क्या आप सूर्य के बारे में (sun in hindi) सब कुछ जानना चाहते है? यह लेख आपको वो सारी जानकारी देगा जो आपको चाहिए।
पृथ्वी पर होती दिन और रात की घटनाएं, बदलती ऋतु इन सब का कारण सूर्य ही है, जो अपने अंदर कई रहस्यों को सिमटे हुआ है।
तो चलिये जानते है इसके इन अदभुत रहस्यों को।
Note: इस लेख में 11 रहस्यों को 11 भागों में बांटा गया है।
Table of Contents
सूर्य क्या है – What is Sun in hindi
सूर्य क्या है (What is Sun in hindi) यह एक ज्यादा पुछे जाने वाला सवाल है जिसका जवाब भी एकदम सरल है।
ब्रह्मांड में रहे अरबो तारो की तरह सूर्य भी एक तारा है जो हायड्रोजन और हिलयम से मिलकर बना हुआ एक विशाल गैस का गोला है।
सौरमंडल का 99.8% द्र्व्यमान इस अकेले के पास है। इसके केंद्र में 100 अरब टन समान डायनामाइट के धमाके होते है और विशाल ऊर्जा उत्त्पन्न होती है।
जिससे सौरमंडल में रहे ग्रहो को ऊर्जा मिलती है। इससे हम अंदाजा लगा सकते है कि यह सौरमंडल के लिये कितना महत्वपूर्ण है।
चलिये अब जानते है कि इसके नाम का अर्थ।
Sun meaning in hindi
Sun शब्द का हिंदी अर्थ (Sun meaning in hindi) सूर्य होता है।
जो लैटिन भाषा के sol शब्द से आया है। जिसका उपयोग सूर्य से जुडी सारी वस्तुओं को दर्शाने के लिए होता है।
हिन्दू संस्कृति में सूर्य को एक भगवान का स्थान दिया गया है, जिसे हम भगवान सूर्यनारायण के नाम से जानते है। संस्कृत भाषा में इसके 108 नाम है।
सूर्य का जन्म – Formation of sun
हमारे सौरमंडल का जन्म आज से लगभग 4.6 अरब साल पहले धूल और गैस के एक विशाल बादल जिसे नेब्यूला कहा जाता है उसमे से हुआ था।
गुरुत्वाकर्षण बल के चलते बादल का द्र्व्यमान सिकुड़ कर एक जगह जमा होने लगा और साथ ही बहुत तेज गति से घूमने लगा। इसका ज्यादातर द्र्व्यमान जहाँ जमा हुआ वहां सूर्य का जन्म (Formation of sun) हुआ और बाकी बचे भाग से बने ग्रह।
जिसमे एक हमारी प्यारी पृथ्वी भी थी।
बहुत ज्यादा द्र्व्यमान और तेज गति की वजह से इतना तापमान और दबाब उत्त्पन्न हुआ की बन रहे उस गैस के गोले में न्यूक्लेअर फ्यूज़न की प्रक्रिया होने लगी।
जिससे यह गोला स्थिर हो गया। इस प्रकिया के बारे में हम आगे जानेंगे, पर पहले इसकी खगोलीय जानकारी को जानते है।
सूर्य के बारे में – about sun in hindi
सूर्य पृथ्वी से 15 करोड़ किलोमीटर दूर है और पृथ्वी की तुलना में बहुत विशाल भी।
sun की त्रिज्या 6,95,500 km है। इतने बड़े आकार में 13 लाख पृथ्वी आसानी से समा सकती है। लेकिन यह ब्रह्मांड में रहे बाकी कई तारो की तुलना में छोटा है।
सूर्य का सबसे नजदीकी तारा alpha centauri है। असल में यह एक नही बल्कि तीन तारो का समूह है जिसे triple star system कहा जाता है।
इनके नाम proxima centauri, alpha centauri A और alpha centauri B है। जो की सूर्य (about sun in hindi) से 4.37 प्रकाश वर्ष की दुरी पर स्थित है।
प्रकाश वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश एक वर्ष में तय करता है। यह दुरी 9,460,528,400,000 kilometers के समान होती है।
जैसे पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा कर रही है वैसे ही सूर्य भी पुरे सौरमंडल के साथ मिल्की वे गेलेक्सि की परिक्रमा (orbit) करता है।
इसकी आगे बढ़ने की गति 72,000 km प्रति घंटा की है। इस गति के साथ पूरा सौरमंडल 23 करोड़ साल में हमारी आकाशगंगा की एक परिक्रमा पूरी करता है।
अभी हम आकाशगंगा के जिस स्थान पर है यह स्थिति पिछली बार जब डायनासौर पृथ्वी पर थे तब थी।
सूर्य ग्रहण – Solar eclipse in hindi
हमारी पृथ्वी सन की परिक्रमा करती है और चंद्रमा हमारी पृथ्वी की। जिसके चलते एक समय पर ऐसी स्थिति आती है कि चंद्रमा पृथ्वी और sun के बिच आ जाता है।
परिणाम स्वरूप पृथ्वी पर दिन के समय भी अँधेरा छा जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण (Solar eclipse in hindi) कहते है।
चंद्रमा पृथ्वी से बहुत छोटा होने की वजह से कुछ ही हिस्सो पर अँधेरा छाता है। पर कई बार ऐसी स्थिति बनती है कि यह संपूर्ण पृथ्वी को ढंक देता है। जीसे full solar eclipse कहा जाता है।
लेकिन यह 360 सालो में बस एक बार ही देखने मिलता है।
जब सूर्य ग्रहण के समय चन्द्रमा सूर्य के भाग को ढंक देता है तब हम उसके आसपास के वायुमंडल को देख सकते है।
आपने देखा होगा की सूर्य ग्रहण के समय उसके आसपास एक लाल या पीले रंग की रिंग बनी होती है इसे कोरोना कहते है। जिसके बारे में अब हम जानेंगे।
संरचना और सतह – Structure and Surface
ब्रह्मांड के लगभग हर तारे एक ही तरह की वस्तु से मिलकर बने होते है जिसमे हमारा यह तारा भी शामिल है।
सूर्य (sun in hindi) गैस से मिलकर बना एक गोला है जिसमे 72% हायड्रोजन और 26% हिलयम गैस है। लेकिन इसके साथ दूसरे कुछ तत्व भी शामिल है, जैसे की नाइट्रोजन, ऑक्सिजन और आर्यन।
सूर्य की संरचना (structure) 6 क्षेत्र से मिलकर बनी है।
core
radiative zone
convective zone
photosphere (surface)
chromosphere
corona
सूर्य के केंद्र में रही कोर का कद इसका सिर्फ 2% ही है। लेकिन यह sun का लगभग आधा द्रव्यमान संभाले हुआ है। सूर्य के केंद्र का तापमान 150 लाख ℃ होता है। इतने उंच्च तापमान पर न्यूक्लेअर फ्यूज़न की प्रक्रिया होती है।
इस प्रक्रिया में हायड्रोजन परमाणु मिलकर हिलयम परमाणु की रचना करते है। जिससे आश्चर्यजनक मात्रा में ऊर्जा उतपन्न होती है।
यह ऊर्जा पहले radiative zone में आती है और फिर convective zone में आती है। जिसमे 1,70,000 साल का समय लग जाता है।
सूर्य की सतह जिसे photosphere कहा जाता है। यह 500 km मोटी है। असल में यह कोई ठोस सतह (surface) नही बल्कि गैस का एक स्तर है। यहाँ का तापमान 5,500 ℃ होता है।
convective zone से ऊर्जा यही पर आती है। जिसे सतह प्रकाश और गर्मी के रूप में बहार छोड़ती है।
सूर्य का वायुमंडल – Atmosphere of sun
सतह के बाद सूर्य का वायुमंडल (atmosphere of sun) शुरू हो जाता है। जिसमे chromosphere और corona होता है।
पर अफ़सोस, सतह की बहुत तेज चमक की वजह से हम इन्हें देख नही सकते। लेकिन जब सूर्य ग्रहण होता है तब चन्द्रमा photosphere को ढंक देता है और हम इन दोनों स्तर को आसानी से देख पाते है।
चलिये अब आपको इस के एक खास रहस्य के बारे में बताता हु।
सतह से ऊपर की तरफ जाते तापमान बढ़ने लगता है। जहाँ सतह सिर्फ 5,500 ℃ गर्म होती है वहाँ corona 20 लाख ℃ जितना गर्म होता है।
यह क्यों होता है और इसके तापमान का स्त्रोत क्या है वो अभी भी पिछले 50 सालो से वैज्ञानिको के लिए एक रहस्य ही है। जिसे आप खुद nasa की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हो।
चुंम्बकीय क्षेत्र – Magnetic field
सूर्य का चुंम्बकीय क्षेत्र बहुत ही जटिल है। यह पृथ्वी से मात्र दुगना ही शक्तिशाली है लेकिन कुछ क्षेत्रो में यह बढ़कर 3,000 गुना हो जाता है।
जिसका कारण यह है कि उंच्च अक्षांशो की तुलना में sun भूमध्य रेखा पर बहुत तेज गति से घूमता है। परिणाम स्वरूप सतह का भाग ज्यादा तेज घूमता है तुलना में अंदर के।
इसी वजह से इस में विस्फोटक की घटनाएं होती है। जिनमे flares और coronal mass ejection शामिल है।
Flares सौरमंडल के सबसे हिंसक विस्फोटक है जब की कोरोनल मास इंजेक्शन कम हिंसक होते है लेकिन इनकी मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इनके सिर्फ एक इंजेक्शन में 20 अरब टन पदार्थ अंतरिक्ष में निकलता है।
यह चुंम्बकीय क्षेत्र (Magnetic field) अंतरिक्ष में जितने क्षेत्र तक फैला होता है उसे heliosphere कहा जाता है। जिसका अनुमान सौर पवनो के जरिये लगाया जाता है।
सौर पवन sun से निकले विद्युत्त आयनिय कण होते है। जो अंतरिक्ष में बहुत तेज गति से सफर करते है। यह हमारे ग्रह पर भी आते है लेकिन पृथ्वी के चुंम्बकीय क्षेत्र की वजह से यह वायुमंडल में प्रवेश नही कर पाते।
जिन ग्रहो के पास वायुमंडल नही होता उनकी हालत इन सौर पवनो की वजह से बहुत खराब हो जाती है। जैसे की शूक्र ग्रह।
इसके उपरांत सौर पवन सेटेलाइट और अंतरिक्ष यानो को भी नुकसान पंहुचाते है।
सूर्य का जीवन – Life cycle of sun
आप ने यह तो जान लिया है की कैसे सूर्य का जन्म हुआ था। अब हम इसके आगे के जीवन को जानेंगे।
अभी के समय sun उसके main sequence star में है। जहाँ उसने अपना आधा जीवन बिता दिया है लेकिन यह अभी भी 6 अरब साल जिएगा।
sun के अंदर का हायड्रोजन जब हिलयम में बदलता है तब उसे उर्जा मिलती है, लेकिन जब हायड्रोजन खत्म हो जाएगा तब यह हीलियम से अपनी उर्जा उत्त्पन्न करेगा।
हिलीयम हायड्रोजन की तुलना में भारी तत्व होने से इसका कोर अंदर की और सिकुड़ता जाएगा और बहार का स्तर अंतरिक्ष में फैलने लगेगा।
उस समय सूर्य लाल रंग का विशाल गोला बन जाएगा जिसे red giant star कहते है। तब यह पहले बुध ग्रह फिर शूक्र ग्रह और आखिर में हमारी पृथ्वी को निगल जाएगा।
Red giant star के बाद इसका बाहरी स्तर अंतरिक्ष में विलीन हो जाएगा और पीछे छूट जाएगा सिर्फ सफेद कोर। जो बहुत तेज गति से घूमता है। तारे की इस अवस्था को white dwarf star कहते है।
यह धीरे धीरे अपनी ऊर्जा खोता रहेगा और आखिर में black dwarf star में बदल जाएगा, जो ब्रह्मांड में अरबो नही बल्कि खरबो वर्षों तक जीतें है।
एक तारे का सम्पूर्ण जीवन आप यहाँ पढ़ सकते हो।
👉 तारे क्या है और कैसे बनते है (खास तारे)
सूर्य के ग्रह – Planetary system
हमारा सूर्य वो तारा है जिसके आसपास ग्रह घूमते है। इसे Planetary system कहा जाता है। sun के आसपास कुल 8 ग्रह परिक्रमा करते है। इसके अतिरिक्त बौने ग्रह, क्षुद्रग्रह और धुमकेतु भी इसकी परिक्रमा करते है।
सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह बुध है और सबसे दूरस्थ ग्रह वरुण।
पृथ्वी अपनी धरि पर घूमती है जब यह सूर्य (sun in hindi) के सामने होती है तब दिन होता है और जब विरुद्ध दिशा में होती है तब रात होती है।
जब कोई ग्रह इस की एक परिक्रमा पूरी करता है तब उसे वहाँ का एक साल कहा जाता हैं।
बुध ग्रह को एक परिक्रमा पूरी करने में 88 दिन ही लगते है वही हमारी पृथ्वी को 365 दिन, तो अरुण ग्रह के लिए यह समय 84 पृथ्वी साल के समान है।
अब हम आगे बढ़ते है।
सूर्य मिशन – Sun mission in hindi
sun के अभ्यास के लिये साल 1962 से 1971 के बिच अमेरिका ने Orbiting Solar Observatory series को अंजाम दिया था जिसमे 8 यानो को पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया था।
साल 2004 के मिशन Genesis द्रारा सौर पवनो के नमुनो को पृथ्वी पर अभ्यास के लिए लाया गया था। फिर साल 2006 में दो स्पेस क्राफ्ट की मदद से सूर्य की पहली 3D तस्वीर भी ली गयी थी।
अब तक का सबसे महत्वपूर्ण मिशन Solar and Heliospheric Observatory जिसने अंतरिक्ष में 25 साल पूरे किये है। इसे खास तौर पर सौर पवन और उसकी संरचना को समझने के लिए ही बनाया गया था। जिसकी उसने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी थी।
अभी के समय दो शक्तिशाली मिशन nasa का Parker Solar Probe और esa-nasa का solar orbiter सूर्य (sun in hindi) की सबसे नजदीकी अंतर से परिक्रमा कर रहे है।
जब पार्कर सोलर प्रोब सबसे करीब होता है तब यह कोरोना स्तर के अंदर पहुंच जाता है, जहाँ यह सूर्य से मात्र 65 लाख किलोमीटर की दुरी पर रहकर इसका अभ्यास करता है। इस अभ्यास से वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे है कि कैसे सूर्य में से ऊर्जा का वहन होता है और कैसे सौर कण तेज गति करते है।
दूसरी और Solar Orbiter के अंदर high tech camera लगे है जो सबसे नजदीकी अंतर से सूर्य की तस्वीर लेते है। यह पार्कर सोलार प्रोब जितना नजदीक नही जा सकता, क्योकि उतनी नजदीकी से तस्वीरे लेना संभव नही है।
इसी वजह से यह 4,30,00,000 km दूर रहकर अभ्यास करता है। जब यह यान अपना अभ्यास पूरा कर लेगा तब इसे सूर्य के ध्रुव पर केंद्रित किया जाएगा।
भविष्य के मिशन की बात करे तो भारत सूर्य पर अपना पहला मिशन करेगा जिसे aditya L1 नाम दिया गया है।
यहा प्बर हमारे 11 रहस्य समाप्त हुए। अब बारी है कुछ तथ्यों को जानने की।
सूर्य से जुड़े तथ्य – Sun facts in hindi
हम इंसानो ने जितनी उर्जा का उपयोग पिछले 40,000 वर्षों में किया है उससे अधिक ऊर्जा तो सूर्य मात्र 30 दिन में पृथ्वी पर भेज देता है।
इसकी रौशनी 6 अरब किलोमीटर दूर रहे प्लूटो तक भी पहुँचती है।
सूर्य का रंग असल में सफेद है, लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल की वजह से यह हमे लाल और पीले रंग का दिखाई देता है।
यह आकाशगंगा में रहे 200 अरब तारो में से एक है।
Special fact: सूर्य की किरणों को पृथ्वी पर आने में 8 मिनिट और 20 सेकंड का समय लगता है।
अब कुछ सवाल जवाब की बारी है जो ज्यादातर पूछे जाते है।
FAQ
पृथ्वी से सूर्य की दुरी कितनी है?
पृथ्वी से यह दुरी 15 करोड़ किलामीटर है।
सूर्य पृथ्वी से कितना बड़ा है?
सूर्य पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है।
सूरज के अंदर क्या है?
सूरज के अंदर हायड्रोजन और हिलयम है।
सूर्य का व्यास कितना है?
इसका व्यास 13.92 लाख किलोमीटर है।
सूर्य किसकी परिक्रमा करता है?
सूर्य आकाशगंगा मिल्की वे की परिक्रमा करता है।
Conclusion
तो बस यह थी कुछ जानकारी सूर्य के बारे में (about sun in hindi). उम्मीद है आपको पसंद आयी होगी।
अब बारी आपकी है कॉमेंट में यह बताने की, की इस लेख में सबसे अच्छा आपको क्या लगा।
इसकी सतह या वायुमंडल। जो भी हो कॉमेंट में बताएं।
लेकिन, अगर आप कुछ रोमांचक पढ़ना चाहते है तो इन लेखो को एक बार जरूर देखें।
👉 पृथ्वी एक अदभुत ग्रह (संपूर्ण जानकारी)
👉 सबसे गर्म ग्रह शूक्र के अजीब रहस्य (खास तथ्य)
👉 क्वांटम फिजिक्स की रहस्यमय दुनिया (5 अदभुत प्रयोग)