क्या आपने कभी बिग बैंग थियरी के बारे में सुना है। हां वही थियरी जो बताती है कि हमारे ब्रह्मांड की शुरुआत कैसे हुई थी। लेकिन जब हमे पता चल गया कि यूनिवर्स की शुरुआत कैसे हुई तो हमारे मन को शांती नही मिली। अब हमें यह भी जानने की चूल मची थी की हमारे इस ब्रह्मांड का अंत कैसे होगा।
देखिये ऐसा होना स्वाभाविक है हम इंसान ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए हमेशा उत्सुक रहते है। इसी जिज्ञासा की वजह से हम निकल पड़े थे यह जानने की how to end the univers in hindi. लेकिन यह कोई आसान काम नही था, क्योंकि हमे भविष्य जानना था, वो भी हमारे ब्रह्मांड का। वो ब्रह्मांड जिसने अपने रहस्यों से हमे पूरी तरह से हिला कर रख दिया है।
चलिए अब हम ब्रह्मांड की यात्रा को शुरू करते है।
हमारे ब्रह्मांड के अंत की कई संभावनाएं है, जिसमे से यह कहना नामुमकिन है कि किस तरह से हमारा ब्रह्मांड नष्ट होगा। इनमे से सबसे पहली संभावना है महा शीतलन की।
महा शीतलन (big freeze)
अभी के समय हमारा ब्रह्मांड फैल रहा है और ये कब तक फैलता रहेगा यह किसी को नही पता। जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे गेलेक्सि तारे और ग्रह एक दूसरे से दूर जा रहे है। ऐसा ब्रह्मांड में हजारों सालों तक चलता रहेगा। उस समय पर सारी गेलेक्सि एक दूसरे से दूर हो जाएगी जिससे गेलेक्सि के जुंड का अस्तित्व नही रहेगा। इसके बाद बारी आएगी आसमान में चमक रहे तारो की।
यह तारे भी एक दूसरे से दूर हो जाएंगे और इसी तरह ग्रह भी तारो से कई ज्यादा दूर हो जाएंगे। अब सिर्फ ब्रह्मांड में धूल और गैस के बादल ही साथ में है। लेकिन समय के साथ यह भी कई भागो में बंट रहे है और बादल का अंत हो रहा है।
अब इस समय पर सारे तारे और ग्रह अकेले है। साथ ही इतना समय जाने के की वजह से तारो की ऊर्जा खत्म हो चुकी है जिससे वह रौशनी और गर्मी नही दे पा रहे है।
देखिये हमारे ब्रह्मांड में हर समय कई तारे नष्ट होते है और कई तारे बनते है। तारो की बनने की वजह बड़े गैस और धूल के विशाल बादल होते है। लेकिन अभी के समय कोई भी बादल ब्रह्मांड में मौजूद नही है। इसी वजह से कोई नए तारे का जन्म भी नही हो रहा है।
अब धीरे धीरे सारे तारे खत्म हो रहे है और चारो और अँधेरा ही अँधेरा है। अब ब्रह्मांड को ऊर्जा और गर्मी ना मिलने की वजह से ब्रह्मांड का तापमान कम हो रहा है जिससे चारो और अँधेरे के साथ साथ ठंड भी बढ़ने लगी है।
इस तरह कई हजारो साल बीत गए है और अब ब्रह्मांड का तापमान शून्य ही गया है। जिससे अणु और परमाणु की प्रक्रिया भी रुक सी गयी है और पूरा ब्रह्मांड जम गया है।
बस तो इसी स्थिति को महा शीतलन कहा गया है। यह थोड़ी मजेदार यात्रा थी ब्रह्मांड की। लेकिन जो अगली संभावना है, वो बहोत डरावनी है। तो चलिए देखते है ब्रह्माण्ड का अंत कैसे होगा उसकी दूसरी संभावना।
2. Big Rip महा चीर
इस स्थिति को समझने के लिए पहले में आपको भुतकाल में ले चलता हूं।
यह बात साल 1990 की है। दो टीम एक तारे का अभ्यास कर रहे थे। तो उन्होंने पाया कि इस तारे को जितनी दूर होना चाहिए उससे वो कई ज्यादा दूर था।
छायद आपको यह समझ नही आया होगा। कोई बात नही में आपको समझाता हूं। देखिये पहले मैंने आपको बताया कि हमारा ब्रह्मांड फैल रहा है, इसी वजह से ब्रह्मांड की चीजे एक दूसरे से दूर जा रही है। लेकिन यह जो तारा था, उसे ब्रह्मांड की गति की वजह से जितना दूर होना चाहिए उससे ज्यादा था।
इस तारे पर की गयी रिसर्च तो सही थी, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है। आखिर में वैज्ञानिको को पता चला की ब्रह्मांड की गति समय के साथ बढ़ रही है। इसी वजह से वो तारे का जितनी दूर अंदाजा लगाया गया था उससे ज्यादा दूर था।
लेकिन इसके साथ एक यह रहस्य सामने आया की ब्रह्मांड की गति को गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से धीमी हो जानी चाहिए थी, लेकिन उल्टा इसकी गति बढ़ रही थी। वैज्ञानिक इस रहस्य को हल नही कर पाए और इसे नाम दे दिया गया डार्क एनर्जी।
आप सोच रहे होंगे की में इसे अभी आपको क्यों बता रहा हु। इसीलिए क्योकि यह रहस्यमय शक्ति ही ब्रह्मांड के अंत का कारण बनने वाली है। कैसे चलिए जानते है।
यह डार्क एनर्जी ब्रह्मांड की गति को हर एक सेकंड बढ़ा रही है। ऐसा होने की वजह दो चीजो के बीच का अंतर बढ़ता है और गुरुत्वाकर्षण बल कम होता है। अब चलिए भविष्य में जाते है। सतत ऐसा होने की वजह से हजारों सालों बाद इस डार्क एनर्जी की शक्ति कई ज्यादा बढ़ गयी है और ब्रह्मांड की गति भी बढ़ गयी है जिससे सारी चीजें एक दूसरे से अलग अलग हो चुकी है।
लेकिन अब डार्क एनर्जी की शक्ति इतनी ज्यादा बढ़ गयी है कि वो गुरुत्वाकर्षण बल पर हावी हो गई है। इसी वजह से सारे तारे ग्रह भी एक दूसरे से अलग हो चुके है।
इसी तरह और हजारो साल बीत चुके है और यह डार्क एनर्जी अब अणु परमाणु के अंदर रहे न्यूक्लियर बल से भी ज्यादा हो गयी है। इसी वजह से अणु और परमाणु में रहे इलेक्ट्रान और प्रोटोन भी एक दूसरे से अलग हो गए और परमाणु का भी खात्मा हो चूका है। अब इस समय ब्रह्मांड में एक भी अणु नही बचा है और ब्रह्मांड का अंत हो चूका है।
यह एक विनाशकारी स्थिति होगी। जिसमे यह डार्क एनर्जी ब्रह्मांड की हर चीज को चीर के रख देगी। तो बस इसी अवस्था को हम कहते है महा चीर।
अब जो अगली संभावना है वो रिवर्स ब्रह्मांड की है। मतलब की ब्रह्मांड के जन्म से लेकर अब तक जो हुआ उसका उल्टा होगा। चलिए आपको विस्तार से समझाता हूँ।
Big crunch महा संकुचन
अगर आप ब्रह्मांड में रूची रखते है तो आप बिग बैंग थियरी के बारे में जानते ही होंगे जो बताती है कि हमारे ब्रह्मांड का जन्म एक छोटे से बिंदु से हुआ था और तब से लेकर अब तक ब्रह्मांड फैल रहा है।
अभी के समय की बात करे तो हमारा ब्रह्मांड 95 अरब प्रकाश वर्ष फेल चूका है। और आगे भी यह फैलता चला जाएगा। इसी तरह हजारो साल बीत जाएंगे और एक समय आएगा जब ब्रह्मांड का फैलना धीरे धीरे कम हो जाएगा। इससे डार्क एनर्जी का प्रभाव भी कम हो जाएगा।
अब धीरे धीरे डार्क एनर्जी ख़त्म हो रही है। अब कुछ समय बाद यह डार्क एनर्जी इतनी कम ही जाएगी की गुरुत्वाकर्षण बल उस पर हावी हो जाएगा। गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से सारी चीजे एक दूसरे को अपने पास खींचेगी। सारे प्लेनेट तारे और गेलेक्सि आपस में मिल जाएगी।
इसी तरह पूरा ब्रह्मांड एक जगह पर इक्कठा होने लगेगा और सिर्फ एक बिंदु में समा जाएगा।
हमारे ब्रह्मांड की शुरुआत भी एक बिंदु से ही हुई थी, तो हो सकता है कि हमारे इस ब्रह्मांड से पहले भी कोई ब्रह्मांड था जो एक बिंदु में समा गया और फिर उसी बिंदु के एक धमाके से जन्म हुआ हमारे ब्रह्माण्ड का।
अगर यह सच है तो इस तरह का चक्र अंनत समय तक चलता रहेगा।
अब चलिए इससे जुड़ी कुछ अलग मजेदार जानकारी को देखते है।
सिर्फ यह तीन ही संभावनाए नही है जो बताती हो की ब्रह्मांड का अंत कैसे होगा। और भी कुछ संभावनाए है जैसे की हिग्स बोसोन कण से नया ब्रह्मांड बनेगा और पुराना नष्ट हो जाएगा।
ब्रह्मांड के नष्ट होने के साथ साथ कई बार समांतर ब्रह्मांड को भी ध्यान में लिया जाता है।
माना जाता है कि अंतरिक्ष में कई और ब्रह्मांड भी है, जिसे मल्टीवर्स कहा जाता है।
अगर आपने ध्यान दिया होगा तो इन सारी संभावनाओ में कुछ मिलता जुलता है। यह सारी संभावनाए तभी सामने आयी है जब किसी चीज की खोज हुई हो।
जैसे की दूसरी संभावना डार्क एनर्जी पर है जो एक खोज थी।
तीसरी संभावना बिग बैंग पर आधारित थी वो भी एक खोज ही थी।
मतलब की जब खोज हुई तभी हम ब्रह्मांड के अंत की संभावना को देख पाए। तो फिर हो सकता है कि भविष्य में आगे और चीजो की भी खोज हो, जिससे ब्रह्मांड के अंत की नई संभावनाए सामने आए।
तो बस थी कुछ जानकारी how to end the universe in hindi के बारे में। अगर आपको और भी कुछ मजेदार जानना है तो आप ये तीन लेखों को देख सकते हो।
➡️ हमारे सूर्य के बारे में कुछ अलग जानकारी
➡️ समय का जाल – bootstrap paradox
➡️ब्रह्मांड की जानकारी का खजाना – voygar 2