गुरुत्वाकर्षण बल (gravity in hindi) ब्रह्मांड के चार मुलभुत बलो में से सबसे कमजोर है लेकिन एक यही है जिसने ब्रह्मांड की गहराइयो में छिपे कई रहस्यों से हमे मिलाया है।
क्योकि कोई चिज हमे दिखे या ना दिखे, लेकिन उसका गुरुत्व प्रभाव जरूर दिखाई पड़ता है। यही वजह है कि ब्रह्मांड की कई ऐसी अद्रश्य चीजे जिसे हम देख नही सकते लेकिन उसके अस्तित्व को खोज निकाला है।
सिर्ज और सिर्फ ग्रेविटी की मदद से।
चलिये यह सारी रहस्यमय चीजे जानते है लेकिन पहले गुरुत्वाकर्षण बल पर भी एक नजर डाल लेते है।
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what is gravity in hindi – गुरुत्वाकर्षण बल क्या है
गुरुत्वाकर्षण ब्रह्मांड में रहा एक अद्रश्य बल है जो हर चीज को एकदूसरे की और खींचता है।
या हम कह सकते है कि,
गुरुत्वाकर्षण बल ब्रह्मांड में रही दो वस्तु के बीच का आकर्षण है। ब्रह्मांड की सारी चीजें, जिसके पास अपना कोई द्र्व्यमान है तो वो गुरुत्वाकर्षण बल उत्पन्न करता है।
जैसे की हमारी पृथ्वी।
अगर आप गेंद को उपर उछालोगे तो वह नीचे की तरफ ही आएगी क्योकि पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल उसे अपनी तरफ खिंचेगा।
वो गेंद भी अपने द्र्व्यमान की वजह से ग्रेविटी को उत्पन्न करेगा, लेकिन पृथ्वी की तुलना में उसकी शक्ति बहोत कम होती होगी इसी वजह से सिर्फ बोल ही पृथ्वी की और आकर्षित होगा।
अब थोड़ा समय में पीछे चलते है जब गुरुत्वाकर्षण बल (gravity) की खोज हुई थी।
Discovery of gravity in hindi – गुरुत्वाकर्षण बल की खोज
वो न्यूटन (Newton) ही था जिसने गुरुत्वाकर्षण बल की खोज (discovery of gravity) की थी। वो सेब के पेड़ के नीचे बैठा था, तभी अचानक उसके पास एक सेब गिरा।
इसीके साथ न्यूटन के मन मे विचार आया की यह सेब नीचे ही क्यों गिरा। यह ऊपर भी तो जा सकता था।
यह जानने के लिए उन्होंने एक प्रयोग किया। एक कैनन के जरिये गेंद को उपर फेंका। तो वो गेंद थोड़ी ऊपर गयी और नीचे आ गिरी।
फिर न्यूटन ने थोड़े ज्यादा बल से गेंद को ऊपर फैंका। इस बार गेंद ज्यादा ऊपर गयी लेकिन वापस जमीन पर ही आ गिरी।
इससे न्यूटन को विचार आया अगर कोई वस्तु को जब तक बाहर से बल ना दिया जाए तब वो वैसी ही रहती है जैसे वो पहले थी।
लेकिन यहा पर गेंद की उपर जाने की गति धीमी होती जाती थी और फिर नीचे आ गिरती थी।
मतलब की कोई बाहरी बल था जो उसे खींच रहा था।
इसीके साथ उसे यह भी ख्याल आया की अगर हम इस गेंद को बहोत तेजी से फेंकेंगे तो यह पृथ्वी के बहार चला जाएगा और चारो और पृथ्वी की कक्षा में घूमता रहेगा।
ठीक ऐसे ही जैसे सारे ग्रह सूर्य के चारो और घूमते है।
इसी पर से उन्होंने पता लगाया की पृथ्वी का कोई बल जरूर है जो सारी चीजो को अपनी तरफ खींचता है। जिसे बाद में उसने गुरुत्वाकर्षण बल नाम दिया।
Gravity meaning in hindi – गुरुत्वाकर्षण का अर्थ
Gravity शब्द का हिंदी अर्थ (Gravity meaning in hindi) गुरुत्वाकर्षण बल होता है। पृथ्वी को दर्शाते गुरुत्व और आकर्षण दोनों शब्दो को मिलाकर बनाया गया है गुरुत्वाकर्षण।
वैसे इसे हम gravitational force भी कहते है, लेकिन सरलता के लिए gravity ही इस्तमाल किया जाता है।
gravity theory in hindi – गुरुत्वाकर्षण बल का नियम
न्यूटन ने सिर्फ गुरुत्वाकर्षण बल की खोज ही नही की थी बल्कि उसे गाणितिय रूप से बताया भी था। जो इस तरह है।
Defination: दो वस्तुओ के बीच लगता गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्र्व्यमान के समानुपातिक और उनकी दुरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
समानुपातिक मतलब की द्रव्यमान के बढ़ते बल बढ़ता है ओर व्युत्क्रमानुपाती मतलब की दुरी के बढ़ते बल कम होता है।
जहाँ
F: गुरुत्वाकर्षण बल
G: गुरुत्वीय स्थिरांक
M: पहली वस्तु का द्र्व्यमान
m: दूसरी वस्तु का द्र्व्यमान
R: दोनों वस्तु के बीच का अंतर
अगर पदार्थ का द्र्व्यमान (mass) ज्यादा है तो बल भी ज्यादा लगेगा, लेकिन दोनों के बीच की दुरी बढ़ने से बल कमजोर होने लगेगा।
Different planet different gravity – अलग ग्रहो पर अलग गुरुत्वकर्षण बल
गुरुत्वाकर्षण बल चीजो के द्र्व्यमान पर आधार रखता है। इसी वजह से हर वस्तु की gravity अलग होती है।
यहा तक की पृथ्वी की अलग अलग जगह पर भी गुरुत्वाकर्षण बल अलग अलग होता है।
सामान्य तौर पर सतह पर लगता बल 1G का होता है लेकिन यही बल उत्तर ध्रुव (north pole) पर ज्यादा और दक्षिण ध्रुव (south pole) पर कम लगता है, वैसे यह बदलाव बहोत कम होता है।
लेकिन अगर आप ग्रह को बदलते हो तो यह बदलाव बहोत ज्यादा हो जाता है।
बुध ग्रह हमारी पृथ्वी से छोटा है जिससे उसका गुरुत्वाकर्षण बल (ग्रेविटी) भी कम हो जाता है, पृथ्वी की तुलना में 38% ही है।
अगर आपका वजन पृथ्वी पर 100 kg है तो बुध पर सिर्फ 38 kg ही होगा।
वही दूसरी और गुरु ग्रह पृथ्वी (earth) से बहोत बड़ा है और द्र्व्यमान भी कई ज्यादा है।
जिससे उसका गुरुत्वाकर्षण बल भी 2.5 गुना ज्यादा है पृथ्वी की तुलना में। इससे वहाँ आपका वजन 250 kg हो जाएगा।
जैसे जैसे यह बल (gravity in hindi) बढ़ता जायेगा हम पर दबाव भी ज्यादा होता जाएगा।
मान लीजिए आप चाँद पर है, तो आप बिलकुल हल्का महसूस करेंगे और पृथ्वी की तुलना में 6 गुना ज्यादा उछल पाएंगे।
लेकिन वही गुरु ग्रह ज्यादा बल के साथ आपको अपनी तरफ खिंचेगा। जिससे आप पर दबाव बढ़ेगा और आप बहोत ही कम उछल पाएंगे।
ऐसे ही गुरुत्वाकर्षण बल बढ़ने के साथ आप पर वजन भी बढ़ता जाएगा। अगर आप एक तारे की सतह पर होंगे तो यह हजारो गुना अधिक दबाव होगा, इतने में आपके शरीर के चीथड़े उड़ जाएंगे।
गुरुत्वाकर्षण बल के साथ उसका गुरुत्व त्वरण (gravitational velocity) भी होता है।
कोई भी गिरती वस्तु का समय के साथ बढ़ती गति को गुरुत्व त्वरण कहा जाता है।
अगर आप किसी पहाड़ से गिरते हो तो हर सेकंड आपकी गिरने की गति बढ़ेगी। पहली सेकंड में आपने जितना अंतर काटा होगा, अगले सेकंड उससे ज्यादा काटोगे।
यह बढ़ता अंतर ग्रह पर निर्भर करता है। जो पृथ्वी के लिए 9.8m/s^2 है। मतलब की पहाड़ से गिरते वक्त हर सेकंड आप 9.8m ज्यादा काटोगे।
यह गति चाँद पर कम और गुरु पर ज्यादा होती है, बिलकुल ग्रेविटी की तरह।
About gravity in hindi – गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में
गुरुत्वाकर्षण बल (gravity) हमारे ब्रह्मांड को बनाने के लिए जिम्मेदार है। ब्रह्मांड के अंदर रहे गैस और धूल गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव की वजह से आपस में मिलकर तारो (star) की रचना करते है।
ऐसे ही कई तारे ग्रेविटी की वजह से एकदूसरे के नजदिक आकर समूह बनाते है जिसे आकाशगंगा (galaxy) कहा जाता है।
हमारे सौरमंडल का भी जन्म गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से ही हुआ था।
एक विशाल बादल टूटने की वजह से उसके गैस और धूल एक जगह जमा होने लगे जिसमे से सूर्य की रचना हुई और फिर जो भाग बच गया उससे मिलकर ग्रह और उपग्रह बन गए।
Importance of gravity in hindi – गुरुत्वाकर्षण बल का महत्व
आपने स्कुल में पढ़ा ही होगा की ग्रेविटी की खोज न्यूटन ने की थी और फिर गति के नियम भी दिए वगेरे।
लेकिन कभी हमे ठीक से बताया ही नही गया की असल में गुरुत्वाकर्षण बल (gravity in hindi) को क्यों इतना महत्व दिया जाता है।
क्योकि यह वो बल है जिसने अब तक हमे ब्रह्मांड को समझने में मदद की है। यहाँ तक की बलै होल और आकाशगंगा को ढूंढने में भी सीर्फ और सिर्फ gravity का ही हाथ है।
अंतरिक्ष की कोई चिज हमे भले दिखाई ना देती है पर अपने अंदर रहे द्र्व्यमान (mass) से गुरुत्वाकर्षण बल जरूर उत्तपन्न करती है।
उन्ही में से एक है ब्लैक होल।
ब्लैक होल ब्रह्मांड की ऐसी जगह है जहा से प्रकाश भी भी निकल नही सकता। इसी वजह से हम कभी ब्लैक होल को नही देख सकते।
लेकिन उसके द्र्व्यमान की वजह से उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण बल अपने आसपास रहे तारो और ग्रहो पर प्रभाव डालता है।
साथ ही अपने नजदीक से निकलने वाली light को भी मोड़ देता है अपने गुरुत्वबल के जोर पर से।
इन्ही घटनाओ से ही वैज्ञानिक ब्लैक होल को खोज पाते है।
पूरा लेख: ब्लैक होल की अदभुत जानकारी
ऐसी ही एक और अद्रश्य चिज है डार्क मैटर। यह ब्रह्मांड के वो कण है जो हमे कभी दिखाई नही देते लेकिन यही आकाशगंगा को बांधे रखती है।
1920 के दशक में एक खगोलशास्त्री ने देखा की आकाशगंगा जितनी तेजी से घूम रही है उसके लिए उसका द्रव्यमान पर्याप्त नही है।
मतलब की ऐसा कुछ जरूर होना चाहिए जो इस आकाशगंगा को बनाये रखने के लिए ग्रेविटी उत्तपन्न कर रहा हो।
पर वैज्ञानिक इन कणो को नही देख पा रहे थे, इसीलिये इसे डार्क मैटर का नाम दे दिया।
एक संभावना है कि गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से ब्रह्मांड का अंत हो जाएगा।
कैसे आइए जानते है।
अभी के समय हमारा ब्रह्मांड फ़ैल रहा है लेकिन एक समय पर गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से यह फैलना बंद हो जाएगा और वापस सिकुड़ने लगेगा।
जिससे सारे ग्रह, तारे और आकाशगंगाएं एक दूसरे में मिल जाएगी और पूरा ब्रह्मांड एक बिंदु में समा जाएगा।
Facts about gravity in hindi – गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में तथ्य
प्राचीन ग्रीक और भारतीय खगोलशास्त्रीओने गुरुत्वाकर्षण बल (gravity in hindi) के बारे सबसे पहले बताया था, लेकिन वो गणितीय रूप से समझा नही पाए थे।
अंतरिक्ष में ग्रेविटी नही होती, इसीलिये हम वहा उड़ने लगते है। (जैसा आप मूवी में देखते हो)
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण बल का उपयोग करके जब बुध ग्रह की कक्षा का अभ्यास किया जा रहा था, तब उसमे कई त्रुटियां आ रही थी। जो की बाद में थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी से दूर हो गयी।
गुरुत्वाकर्षण बल की गति प्रकाश जितनी है। अगर सूर्य अपनी जगह से हट जाए तो पृथ्वी 8 मिनिट के बाद में अपनी कक्षा से भटक जाएगी।
गुरुत्वाकर्षण बल स्थूल शरीर पर ही काम करता है, सूक्ष्म स्तर पर यह नियम किसी काम का नही है।
तो बस यह थी कुछ जानकारी गुरुत्वाकर्षण बल या कहे ग्रेविटी (gravity in hindi) के बारे में। अगर आप ऐसा ही कुछ और रोमांचक पढ़ना चाहते हो तो यह लेख देख सकते हो।
👉 सौरमंडल: जन्म से लेकर अंत तक