उपशाखाएँ बनी।
परिणाम स्वरूप आज फिजिक्स कई उपशाखाओं का समूह बन गया हैं। और आज हम इनमे से कुछ महत्वपूर्ण शाखाओं का अभ्यास करेंगे।
जिनमे से पहली है optics.
प्रकाशकी – Optics
फिजिक्स की इस शाखा में प्रकाश के गुणधर्म और उसके व्यवहार के साथ पदार्थ के साथ होने वाली प्रक्रिया का भी अध्ययन किया जाता है।
Optics में Visible, ultraviolet और Infrared किरणों पर रिसर्च की जाती है। यह किरणे एलक्ट्रोमेग्नेटिक तरंग के रूप में होती है।
साथ ही दूसरे स्वरूप X ray, microwave और radio wave भी एलक्ट्रोमेग्नेटिक रेडिएशन तरंग के रूप में हो होती है। उसका भी अध्ययन होता है।
आप जानते है कि प्रकाश के दो स्वरूप है। तरंग और कण।
इसी वजह से optics की भी दो उपशाखाएँ बनी हुई है।
Physical optics: जिसमे प्रकाश का अध्ययन एक तरंग के स्वरूप में किया जाता है।
Geometrical optics: जिसमे प्रकाश को कण के संदर्भ में रखकर अध्ययन किया जाता है।
आज के समय में उपयोग होने वाला केमेरा और इंटरनेट भौतिक विज्ञान के इसी शाखा की देन है।
परमाणु भौतिकी – Atomic physics in hindi
परमाणु भौतिकी में संपूर्ण परमाणु का अध्ययन किया जाता है, जिसमे नाभिक और उसके आसपास घूम रहे इलेक्ट्रान का समावेश होता है।
खास करके इलेक्ट्रॉन की नाभिक के आसपास की व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
शुरूआती समय में यह माना जाता था कि परमाणु ही पदार्थ की सबसे छोटी मात्रा है, लेकिन जब इलेक्ट्रान और प्रोटोन जैसे कणों की खोज हुई तब Atomic physics को एक नया मार्गदर्शन मिला।
वैसे तो विज्ञान का उपयोग मानव जीवन को सरल बनाने के लिये किया जाता है, लेकिन भौतिक विज्ञान के इस शाखा का उपयोग दवाएं और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र की तुलना में हथियार बनाने के लिए ज्यादा किया जाता है।
आपने परमाणु बम के बारे में ना सुना हो ऐसा हो ही नही सकता, जो फिजिक्स की इस शाखा की देन है।
बढ़ते है अगली शाखा की और।
नाभिकीय भौतिकी – Nuclear physics
Nuclear physics में परमाणु का केंद्र जिसे नाभिक कहा जाता है उस पर और उसमे से निकलने वाले रेडिएशन पर अभ्यास किया जाता है।
जहा atomic physics में संपूर्ण परमाणु का अभ्यास होता है वहाँ इस शाखा में सिर्फ केंद्र में रहे नाभिक का ही अध्ययन होता है।
नाभिक के केंद्र में प्रोटोन और न्यूट्रोन कण आये हुए होते है। जो Strong nuclear force के जरिये एक दूसरे से जुड़े होते है। जिसका अध्ययन भी नाभिकीय भौतिक विज्ञान में होता है।
यह बल weak nuclear force से 10,00,000 गुना ज्यादा शक्तिशाली होता है।
किसी कुदरती या कुत्रिम घटना के चलते नाभिक के अंदर रहे कण कई बार अस्थिर हो जाते है। जिससे नाभिक स्थिर होने के लिये अपने अंदर के कण को रेडिएशन के रूप में छोड़ता है।
नाभिक से निकलने वाली यह ऊर्जा बहोत शक्तिशाली होती है। आज के समय में उपयोग होने वाले nuclear weapons इसी की देन है।
Special fact: यह नाभिक इतनी सूक्ष्म होने के बाद भी न्यूक्लेअर फिजिक्स को एक जटिल शाखा बना देती है।
कण भौतिकी – Particle physics
परमाणु के अंदर रहे सूक्ष्म कण जैसे की इलेक्ट्रान, प्रोटोन और न्यूट्रोन का अभ्यास इसी शाखा में किया जाता है।
इसके साथ पदार्थ और ऊर्जा के बीच होने वाली परस्पर प्रक्रिया पर भी अभ्यास किया जाता है।
आज के समय में हमारे पास पदार्थ के 12 अलग अलग सूक्ष्म कण मौजूद है। इनमे से कुछ कण स्थिर नही होते, इसीलिये इन्हें high energy देकर बनाना पड़ता है।
यह वजह है कि कण भौतिकी को high energy physics भी कहा जाता है।
हम जानते है कि परमाणु इन्ही तीन सूक्ष्म कणों से मिलकर बना है।
परन्तु प्रोटोन और न्यूट्रॉन जैसे कण भी quark नाम के सूक्ष्म कणों से मिलकर बने होते है।
अब तक 6 तरह के Quarks पाए गए है।
up, down, top, bottom, charm, strange
Particle physics में इन कणो के अभ्यास के साथ नए कणों को खोजने पर भी ध्यान दिया जाता है।
परमाणु भौतिकी संपूर्ण परमाणु का अध्ययन करती है, जब की नाभिकीय भौतिकी सिर्फ परमाणु के एक छोटे से भाग नाभिक का ही अध्ययन करती है। वही कण भौतिकी सिर्फ कणों का अध्ययन करती है।
चलिये बढ़ते है भौतिक विज्ञान (physics in hindi) की अगली शाखा की तरफ।
उष्मागतिकी – Thermodynamics
उष्मागतिकी में ऊष्मा, तापमान और कार्य का अभ्यास किया जाता है।
साथ ही पदार्थ और ऊर्जा किस तरह इनके साथ प्रतिक्रिया करती है उसका भी अध्ययन किया जाता है।
कैसे ऊष्मा एक वस्तु से दूसरी वस्तु में जाती है और कैसे दो पदार्थ संपर्क में आने से उनका तापमान समान हो जाता है। इसका अभ्यास उष्मागतिकी में होता है।
Thermodynamics के कुछ मुलभुत नियम है। माना जाता है कि यह अटूट है और ब्रह्मांड की हर जगह पर यह समान रहते है।
यह नियम कुछ इस तरह है।
1. ऊर्जा को ना बनाया जा सकता है ना ही उसे नष्ट किया जा सकता है। ऊर्जा हमेशा अचल रहती है।
2. ऊष्मा हमेशा उच्च तापमान से निम्न तापमान की तरफ ही बहती है।
3. परम शून्य तापमान पर अणुओ की हलनचलन बंद हो जाती है।
तो बस यह थी भौतिक विज्ञान की कुछ महत्वपूर्ण शाखाएँ।
अब बारी है हिंदी notes की।
Physics notes in hindi
भौतिक विज्ञान एक रसप्रद विषय है। यह विषय लगभग हर कक्षा में आता है। खास करके 11वी और 12वी में।
परंतु किताब की यह भाषा बहुत ही जटिल होती है। इसीलिए हमने यहाँ पर फिजिक्स के हिंदी नोट्स दिए है।
इस लिंक पर आपको 11वीं कक्षा के सारे हिंदी notes मिल जाएंगे।
Link: SpamSite3366ff;”>SpamSite3366ff;” href=”https://studynagar.com/physics-class-11-notes-in-hindi-medium-pdf-download” rel=”nofollow”>11वीं कक्षा के हिंदी notes
12वीं कक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण होती है तुलना में 11वीं के। इस वजह से हमने यहाँ पर दो वेबसाइट के लिंक दिए हुए है।
जिससे आप ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सके।
Link 1: SpamSite3366ff;”>SpamSite3366ff;” href=”https://studynagar.com/12th-class-physics-notes-in-hindi-for-ncert/” rel=”nofollow”>12वीं कक्षा के हिंदी notes
Link 2: SpamSite3366ff;”>12वीं कक्षा के हिंदी notes
Link 3: SpamSite3366ff;”>Msc me kitne subject hote hai
यहाँ पर आपको 11वीं और 12वीं कक्षा के भौतिक विज्ञान की जानकारी मिल जाएगी, परंतु पहले इस लेख को पूरा करते है।
FAQ
चलिये कुछ सवाल जवाब हो जाए।
भौतिक विज्ञान के जनक कौन है?
Physics को हिंदी में क्या कहते है?
भौतिक विज्ञान कितने प्रकार के होते हैं?
Conclusion
इस लेख में हमने जाना की भौतिक विज्ञान क्या है (physics in hindi), साथ ही उसके सिद्धान्त और शाखाएँ भी।
उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी।
अब बारी आपकी है कमेंट में यह बताने की, की इस लेख में सबसे अच्छा आपको क्या लगा।
इसके मुलभुत सिद्धांत या शाखाएँ। जो भी हो कमेंट में बताएं।
लेकिन, अगर आप कुछ रोमांचक पढ़ना चाहते है तो इन को एक बार जरूर देखें।
👉 जानिए विज्ञान क्या है (2020 की 5 नई खोज)
👉 रसायन विज्ञान की अदभुत दुनिया ( मुलभुत सिद्धांत)
👉 जिव विज्ञान की संपूर्ण जानकारी (4 खास शाखाएं)
thank you for sharing very nice infromation sir/mam
धन्यवाद
Sir aap bahut hi acchi knowledge dete hain maine aapke sabhi articles read kar liye hain to next article kab aayega Main wait kar rha hu par wait nhi ho rha hai
Bhai jald hi naye articles ko publish karunga abhi mai 9 planets articles ko update kar raha hu
To aap use read kar skte hai.
Dhanyawad
1900-1925 the development of physics ye humko read krna h
जी हम जल्द ही यह जानकारी लेख में जोड़ देंगे।
Thankyou so much for sharing the information