हमारे सौरमंडल में कई सारे धूमकेतु है, फिर भी हेली का धूमकेतु ही सबसे ज्यादा प्रख्यात क्यों है।
क्योकि halley comet in hindi को सबसे खास बनाता है उसका इतिहास और खोज।
हेली का धूमकेतु जो 76 साल में सिर्फ एक बार ही दिखाई देता है। उसकी खोज करने वाले इंसान का नाम Edmond Halley था।
असल में इसकी खोज किसीने नही की है। प्राचीन समय से यह धूमकेतु लोगो के आकर्षण का कारण बना है। Edmond ने तो सिर्फ इसके रहस्यों को दुनिया के सामने उजागर किये थे।
चलिए जानते है कि वो रहस्य क्या थे और किन प्राचीन सभ्यताओं ने इस धूमकेतु (comet) को देखा था।
खोज और इतिहास – history of Halley comet
सबसे पहले आप यह जानिए की असल में SpamSite:~:text=%E0%A4%A7%E0%A5%82%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%81%20%E0%A4%B8%E0%A5%8C%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%A1%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AF%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%20%E0%A4%9C%E0%A5%8B,%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%87%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4″>धूमकेतु क्या होते है।
धूमकेतु बर्फ, गैस और धूल से बने एक खगोलीय पिंड होते है। जो अंतरिक्ष में सूर्य की परिक्रमा करते है। इसका आकार यही कुछ 3km – 30km तक का होता है
जब यह सूर्य के नजदीक आते है तब वो चमकीले दिखाई देते है। जिससे हम अपनी पृथ्वी पर से उसे आसानी से देख सकते है।
या ये कहे की ये कुछ टूटते तारे जैसे दीखते है। चलिए अब जानते है हेली की कहानी।
बात साल 1687 की है। न्यूटन ने अपने गुरुत्वाकर्षण के नियमो का उपयोग करके यह बात दुनिया के सामने रखी की साल 1680 और 1681 में देखा गया धूमकेतु दोनो एक ही थे।
जो की सूर्य के पीछे से गुजरने के पहले और बाद मे दो बार देखे गए थे।
इतना जानने के बाद भी न्यूटन उस धूमकेतु को पूरी तरह से समझने में नाकामयाब रहा।
लेकिन न्यूटन का एक मित्र Edmond Halley जो की खगोल विज्ञानी था। उसने न्यूटन के कक्षा के नियमो का उपयोग करके कुछ धूमकेतु का अभ्यास किया।
इस अभ्यास से उसे पता चला की साल 1531 और 1607 में जो दो धूमकेतु दिखे थे। ठीक उसी जगह पर ही 1680 वाला धूमकेतु दिखाई दिया था।
अंत में जाकर उसने यह निष्कर्ष निकाला की यह तीनों धूमकेतु एक ही थे जो की 76 साल की सफर के बाद वापस लौटते थे।
हेली की रिसर्च के अनुसार वो धूमकेतु अब साल 1758 में फिर से दिखाई देगा। जब यह समय आया तब वो धूमकेतु दिखाई भी दिया। लेकिन उसे देखने के लिए Edmond Halley इस दुनिया में नही थे।
इस धूमकेतु की जानकारी देने और Edmond Halley को सन्मान देने के लिए इस धूमकेतु का नाम Halley’s comet रखा गया।
प्राचीन समय – ancient halley comet
हेली धूमकेतु पिछले 2,000 सालों से भी पहले देखा जा रहा है।
सबसे पहले इसके बारे में 467 BC में प्राचीन ग्रीस सभ्यता द्रारा लिखा गया था। इसमें Halley comet के रंग समय और आकर का वर्णन किया गया था।
साल 1066 में इंग्लैंड और फ्रेंच सेनाओं के बीच युद्ध हुआ था। उसी समय यह धूमकेतु दिखाई दिया था।
उन्होंने इसे एक तारा समझा था। जो शूक्र ग्रह से चार गुना बड़ा और चाँद जितना चमकीला है। यह उल्लेख Bayeux Tapestry के अंदर किया गया है जो कपड़ो से बनी एक किताब है।
असल में इसे कई सभ्यता ने अलग अलग समय में देखा था, जिसका वर्णन हमे उनके प्राचीन ग्रँथों से मिलता है।
खगोलीय जानकारी – astronomical data
edmond के बताने से पहले यही माना जाता था कि धूमकेतु हमेशा ब्रह्मांड में सफर करते रहते है और कभी अपने रास्ते को नही दोहराते।
लेकिन यह मान्यता गलत साबित हुई और आज के समय में हमारे पास उसी धूमकेतु से जुडी जानकारी है जो हजारो साल पहले देखा जाता था।
Halley’s comet की लंबाई 15 km और चौड़ाई 8 km है। यह सौरमंडल के सबसे काले खगोलीय पिंड में से एक है।
यह अपने पर पड़ने वाले प्रकाश का सिर्फ 3% को ही परावर्तित करता हैं।
साथ ही जब यह सौरमंडल मे दाखिल होता है तो अपने अंदर से बर्फ और पथ्थरों की बारिश भी करता है।
कक्षा और सफर – orbit of Halley comet
हेली की कक्षा गोल ना होकर अंडाकार है। जो सूर्य से लेकर प्लूटो तक फैली हुई है।
हेली धूमकेतु प्लूटो के पार से आता है। जहा बिच में वो पहले नेप्च्यून और युरेनस की कक्षा से और फिर गुरू और शनि की कक्षा से मिलता है।
फिर जब वो पृथ्वी की कक्षा के नजदीक पहुंचता है तब उसकी गति 71 km/s तक की हो जाती है। जो की उसकी अब तक की सबसे तेज गति मानी जाती है।
आखिर में वो बुध और शुक्र की कक्षा के बीच पहूंचता है जहाँ सूर्य से उसकी दुरी सबसे कम होती है। सिर्फ 0.6AU जितनी।
Note: सूर्य और पृथ्वी के बीच के अंतर को 1AU कहा जाता है।
यहाँ से वो सूर्य की परिक्रमा करके अपने रास्ते वापस लौट जाता है।
साल 1948 में halley comet सूर्य से सबसे दूर था जहाँ उसकी दुरी 35 AU थी। जो की नेप्च्यून की कक्षा से भी परे है। वहा पर उसकी गति 0.91km/s जितनी ही रहती है।
साल 1986 में जब वो पृथ्वी के सबसे नजदीक आया था, तब उसकी दुरी 0.42 AU थी। उस समय वो आसमान में दिखने वाले ध्रुव तारे से भी ज्यादा चमक रहा था।
ब्रह्मांड में जीवन
आम तौर पर एक धूमकेतु का जीवन 1,000 साल का होता है। जब भी हेली सूर्य के पास से गुजरता है, सूर्य के रेडियेशन की वजह से वो अपनी बहार की सतह का कुछ द्र्व्यमान गुमा देता है। यही कुछ 1 से 3 मिटर जितना।
खगोल शास्त्रीओ के मुताबिक हेली के धूमकेतु का जीवन काल 16,000 साल है। इसके बाद आखिर में वो एक छोटा काला पथ्थर बन जाएगा और अंत में जाकर अंतरिक्ष में धूल बनकर रह जाएगा।
हेली से जुड़े तथ्य – Halley comet facts
Helly comet आखरी बार 1986 में देखा गया था, और अब वो 2061 में देखा जाएगा।
यह धूमकेतु short period comets में वर्गीकृत किया गया है। (200 साल से कम कक्षा वाले धूमकेतु इसमें आते है।)
हेली का धूमकेतु हमारी पृथ्वी के सबसे नजदीक 837 में था। सिर्फ 0.033 AU दूर।
रिसर्च के अनुसार 2061 में देखा जाने वाला हेली सूर्य और पृथ्वी की तरफ होगा, जिससे वो 1986 की तुलना में ज्यादा चमकीला दिखेगा।
अगर आपको Halley comet in hindi देखना है तो 2061 तक इस दुनिया में टिके रहना पड़ेगा।
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