एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी – Andromeda galaxy in hindi

एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी (andromeda galaxy in hindi) जो की हमारी पडोशी आकाशगंगा है, उसकी जब खोज हुई थी तब हमने असली ब्रह्मांड को जाना था।

कैसे, आइए जानते है।

पर इससे पहले जानते है कि असल में आकाशगंगा क्या होती है।

गैस, धूल के बादल, तारे और अरबो ग्रह गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से एक जगह पर मिलकर आकाशगंगा की रचना करते है।

जैसे की हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी।

इस तरह की खरबो गैलेक्सी इस ब्रह्माण्ड में आयी हुई है और उनमे सी ही एक है एंड्रोमेडा आकाशगंगा

andromeda galaxy in hindi, एंड्रोमेडा आकाशगंगा

andromeda meaning in hindi

एंड्रोमेडा का हिंदी अर्थ (andromeda meaning in hindi) देवयानी होता है और गैलेक्सी को हम आकाशगंगा कहते है।

एंड्रोमेडा यह शब्द ग्रीक संस्कृति से लिया गया है जो एक राजकुमारी का नाम था।

Andromeda galaxy in hindi – एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी

एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी (Andromeda galaxy) हमारी पृथ्वी से लगभग 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर है। यह आकाशगंगा एंड्रोमेडा नाम के एक तारामंडल यानि की नक्षत्र में स्थित है, लेकिन इसी वजह से इस गैलेक्सी को एंड्रोमेडा नही कहा जाता।

असल में एंड्रोमेडा एक ग्रीक की प्राचीन राजकुमारी का नाम था। उसके नाम पर से ही रखा गया है। हमारी आकाशगंगा की तरह एंड्रोमेडा आकाशगंगा का भी आकार सर्पिल है। लेकिन यह हमारी गैलेक्सी से बड़ी है, लगभग दो गुनी बड़ी।

एंड्रोमेडा गैलेक्सी की लंबाई 2,20,000 प्रकाश वर्ष जितनी है, जब की हमारी मिल्की वे की लंबाई सिर्फ 1,20,000 प्रकाश वर्ष के आसपास ही है। लेकिन इसकी चौड़ाई यानि की जो बिच में से उठा हुआ भाग होता है उसकी लंबाई लगभग हमारी आकाशगंगा जितनी ही है। यही कुछ 1000-2000 प्रकाश वर्ष के आसपास।

यह गेलेक्सि सच में बहोत ही रहस्यमयी है। इसके अंदर एक खरब जितने तारो को खोजा गया है,  लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसमें 2 खरब जितने तारे (star) हो सकते है।

जैसे हमारा सूर्य एक तारा है और उसके आसपास कई ग्रह परिक्रमा कर रहे है। ठीक उसी तरह इन 2 खरब तारो के आसपास भी कई ग्रह (planet) परिक्रमा कर रहे होंगे।

तो क्या यह संभव नही की इतने सारे ग्रहो में से किसी एक ग्रह पर जीवन संभव हो, या फिर उस ग्रह पर पहले से ही कोई जिव रह रहे हो। वो जिव जिसे हम एलियन कहते है।

एंड्रोमेडा आकाशगंगा का केंद्र – Andromeda galaxy center

हर आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल बना होता है। ठीक उसी तरह एंड्रोमेडा आकाशगंगा के केंद्र में भी एक ब्लैक होल है।

इसका द्रव्यमान 14 करोड़ सूर्य के द्रव्यमान जितना है और इसका गुरुत्वाकर्षण बल आकाशगंगा को एक साथ जोड़े रखने में मदद करता है। साथ ही केंद्र के आसपास धूल और गैस के बादल, तारे, ग्रह जैसी चीजें बहुत तेजी से घूमती नजर आती है।

एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी (Andromeda galaxy) के केन्द्र में एक अजीब चीज बनी हुई है। हबल टेलिस्कोप ने इसके केंद्र का अवलोकन किया। इससे यह मालूम पड़ा की केंद्र के चारो और एक नीले रंग की गोल डिस्क बनी हुई है। जो लगभग 1 प्रकाश वर्ष जितनी लंबी है और इसमें 400 तारे है। साथ ही इसके बहार की तरफ चारो और लाल रंग की रौशनी फैली हुई है, जिसमें कई हजारो तारे आये हुए है।

नीले रंग का मतलब होता है नए तारे जब की लाल रंग का मतलब होता है पुराने तारे।

एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी, Andromeda galaxy

वैज्ञानिको के लिए यह एक अजीब घटना है क्योंकि पुराने तारो के अंदर नए तारे कैसे जन्म ले रहे है यह घटना कैसे हुई वो अब तक पता नही चला है।

andromeda galaxy history in hindi – एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी का इतिहास

एंड्रोमेडा आकाशगंगा (Andromeda galaxy in hindi) का इतिहास बहोत ही रोमांचक रहा है। क्योकि पहले इस गेलेक्सि को सिर्फ एक नेब्यूला माना जाता था। इस समय यही माना जाता था कि हमारी मिल्की वे गैलेक्सी ही पूरा ब्रह्मांड है और यह नेब्यूला हमारी ही आकाशगंगा में स्थित है।

लेकिन साल 1864 में वैज्ञानिक विलियम ने कहा कि एंड्रोमेडा गैलेक्सी के लक्षण और विशेषताए एक नेब्यूला जैसी बिलकुल नही है। समय के साथ यहाँ पर बहुत से तारो की खोज हुई जिससे यह पता चला की यह बहुत सारे सितारों का एक जुंड है।

फिर साल 1925 में हबल स्पेस टेलिस्कोप ने वहाँ के एक रहस्यमय तारे की फोटो खिंची। जिसे Cepheid variable नाम दिया गया। इस तारे ने सब कुछ बदल दिया।

इस तारे की दुरी जानने पर एक अदभुत बात पता चली, वो ये थी की इसकी दुरी हमारी आकाशगंगा की लंबाई से कही ज्यादा थी। क्योकि उस समय वैज्ञानिको को पता था कि हमारी मिल्की वे गैलेक्सी की लंबाई 1,00,000 प्रकाश वर्ष जितनी है, जिसे वो पूरा ब्रह्मांड मानते थे।

लेकिन यह तारा इस दुरी के आगे भी था। पर ऐसा कैसे हो सकता है, कोई तारा ब्रह्मांड से बहार कैसे हो सकता है।

बाद में सारी रिसर्च करके पता चला की एंड्रोमेडा कोई तारो का जुंड नही, बल्कि पूरी एक गैलेक्सी है, जो लाखो प्रकाश वर्ष में फैली हुई है। तब वैज्ञानिको को सबसे बड़ा झटका उस चीज का लगा की जिसे वो ब्रह्मांड समझ रहे थे, वो तो असल ब्रह्मांड का बस एक छोटा सा हिस्सा ही था। ऐसी तो और अरबो आकाशगंगाएं ब्रह्मांड (universe) में है।

collision with milky way in hindi – मिल्की वे के साथ टकराव

आपको यह तो पता ही होगा की भविष्य में हमारी आकाशगंगा milky way और एंड्रोमेडा आकाशगंगा (Andromeda galaxy) दोनों ही एकदूसरे से टकराने वाली है। लेकिन यह टकराव कैसे होगा वो आपको पता है।

एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी 114 किलोमीटर प्रति सेकंड की स्पीड से हमारी गैलेक्सी की तरफ बढ़ रही है, साथ ही हमारी गैलेक्सी भी एंड्रोमेडा गैलेक्सी की तरफ बढ़ रही है। इन दोनों गैलेक्सी का एकदूसरे की तरफ बढ़ने का कारण गुरुत्वाकर्षण बल ही है।

उसकी वजह से दोनों गैलेक्सी एकदूसरे के नजदीक आ रही है। लेकिन आप डरिए मत क्योंकि वैज्ञानिको के मुताबिक यह टकराव आज से लगभग 4.5 अरब साल बाद होगा। चौकाने वाली बात तो यह है कि यह टकराव भी 2 अरब साल तक चलेगा।

इन दोनों गैलेक्सी के टकराव से एक नई गेलेक्सि का जन्म होगा। इसके साथ यह अनुमान लगाया गया है कि जब यह टक्कर होगी तब हमारा सूर्य पूरी तरह से लाल रंग का हो चूका होगा सौर मंडल के सारे ग्रह सूरज के अंदर समा चुके होंगे।

यहाँ तक की हमारी पृथ्वी भी। वैसे ऐसी टकराव की प्रक्रिया होना हमारे ब्रह्मांड में आम बात है, बल्कि खगोलशास्त्रीओ के मुताबिक हमारी milky way galaxy का भी जन्म दो गैलेक्सी के टक्कर से ही हुआ था।

about Andromeda in hindi – एंड्रोमेडा आकाशगंगा के बारे में

हमारी आकाशगंगा की तुलना में एंड्रोमेडा गैलेक्सी लगभग दो गुनी बड़ी है, इसीके साथ वैज्ञानिको ने यह भी अंदाजा लगाया था कि एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी का द्र्व्यमान भी हमारी गैलेक्सी से लगभग डेढ़ गुना ज्यादा है।

और यह साफ़ दिखाई भी देता है कि एंड्रोमेडा में हमारी गैलेक्सी की तुलना में ज्यादा द्र्व्यमान है। क्योंकि वो लगभग दो गुनी बड़ी है और मिल्की वे में जितने सितारे और ग्रह है उसके डबल एंड्रोमेडा में है।

लेकिन, लेकिन , लेकिन, यह बात तो थी उस द्र्व्यमान की जो हम देख सकते थे। पर 19वीं सदी में डार्क मैटर की खोज हुई थी। एक ऐसी चीज जिसे ना हम देख सकते है और ना ही हम छू सकते है। फिर भी वो हमारे ब्रह्मांड में अस्तित्व बनाये हुए है।

ना देख पाने की वजह से ही वैज्ञानिक इसे डार्क मैटर कहते है। डार्क मैटर गैलेक्सी को बंधे रखने के लिए गुरुत्वाकर्षण बल को उतपन्न करते है।

यह डार्क मैटर (dark matter) लगभग हर गैलेक्सी में होता है। हमारी आकाशगंगा और एंड्रोमेडा दोनों में यह बहोत ही ज्यादा मात्रा में आये हुए है।

अभी कुछ समय तक यही सच था कि एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी का द्र्व्यमान हमारी मिल्की वे से ज्यादा है। लेकिन साल 2019 में एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमे बताया गया कि असल में सबसे ज्यादा द्र्व्यमान हमारी गैलेक्सी मिल्की वे का है, ना की एंड्रोमेडा आकाशगंगा (Andromeda galaxy in hindi) का।

इसकी वजह है डार्क मैटर, जो की मिल्की वे में ज्यादा है बजाय एंड्रोमेडा के।

जानिए: डार्क मैटर के 5 रहस्य

फिर भी इसके बारे में कुछ कहा नही जा सकता। क्योंकि हम इस डार्क मैटर में बारे ज्यादा कुछ नही जानते है। साथ ही डार्क एनर्जी भी तो अभी एक रहस्य बनी हुई है।

पूरा लेख: डार्क एनर्जी एक रहस्य

चलिये अब जानते है इसके कुछ अजीब तथ्यों के बारे में।

Andromeda galaxy facts in hindi

एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी की पहली फोटो साल 1887 में isac robert द्रारा खिंची गयी थी।

ब्रह्मांड में जैसे तारो का समूह होता है, उसी तरह आकाशगंगाओ का भी समूह होता है। हमारी आकाशगंगा और एंड्रोमेडा आकाशगंगा जिस समूह में आती है, उसका नाम local group है। इस समूह में और भी 30 गैलेक्सी अपना स्थान बनायीं हुई है। इसमें सबसे बड़ी गेलेक्सि एंड्रोमेडा है और सबसे द्र्व्यमान वाली गैलेक्सी मिल्की वे है।

आपको जानकर हैरानी होगी की एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी के अंदर भी दो और छोटी आकाशगंगाएं है। इन दोनों गैलेक्सी का नाम M-32 और M-110 है। ऐसी आकाशगंगा को उपग्रह आकाशगंगा कहते है।

एंड्रोमेडा गैलेक्सी के अंदर कुल 14 उपग्रह आकाशगंगाएं है।

एंड्रोमेडा आकाशगंगा को हम अपनी नँगी आँखों से देख सकते है बस शर्त इतनी है कि साफ़ हवामान और कम चमकीली जगह होनी चाहिए।

एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी को M-31 या फिर messier 31 नाम से भी जाना जाता है। ये उन गेलेक्सि में से एक है, जिसका अपना खुद का एक नाम हो।आप सोच रहे होंगे की हर गेलेक्सि के नाम होते है तो इसमें क्या। यहा पर खुद का नाम मतलब की कोई खास या फिर एक विशिष्ट नाम। हमारे ब्रह्मांड मे अरबो आकाशगंगाएं है, इसीलिए वैज्ञानिक और खगोलशास्त्री नाम रखने के लिए एक केटलॉग मेथड का इस्तेमाल करते है। जिससे गैलेक्सी के नाम को आसानी से पहचाना जा सके। जैसे की ic-1101. एंड्रोमेडा का भी एक केटलॉग नाम है और वो है M-31.

अंदाजा लगाया गया है कि 5 अरब साल पहले दो बड़ी आकाशगंगाएं आपस में टकराई थी और उसकी वजह से ही जन्मी थी एंड्रोमेडा आकाशगंगा।

एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी की उम्र अभी तक 4.5 साल बताइ जा रही है।

पिछले साल 2016 में ही एंड्रोमेडा के अंदर 40 और ब्लैक होल को खोजा गया है। मतलब की एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी के पास ब्लेक होल की कोई कमी नही है।

एंड्रोमेडा गैलेक्सी का सबसे चमकीला तारा Alpheratz या अल्फा एंड्रोमेडा है।  इसे कभी-कभी sirrah के नाम से भी जाना जाता है। यह पृथ्वी से 97 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।

केंद्र में रहे महाकाय ब्लेक होल के अलावा भी एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी में 26 और ब्लैक होल को खोजा गया है।

तो बस यह थी कुछ जानकारी एंड्रोमेडा आकाशगंगा (Andromeda galaxy in hindi) के बारे में। अगर आपको ब्रह्मांड से जुडी जानकारी पसंद है तो यह लेख आपको बहोत पसन्द आएगा।

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