antimatter विज्ञानं की एक नई खोज जिससे ब्रह्मांड के रहस्यों को जाना जा सकता है।
What is antimatter
एंटीमैटर मतलब की प्रति कण क्या होता है उसका जवाब जो आप सोचते हो बिलकुल वही है। यह हमारे सामान्य कण ( normal matter) का विरोधी कण होता है।
History of antimatter
साल 1928 से पहले इस पदार्थ को सिर्फ एक काल्पनिक पदार्थ की तरह ही माना जाता था। मतलब की उसे सिर्फ सैद्धांतिक रूप (theoretical) से उपयोग किया जाता था। लेकिन साल 1928 में वैज्ञानिक paul.a.m. Dirac ने आइंस्टाइन के समीकरण E=mc^2 की कुछ ऐसी बाते बताई जो चौकाने वाली थी।
उसने कहा कि आइंस्टाइन ने कभी अपने इस समीकरण में यह नही कहा कि m-mass-पदार्थ का द्रव्यमान नकारात्मक गुणों के साथ साथ सकारात्मक भी हो सकता है। डिराक ने इस समीकरण में बदलाव किये और अलग समीकरण सामने रखा। E=±mc^2. मतलब की पदार्थ का द्रव्य “-” negative या फिर “+” positive दोनों में से कोई भी हो सकता है। इस समीकरण ने साबित कर दिया की हमारे ब्रह्मांड के अंदर प्रति कण (antimatter) का अस्तित्व है।
कैसे होते हैं antimatter
हम जिस से बने है, हम जो देखते है वो सब एक सामान्य कण से बना हुआ है। एक कण ( atom) electron और proton से बने हुए होते है। electron का charge negative ओर proton का charge positive होता है। लेकिन एंटीमेटर में यह चीज उलटी होती है। electron – positive charge और proton – negative charge होते है। जब की मेटर और एंटीमैटर दोनों का द्रव्यमान समान होता है।
Hydrogen-anti hydrogen |
एंटीमैटर के कण
Positrons: यह इस तरह का एक इलेक्ट्रॉन कण होता है जिसका charge पॉज़िटिव होता है इसकी खोज Carl Anderson ने साल 1932 में की थी।
Anti protons: एक ऐसा प्रोटोन जिसका चार्ज नेगेटिव होता है। Berkeley Bevatron के संशोधकों ने इसे साल 1955 में बनाया था।
जब सामान्य कण और एंटीमैटर एकदूसरे से टकराते है तो दोनों नष्ट हो जाते है और एक विस्फोटक को जन्म देते है। दोनों कण के एकसाथ संपर्क में आने से उनका द्रव्यमान ऊर्जा में बदल जाता है और बहोत ज्यादा रेडियशन निकलता है। वैज्ञानिको के मुताबिक जो ऊर्जा इसमें उतपन्न होती है वो बहोत ही ज्यादा होती है। माना जाता है कि इससे हमारी धरती पर से ऊर्जा की जो समस्या है वो खत्म हो सकती है।
ब्रह्मांड में Antimatter का अस्तित्व
तो क्यों हम उसे बनाकर उसका उपयोग नही करते? जवाब है ऊर्जा। एंटीमैटर को बनाना कोई कागज के प्लेन बनाने जितना आसान नही है उसमें इतनी ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है कि पूछो ही मत। अबतक हमे कुदरती रूप में कही पर भी एंटीमेटर नही मिला है, वैज्ञानिको ने साल 1977 में हमारी गेलेक्सि milky way के केंद्र के आसपास एंटीमैटर के होने की बात की थी।
Antimatter कैसे बनते है
हमें कुदरती रूप से एंटीमेटर मिलने से रहा इसीलिए हमे इसे खुद बनाना होगा। कैसे, देखिए आगे। एक मशीन जिसका नाम है atom smasher. इस मशीन के अंदर लंबी सुरंगे और शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र होता है। इसके अंदर एक परमाणु को भेजा जाता है। मशीन इस परमाणु को बहुत तेज लगभग प्रकाश की गति के नजदीक घुमाती है। ऐसा होने की वजह से परमाणु के अंदर के सारे कण अलग होते है। इनमे से जो प्रति कण होते है उसे चुम्बकीय क्षेत्र से अलग कर देते है। इस एंटीमैटर को चुम्बकीय क्षेत्र में ही रखना पड़ता है क्योंकि अगर,अगर वो सामान्य कण के साथ मिला तो धड़ाम।
अभी के लिए anti proton को साल में लगभग 1 picogram(ग्राम का एक खरब भाग) ही बना पाते है। अब आप सोच रहे होंगे की इतने में बहोत ऊर्जा होगी तो नहीं भाई उसमे इतनी ऊर्जा होती है कि वो 100 watt के बल्ब को मात्र 3 सेकंड के लिए जला सके। (जब यह सामान्य कण के साथ मिलते है तभी अतिशय ऊर्जा उत्पन करते है।)
Matter-antimatter engine
साल 2000 october में NASA के वैज्ञानिको ने एंटीमैटर को लेकर एक बात दुनिया के सामने रखी। उन्होंने एंटीमैटर से चलने वाला एक engine की डिज़ाइन के बारे में बताया। उसके मुताबिक बस कुछ अंतिमेटर से इस इंजन में बहोत अधिक ऊर्जा उतपन्न कर सकते है।
Matter-antimatter इंजिन सबसे शक्तिशाली और इफेक्टिव है। क्योंकि जब सामान्य मेटर और एंटीमेटर टकराते है तो सारा द्रव्यमान ऊर्जा में बदल जाता है। स्पेसक्राफ्ट में जो हायड्रोजन और ऑक्सिजन की केमिकल ऊर्जा का उपयोग किया जाता है उससे 10 अरब गुना ज्यादा ऊर्जा matter-antimatter इंजिन उत्तपन करता हैं। nuclear power plant की ऊर्जा से 1,000 गुना ज्यादा और nuclear fusion energy से लगभग 300 गुना ज्यादा ऊर्जा निकालता है यह इंजिन।
अगले भाग में जानेंगे इस इंजिन के 3 मुख्य घटक और एंटीमैटर के 5 सबसे बड़े रहस्य।
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पहले antimatter के बारे में बना पहला भाग पढ़िए। बाद में यह भाग पढ़िए। वरना आपको समझने में दिक्कत होगी।
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Matter-antimatter engine components
Magnetic storage rings- इस भाग में एंटीमैटर को रखा जाता है। यहाँ पर शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र होता है जो एंटीमैटर को सामान्य पदार्थ से अलग रखता है। अगर ऐसा ना हो तो एंटीमैटर आम कण के साथ मिल जाएगा और फिर धड़ धड़ धड़ाम।
Feed system- जब स्पेसक्राफ्ट को ऊर्जा की जरूर होती है तब यह भाग एंटीमैटर को matter के साथ छोड़ता है और फिर क्या, स्पेसशीप को ऊर्जा मिल जाती है।
Magnetic rocket nozzle thruster – स्पेसक्राफ्ट का यह भाग एंटीमैटर से जो ऊर्जा बनाई गई है उसे इस्तमाल करता है। जैसे धरती पर से अगर किसी रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए जो नोजल होता है बस उसी तरह का यह मैग्नेटिक नोजल होता है।
Antimatter engine |
आखिर कितना शक्तिशाली है यह इंजिन
मात्र 10 ग्राम anti proton से एक स्पेसक्राफ्ट को मंगल ग्रह पर भेजनी की ताकत होती है इस इंजन में। चलो इस इंजन की तुलना करते है स्पेस मिशन से। अगर आज हम किसी रॉकेट को मंगल ग्रह पर भेजते है तो उसे 10 महीनों का वक्त लगता है। लेकिन अगर बात करे इस इंजिन की तो यह सिर्फ 1 महीने में ही मंगल ग्रह को छू जाएगा।
Journal of Propulsion and Power ने एक रिपोर्ट जाहिर किया उसके मुताबिक मंगल ग्रह की एक साल की यात्रा के लिए इंजन को जीतने ऊर्जा की आवश्यकता होती है वो एंटीमैटर की मात्रा एक ग्राम के दसवें हिस्से से ही पूरी की जा सकती है।
ब्रह्मांड का एक रहस्य
वैज्ञानिको के मुताबिक जब बिग बैंग हुआ था तब समान मात्रा में मेटर और एंटीमैटर बने थे। उनमें से कुछ मेटर और एंटीमैटर साथ में आकर एनर्जी बन गए बाकी ब्रह्मांड में फ़ैल गया। हमारे आसपास सिर्फ मेटर ही है तो सारा एंटीमैटर कहाँ पर गया। वैज्ञानिको का मानना है कि हमारे इस अदभुत ब्रह्मांड में कही पर तो सारा एंटीमैटर होगा।
पॉल डिराक के मुताबिक हर चीज की एक प्रति चीज होती है। मतलब की इस ब्रह्मांड में जितने भी कण, ग्रह, तारे है सबकी एक विरोधी इमेज होती है। इससे यह धारणाए बनती है कि कही पर हमारी पृथ्वी का, हमारा और हमारे इस ब्रह्मांड का भी कोई नेगेटिव प्रति रूप जरूर होगा।
एंटीमैटर के 5 सबसे बड़े रहस्य
1: Where is all the antimatter.
वैज्ञानिक पॉल डिराक के मुताबिक हर चीज की नकारात्मक प्रति इमेज होती है तो हमने अपने ब्रह्मांड मे अब तक जितना सामान्य मेटर देखा है तो फिर उसकी प्रति इमेज कहा पर है। आखिर ब्रह्मांड का सारा एंटीमैटर है कहाँ पर।
2: How do you make antimatter.
हम अब तक बहोत ही कम मात्रा में एंटीमैटर बना सकते है और वो भी लाखो-करोड़ो गुना ज्यादा ऊर्जा और पैसा खर्च करके। तो फिर हम कैसे एंटीमैटर को बना सकते है, वो भी कम से कम कीमत में ज्यादा से ज्यादा। जिससे उसका इस्तेमाल कई क्षेत्र में हो सके।
3: Does antimatter fall up.
क्या एंटीमैटर गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से गिर सकता है। ऐसा प्रश्न इसीलिए सामने आया क्योंकि सामान्य कण गुरुत्व बल को अनुभव करता है, पर एंटीमैटर जो की सामान्य कण का विरोधी कण होता है तो क्या वो गुरुत्वाकर्षण बल का भी विरोधी होता है। इसका जवाब NASA के वैज्ञानिको ने दिया, उनके मुताबिक एंटीमैटर में भी सामान्य मेटर की तरह द्रव्यमान होता है, मतलब की वो भी गुरुत्व बल का समान ही अनुभव करते है, बिलकुल मेटर की तरह। क्योंकि एंटीमैटर में भी सामान्य मेटर की तरह द्रव्यमान होता है। लेकिन यह सिर्फ एक अंदाजा लगाया गया है, इस एक्सपेरिमेंट को अभी तक प्रेक्टिकल नही किया गया है, क्योकि हमारे पास अभी इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी नही है।
4: Can we make an anti-world.
क्या हम प्रति-दुनिया बना सकते है जो सिर्फ एंटीमैटर से बनी हुई हो। अगर आप ने पहले ध्यान से पढ़ा तो आपको याद होगा की पॉल डिराक के मुताबिक हर चीज की नेगेटिव इमेज होती है। यहाँ तक की हमारे ब्रह्मांड से लेकर हमारी खुद की। आपको लगा होगा की यहाँ पर हम हमारी दुनिया की प्रति दुनिया बनाने की बात की है। नही ऐसा नही है। देखो हाल के समय में हम anti proton बना रहे है और अगर किसी तत्व की बात की जाए तो हम हाल सिर्फ एन्टी हायड्रोजन का परमाणु ही बना रहे है, जो की हायड्रोजन का प्रतिकण होता है। हमे मिले सारे तत्वों में से हायड्रोजन सबसे सरल तत्व है, बस इसीलिए उसे बनाया जा रहा है। इस तरह छायद हम आगे एक एक करके सारे तत्वों का विरोधी तत्व बनाने में सफल हो सकते है। जिससे हम अपनी खुद की प्रति दुनिया बना सकते है। लेकिन इसमें कई ज्यादा समय बाकी है।
5: What about antimatter bombs.
एंटीमैटर इतना शक्तिशाली है तो क्या होगा अगर इसका बम बनाने में इस्तमाल करे। एंटीमैटर के उपयोग के लिए अब तक के 3 सबसे बडे क्षेत्र है। ऊर्जा के लिए इंजिन, मेडिकल और हथियार। आपने परमाणु बम के बारे में सुना ही होगा और आपको पता होगा की वो कितना शक्तिशाली और खतरनाक है। इस बम में जो मेटर होता है उसका सिर्फ 1% ही ऊर्जा में बदलता है, लेकिन एंटीमैटर के केस में ऐसा नही होता। एंटीमैटर 100% ऊर्जा में बदल जाता है। मतलब की परमाणु बम से 100 गुना ज्यादा खतरनाक।
एंटीमैटर की अदभुत बाते
एक मिलीग्राम एंटीमैटर बनाने के लिए 250 लाख रूपये जितना खर्च होता है।
जब की एक ग्राम एंटीमैटर की कीमत 393.75 लाख करोड़ जितनी है। मतलब की इतने पैसो से लगभग 100 छोटे देश को खरीद सकते है।
आगे हम ज्यादा जानकारी के साथ देखेंगे कि एंटीमैटर के और क्या क्या रहस्य है हमारे इस ब्रह्मांड में।
तब तक के लीए अलविदा।