हमारे चन्द्रमा की संपूर्ण जानकारी – moon in hindi

क्या आप चंद्रमा (moon in hindi) के बारे में सब कुछ जानना चाहते है? यह लेख आपको वो सारी जानकारी देगा जो आपको चाहिए।

चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है और बहुत ही रहस्यमय भी। जिसके बारे में जानना सच में रोमांचक है।

तो चलिये जानते है।

Moon in hindi, चंद्रमा, chandrama

चंद्रमा का इतिहास – History of moon in hindi

चंद्रमा का इतिहास (History of moon) थोड़ा सा अलग है। क्योकि ग्रहो की तुलना में यह हम से ज्यादा नजदीक होने से हम इसे नँगी आँखों से आसानी से आसमान में देख सकते है।

प्राचीन समय में कुछ लोग इसे bowl of fire (आग का कटोरा) मानते थे वही कुछ लोगो को यह एक विशाल आईना लगता था जिसमे पृथ्वी कि जमीन और समुद्र का प्रतिबिंब दीखता है।

लेकिन ग्रीक दार्शनिक जानते थे की यह एक गोलाकर वस्तु है जो पृथ्वी के आसपास घूम रही हैं और सूर्य के प्रकाश क परावर्त्तित करती है।

साथ ही वो मानते थे की अंधेरे भाग पर समुद्र है और चमकीले भाग पर जमीन।

चंद्रमा की खोज किसने की यह कहना नामुमकिन है क्योकि यह हमे साफ़ साफ़ दिखाई देता है। लेकिन टेलिस्कोप के जरिये इसका अभ्यास करने वाला पहला इंसान Galileo था।

Galileo and moon in hindi, चंद्रमा की खोज

तब मान्यता थी की इसकी सतह चिकनी है लेकिन Galileo ने देखा की यह उबड़खाबड़ है। जिस पर कई गढ्ढे और चट्टानें आई हुई है।

जिसके बारे में हम आगे जानेंगे, पर पहले जानते है इस शब्द का अर्थ।

moon meaning in hindi

यह शब्द पुरानी अंग्रेजी भाषा mona पर से आया है। जिसका हिंदी अर्थ (moon meaning in hindi) चंद्रमा होता है।

हिन्दू संस्कृति में यह एक भगवान का नाम है।

चंद्रमा की उत्पत्ति – formation of moon

चंद्रमा की उत्त्पति (formation) को लेकर कई धारणाए है जिसमे एक यह है।

सौरमंडल के बनने के 95 मिलियन साल बाद एक खगोलीय पिंड पृथ्वी से टकराया था। जिससे पृथ्वी का कुछ भाग अंतरिक्ष में गिर गया और उसमे से जन्म हुआ चंद्रमा का।

वैज्ञानिको के मुताबिक इस खगोलीय पिंड का आकार पृथ्वी के 10वें भाग का था। जीसे Theia नाम दिया गया है।

यह धारणा सबसे ज्यादा सटीक बैठती है, क्योंकिपृथ्वी और moon दोनों की संरचना काफी समान है। 2015 के simulation of planetary orbits के अभ्यास से इस घटना की संभावना और भी ज्यादा बढ़ जाती है।

इसके अलावा दूसरी थियरी यह है कि पृथ्वी ने इसे शुक्र ग्रह से चुराया होगा।

जो भी हो, हम आगे बढ़ते है।

चंद्रमा के बारे में – Moon in hindi

जो खगोलीय पिंड किसी ग्रह के आसपास परिक्रमा करते है उसे उपग्रह कहा जाता है।

चंद्रमा (Moon in hindi) हमारी पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है। जब की बृहस्पति ग्रह के पास 79 और शनि ग्रह के पास 82 है। इसके विपरीत बुध और शुक्र ग्रह के पास एक भी उपग्रह नही है। लेकिन मंगल ग्रह के पास दो है।

चंद्रमा पृथ्वी से 3,84,400 km दूर अपनी कक्षा में घूम रहा है।

Moon distance in hindi, पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी

इस की त्रिज्या 1,740 km है, जो हमारे नौंवे ग्रह प्लूटो से भी ज्यादा है। आकार में यह पृथ्वी के लगभग चौथे भाग का है।

Moon size in hindi, चंद्रमा का आकार

पृथ्वी चंद्रमा तंत्र – Earth moon system

मून के गुरूत्वाकर्षण बल की वजह से पृथ्वी पर रहे समुद्र के स्तर में अनुमानित वृद्धि और गिरावट होती है। परिणाम स्वरूप ज्वार उतपन्न होते है। यहाँ तक की यह असर झील और तालाबो में भी देखने मिलती है।

जहाँ पृथ्वी मून के नजदिक होती है वहाँ विशाल ज्वार उत्त्पन्न होते है। और जहा दूर होती है वहाँ पानी का स्तर कम हो जाता है।

इसके उपरांत, मून सो सालो में हमारे दिन को 2.3 milliseconds बढ़ा देता है। साथ ही यह हर साल हम से 1.5 inches दूर जा रहा है।

अब इसकी कक्षा की बारी है।

चंद्रमा की कक्षा – moon orbit in hindi

जैसे हमारी पृथ्वी सूर्य के चारो और घूम रही है वैसे ही यह भी पृथ्वी के चारों और घूम रहा है। चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा 27.5 दिन में करता है।

पृथ्वी अपनी कक्षा में आगे बढ़ रही है। इसके चलते परिक्रमा (orbit) का समय बढ़कर 29 दिन हो जाता है।

यह इतना ही समय खुद की धरी पर घूमने में भी लगता है। जिससे मून (moon in hindi) हमारी पृथ्वी के साथ tidily locked है। मतलब की इसका  एक भाग हमेशा हमारे सामने रहता है जिसे near side कहा जाता है। और एक भाग हमेशा विरूद्ध में रहता है उसे far side कहा जाता है।

अब आते है अगले विषय पर।

चंद्र ग्रहण – lunar eclipse

पृथ्वी की परिक्रमा की वजह से कभी कभी ऐसी परिस्थति आती है की सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनो एक रेखा में आ जाते है।

जब पृथ्वी सूर्य और मून के बीच आती है तब moon पर सूर्य का प्रकाश नही पड़ता जिससे वहां अँधेरा छा जाता है। इसी घटना को चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) कहते है।

Moon eclipse in hindi, चंद्र ग्रहण

लेकिन जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है तब पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश नही पड़ता। इसी वजह से पृथ्वी के कुछ हिस्सों में दिन के समय भी अँधेरा छा जाता है। जिसे सूर्य ग्रहण कहते है।

Solar eclipse, सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण में पृथ्वी का कुछ भाग ही अँधेरे में रहता है क्योकि मून का आकार पृथ्वी की तुलना में छोटा है।

आखरी बार संपूर्ण अमेरिका में सूर्य ग्रहण साल 2017 में देखने को मिला था, अब यह स्थिति 2024 में फिर देखने को मिलेगी।

चंद्रमा की कलाएं – Phases of moon in hindi

हर रात पृथ्वी का यह उपग्रह हमे अलग आकार का दीखता है। कभी अर्धगोलाकार तो कभी सम्पूर्ण गोल। कभी तो यह दिखाई ही नही देता।

यह इसीलिये होता है क्योंकि, चंद्रमा का प्रकाश स्वयं का नही होता बल्कि वह सूर्य प्रकाश को परावर्त्तित करता है।

साथ में वह पृथ्वी की परिक्रमा करता है इसी वजह से इसके प्रकाशमान भाग का आकार पृथ्वी पर देखने से बदलता रहता है।

इसे phases of moon कहा जाता है। हिंदी में इसे चंद्रमा की कलाएं कहते है।

जब far side पर प्रकाश पड़ता है तब हमे यह नही दीखता, इसे new moon कहते है। लेकिन जब near side पर प्रकाश पड़ता है तब यह पूर्ण रूप से दिखाई देता है, जिसे full moon कहते है।

इसके अलावा जब सूर्य प्रकाश far and near side  दोनों पर पड़ता है तब यह अर्धगोलाकार दिखाई देता है।

Phase of moon in hindi, चन्द्रमा की कलाएं

इसी तरह इस के कुल 8 phases है। जिन्हें हम उनके नाम के साथ नीचे देख सकते है।

🌑 New

🌒 Waxing Crescent

🌓 First Quarter

🌔 Waxing Gibbous

🌕 Full

🌖 Waning Gibbous

🌗 Third Quarter

🌘 Waning Crescent

है ना गजब।

संरचना – Structure

चंद्रमा की संरचना (Structure) तीन स्तर से मिलकर बनी है।

कोर (core)
आवरण (mantle)
पपड़ी (crust)

चन्द्रमा की संरचना, structure of moon in hindi

मून (moon in hindi) की कोर 480 km त्रिज्या में फैली है। जो आर्यन से बनी है। साथ ही इसमें सल्फर जैसे दूसरे तत्व भी शामिल है।

इसके ऊपर आवरण है जो 1,330 km मोटा है। यह आर्यन और मैग्नेशियम के घने पत्थरो से मिलकर बना है।

और आखिर में है पपड़ी। इसकी मोटाई सतह के साथ 70 km है। इसकी ऊपर की पपड़ी टूटी हुई है जिसकी वजह करोड़ो साल पहले हुई उल्कापिंड की बमबारी है।

सतह – Surface

सौरमंडल के शुरूआती समय में moon पर उल्कापिंड और धुमकेतु की बमबारी हुई थी। जिसने इसकी सतह (Surface) पर कई विशाल गढ्ढो का निर्माण किया। इस बमबारी ने इस की सतह को धूल से लेकर विशाल चट्टानो में बदल के रख दिया था।

Tycho Crater नामक गढ्ढा जो इसी बमबारी से बना था, वह 85 km से भी ज्यादा बड़ा है। यह सारे क्रेटर इस बात को दर्शाते है कि चन्द्रमा पर बहुत बमबारी भारी मात्रा में हुई थी।

चंद्रमा का वायुमंडल – atmosphere of moon

अभी कुछ साल पहले माना जाता था कि चाँद के पास वायुमंडल नही है। लेकिन नई रिसर्च के दौरान पानी की खोज से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस के पास अपना एक बहुत पतला वायुमंडल है। जिसे बहिर्मण्डल कहते है।

लेकिन यह वायुमंडल (atmosphere of moon in hindi) उल्कापिंड को रोकने में असमर्थ है। साथ ही वहाँ गर्मी भी स्थिर नही रह सकती। जिस के चलते चंद्रमा के तापमान में बहुत तफावत देखने मिलता है।

मून की सतह जो की सूर्य की तरफ होती है उसका तापमान 134℃ तक रहता है और अँधेरे भाग पर तापमान -153℃ तक चला जाता है।

इसके उपरांत, इस उपग्रह का अंतरिक्ष में अक्षीय झुकाव 1.5° ही है। जिससे वहाँ पर हमे पृथ्वी की तरह बदलते मौसम देखने नही मिलते।

चंद्रमा मिशन – Moon mission in hindi

साल 1959 में रशिया द्रारा moon पर पहला मिशन (mission) किया गया था, जिसने कुछ तस्वीरें ली थी। यह मिशन अमेरिका और रशिया के बिच एक अंतरिक्ष मिशन स्पर्धा का कारण बना।

इस स्पर्धा में अमेरिका ने Pioneer, Ranger और Surveyor जैसे मिशन को अंजाम दिया और दूसरी और रशिया ने Luna और  Zond जैसे मिशन किये।

साल 1968 में अमेरिका का apollo 8 पहला मिशन था जिसमे अंतरिक्ष यात्री ने इस उपग्रह की परिक्रमा की थी।

फिर साल 1969 में हुए mission Apollo 11 ने इतिहास रच डाला। मानव इतिहास में यह पहली बार था जब किसीने दूसरी दुनिया में अपना कदम रखा हो।

neil Armstrong ने चाँद पर अपना पैर रखा था। जो एक विस्मयकारी सफलता थी।

Apollo 11 mission in hindi

दूसरी और रशिया ने भी 1970 में पहला रोबोटिक चंद्र अवश्लेशन किया था और ठीक इसके दो महीने बाद रोबोटिक चंद्र रोवर को भी सक्रिय किया जिसे lunokhod 1 नाम दिया।

इसके बाद lunokhod 2 को 1973 में लौन्च किया। जिसने 40 साल तक दूसरी दुनिया में रहने का रिकॉर्ड बनाया।

Lunokhod 2

कुछ दशकों बाद कई देशों ने भी इसमें हिस्सा लिया।

जैसे की जापान, भारत और चीन।

साल 2008 के दौरान भारत ने अपना एक अंतरिक्ष यान चंद्रयान-1 को भेजा था लेकिन कुछ तकनीकी खराबी की वजह से यान के साथ का संपर्क टूट गया, पर nasa की मदद से साल 2017 में इस यान की स्थति को ढूंढ लिया गया।

अभी कुछ समय पहले ही isro द्रारा चंद्रयान -2 को लांच किया गया था। यह यान उपग्रह की ऐसी जगह पर उतरने वाला था, जहा पहले कभी कोई यान नही गया हो। पर अंत में जाकर इससे संपर्क टूट गया।

लेकिन अभी भी isro एक बार और मून (moon in hindi) पर मिशन करेगा, जिसे चंद्रयान-3 नाम दिया गया है, यह पहले के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली यान होने वाला है।

अभी के समय भविष्य के कई मिशनों के बारे में चर्चाए हो रही है।

साल 2019 में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था की वो 2024 में फिर से इंसानो को moon पर भेजना चाहते है।

Artemis program जिसमे इस पर एक कॉलोनी बनाने की योजना है। इस मिशन को तीन भागों में बांटा गया है। यह एक बड़ा मिशन होने के चलते इसे अंतराष्टीय स्तर पर बनाया जाएगा।

चाँद पर पानी की खोज – moon water in hindi

चाँद पर पानी की खोज (moon water in hindi) एक खास विषय है। क्योकि इससे तय होता है कि चंद्रमा पर जीवन बन सकता है या नही।

शुरूआती समय में जब इसके नमूनों का अभ्यास किया था तब यह सामने आया था कि इसकी सतह पर पानी नही है और यह बिलकुल सुखी है।

लेकिन साल 2008 में भारत के चंद्रयान -1 ने सतह में रहे hydroxyl molecules को ढूंढ निकाला था।

फिर Lunar Prospector, LCROSS, और Lunar Reconnaissance Orbiter के जरिये यह पता चला की चंद्रमा पर वैश्विक जल का अस्तित्व है और साथ में इसके ध्रुव पर बर्फ भी।

इसके साथ यह बात भी पता चली की यहाँ का पानी सतह से थोड़ा नीचे है। जब इस पर कोई छोटा उल्कापिंड गिरता है तब यह पानी धमाके की वजह से उभर आता है और अंतरिक्ष में विलीन हो जाता है।

अभी 2020 में ही nasa के sofia ने उजाले वाले भाग पर भी पानी की खोज की है।

अब बारी है कुछ ऐसे सवाल-जवाब की जो ज्यादातर पूछे जाते है।

frequently asked questions

पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी कितनी है?

पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 3,84,400 km है।

यह औसतन दुरी है। जब यह पृथ्वी के सबसे नजदीक आता है तब दुरी 3,56,400 km होती है और जब सबसे दूर होता है तब दुरी 4,04,000 km होती है।

पृथ्वी से चंद्रमा कितना बड़ा है?

यह सवाल ही गलत है।

क्योकि असल में पृथ्वी moon से बड़ी है। जहाँ पृथ्वी की त्रिज्या 6,400 km है वहाँ इसके उपग्रह की त्रिज्या सिर्फ 1,737 km ही है।

सूर्य से चंद्रमा की दूरी कितनी है?

सूर्य से चंद्रमा की दूरी 14.7 करोड़ किलोमीटर है।

अंतरिक्ष में खगोलीय पिंडो की दुरी बहोत ज्यादा होती है, इसीलिए प्रकाश वर्ष का उपयोग होता है, लेकिन सौरमंडल के लिए एक नए एकम को लाया गया है।

astronomical unit: सूर्य और पृथ्वी के बीच के अंतर को 1 AU कहा जाता है।

इस एकम में यह दूरी 0.98 AU है।

क्या आपके पास चंद्रमा की फोटो है?

यह चंद्रमा की असली फोटो/तस्वीर है।

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चंद्रमा से पृथ्वी कैसी दिखती है?

कम शब्दों में “बहोत सुंदर”

moon एक लौती ऐसी जगह है जहाँ से हम पृथ्वी को घूमता देख सकते हो, क्योकि यह पृथ्वी के साथ tidily locked है।

चन्द्रमा का प्रकाश पृथ्वी पर कितने समय में पहुंचता है?

चन्द्रमा का प्रकाश पृथ्वी पर 1.3 सेकंड जितने समय में पहुंचता है। पर यह प्रकाश उसका स्वयं का नही होता, यह सूर्य द्रारा परावर्तित होता है।

Conclusion

तो बस यह थी कुछ जानकारी हमारे प्यारे चंद्रमा (moon in hindi) के बारे में। उम्मीद है आपको पसंद आयी होगी।

अब बारी आपकी है कॉमेंट में यह बताने की, की इस लेख में सबसे अच्छा आपको क्या लगा।

इसकी सतह या कक्षा। जो भी हो कॉमेंट में बताएं।

लेकिन, अगर आप कुछ रोमांचक पढ़ना चाहते है तो इन लेखो को एक बार जरूर देखें।

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