क्या कभी आपने रात को खुले आसमान को कभी देखा है, कैसा लगता है, मन अंदर से शांत हो जाता है ना, जब आप छोटे थे तब आपने कभी ना कभी तारो को गिनने की कोशिश तो की ही होगी ना, कितने तारे गिन पाए थे तब आप। चलो आज में आपको हमारी आकाशगंगा milky way के बारे बताता हूं। इन सारी जानकारी को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ना, जिससे आपको यह अंदाजा आ जाएगा की आखिर कार कितना बड़ा है हमारा ये प्यारा सा ब्रह्मांड।
मिल्की वे क्या है – what is milky way galaxy in hindi
अगर में आपसे पुछु की हमारा सूर्य मंडल किस किस चीजो से मिलकर बना हुआ है, तो आपका जवाब क्या होगा। यही की पृथ्वी जैसे कुछ ग्रह, चाँद जैसे कुछ उपग्रह, धूमकेतु, उल्का और एक तारा यानी की सूर्य से मिलकर बना है। बस इसी तरह एक आकाशगंगा बनी हुई होती है। बहुत सारे अनगिनत तारे, ग्रह, बड़े बड़े बादल, धूल, हाइड्रोजन, हीलियम जैसे गैस मिककर एक बहुत बड़ा समूह बनाते है और गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से यह सारी चीजे एकसाथ बंधी रहती है। जिसे हम आकाशगंगा कहते है।
पहले में आपको कुछ शब्द स्पष्ट कर देता हूं जिसे आपको यह सब समझने में आसानी हो। आकाशगंगा का मतलब होता है galaxy. और हमारी जो आकाशगंगा है उसका नाम है मंदाकिनी. अब आप कहोगे तो milky way क्या है। हमारी आकाशगंगा जो की जिसका नाम मंदाकिनी है उसका अंग्रेजी में नाम मिल्की वे है। यह सब कैसे हुआ चलो जानते है।
जब हम आसमान में देखते है तो हमे एक दूधिया रंग का एक पट्टा दिखाई देता है। बस इसको देखकर नाम पड़ गया milky way. यहां पर milky way नाम में आप दूध शब्द को देख सकते हो। उसी तरह हमारे ग्रंथो में आकाशगंगा को इसे क्षीरसागर कहा गया है जहाँ पर क्षीर का मतलब दूध होता है। कोरिया के लोग इसे मीरीयाई कहते है, जिसका अर्थ भी होता है चांदी की नदी।
दूधिया पट्टा |
आकाशगंगा कितने आकार की होती है
आकाशगंगा यानी की गेलेक्सि के आकार तीन तरह के होते है।
सर्पिल आकार – spiral galaxy
अंडाकार आकार – elliptical galaxy
अनियमित आकार – Irregular galaxy
मिल्की वे के बारे में – about milky way galaxy in hindi
Milky way galaxy |
हमारी आकाशगंगा milky way यानि की हमारी पृथ्वी जिस आकाशगंगा में है उसका आकर सर्पिल है। उपर दिखाए गए फोटो की तरह। आपको क्या लगता है हमारी गेलेक्सि सपाट है, नहीं बिलकुल नही। हमारी गेलेक्सि का आकार एक सिक्के की तरह गोल है, लेकिन बिच में से थोड़ा सा उठा हुआ है। हमारी गेलेक्सि की लंबाई लगभग 1,20,000 प्रकाश वर्ष है। और बिच की ऊंची चोड़ाई लगभग 1000 – 2000 प्रकाश वर्ष जितनी है। मतलब की प्रकाश को भी आकाशगंगा के तरफ से दूसरी तरफ जाने में 1,20,000 साल लगते हे। हमारी आकाशगंगा की चार भुजाएं है। सीधी भाषा में कहे तो उसके चार विशाल हाथ भी है, वैज्ञानिक उसे Orion arm कहते है।
जिसमे दो बड़ी है और दो छोटी। दो छोटी भुजाओ का नाम धनु और नोर्मा (Sagittarius and Norma) है। इन सर्पिल भुजाओं में गैस, धूल और कई सितारों के समूह शामिल हैं। दो बड़ी सर्पिल भुजाओं का नाम स्कूटम-सेंटोरस और पर्सियस (Scutum-Centaurus and Perseus) है। यह दोनों हाथ गेलेक्सि के केंद्र से खुले हुए है। ये चारों भुजाओं में कई शाखाए भी बनी हुई है, बिल्कुल इन भुजाओं की तरह। आकाशगंगा के यह चारो हाथ प्राचीन सितारों से भरे हुए है। हमारा सौर मंडल बड़ी भुजा perseus और छोटी भुजा Sagittarius के बीच में आया हुआ है।
हमारी आकाशगंगा में लगभग 100 अरब तारे है। वैज्ञानिको के मुताबिक तारो की यह संख्या इससे कही ज्यादा है, लगभग 200 – 400 अरब के आसपास। साथ ही 100 अरब जितने ग्रह है, उनमे से 50 करोड़ ग्रह ऐसे है, जहाँ पर जिंदगी बनने योग्य वातावरण हो।
जिस तरह से हमारी पृथ्वी सूरज की आसपास परिक्रमा कर रही है, उसी तरह हमारा सूरज भी आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है। हमारे सूर्य को आकाशगंगा का एक चक्र पूरा करने के लिए 22 – 25 करोड़ साल का समय लगता है। आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन जब से धरती पर इंसानो की उत्पत्ति हुई है, तब से लेकर अब तक हमारा सूर्य आकाशगंगा का सिर्फ 1250 वे जितने भाग को ही पूरा कर पाया है।
हमारी आकाशगंगा की आयु 13.6 अरब साल जितनी है। यदि इस प्रकार से देखा जाए तो हमारी गेलेक्सि को बनने में ज्यादा समय नही लगा है, क्योकि लगभग 13.7 अरब साल पहले ही एक धमाके से ब्रह्मांड की उतपति हुई थी।
आकाशगंगा का केंद्र – milky way center
अब थोड़ी बात कर लेते है आकाशगंगा के केंद्र के बारे में। हमारी आकाशगंगा के इस केंद्र को galactic center नाम दिया गया है। हमारा सौर मंडल आकाशगंगा के के केंद्र से लगभग 27,000 प्रकाश वर्ष दूर है। सारी गेलेक्सि के केंद्र में एक massive black hole होता है। हमारी milky way galaxy के केंद्र में भी एक है। उसका नाम खगोलशास्त्रीओ ने Sagittarius A रखा है। इसका द्रव्यमान मतलब की माँस हमारे सूर्य से लगभग 40 लाख गुना ज्यादा है। यह ब्लेक होल भारी मात्रा में गुरुत्वाकर्षण बल उत्पन्न करके आकाशगंगा को बंधे रखने में मदद करता है। केंद्र के आसपास तारे और गैस भारी मात्रा में है जो 220 किलोमीटर पर सेकंड की गति से केंद्र की चारो ओर घूमते है। गजब बात यह नही है कि ये घूमते है लेकिन चौकाने वाली बात तो यह है कि ये तारे, गैस और धूल बहुत विशाल मात्रा में फैले हुए है।
यहा पर केंद्र का अभ्यास करने पर पता चला की गति के कुछ नियम का उल्लंघन हो रहा है, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है। साथ ही मालूम पड़ा की हमारी गेलेक्सि का 90% जितना द्रव्यमान हमारे ओर हमारे टेलेस्कोप के लिए अद्रश्य है। जिसे हम देख ही नहीं सकते। वैज्ञानिको ने इस अद्रश्य चीज को डार्क मैटर का नाम दिया गया है। यह चीज भारी मात्रा में केंद्र के आसपास है, जिसका हम बस प्रभाव देख सकते है, बाकि तो अभी वो रहस्यमय बना हुआ है। उसकी आगे बात करेंगे।
Milky way facts in hindi
हमारे ग्रंथों में आकाशगंगा को गंगा नदी की तरह ही बिलकुल पवित्र माना गया गया है, इसी वजह से इसे मंदाकिनी कहते है।
अगर आप आसमान के तारो को गिनने की कोशिश करोगे तो आप मिल्की वे के 2500 जितने तारे ही गिन पाओगे। यह एक अंदाज लगाया गया है। थोड़ा बहुत कम या ज्यादा हो सकता है।
हमारी गेलेक्सि की सबसे नजदीक की गेलेक्सि एंड्रोमेडा है। यह गेलेक्सि हमारी गेलेक्सि milky way से दो गुना बड़ी है। वैज्ञानिको के मुताबिक अगले 5 अरब साल में हमारी गेलेक्सि इससे टकराएगी। यह टकराव भी कुछ अरबो सालो तक चलेगा और एक नई गेलेक्सि की रचना होगी।
मिल्की वे आकाशगंगा के अंदर भी कई उपग्रह आकाशगंगाएँ हैं और वे सारी आकाशगंगाए एक स्थानीय समूह (local group) का हिस्सा हैं,जो virgo Supercluster का हिस्सा है, जो खुद Laniakea Supercluster का एक भाग है। मतलब आप सोच सकते हो की कितनी बड़ी है ये हमारी आकाशगंगा।
सायरस या फिर कहे डॉग स्टार आसमान में दिखाई देने वाला सबसे चमकीला तारा है, वो हमारी पृथ्वी से 9 प्रकाश वर्ष दूर है।
अभी अभी कुछ समय पहले ही वैज्ञानिको ने अनुमान लगाया है कि हमारी आकाशगंगा में लगभग 36 जितनी advance civilization हो सकती है। इसका मतलब ऐसी एलियन लाइफ जो हमसे कही ज्यादा आगे हो।
ओरियन नेब्यूला हमारी आकाशगंगा के सबसे चमकीले और ठंडे तारो का समूह है।
हमारे सूर्य का सबसे नजदीकी तारा प्रोक्सिमा सेंचुरी ( proxima century) है।
पहले लगभग 19वीं सदी तक खगोलशास्त्रीओ को यही लगता था कि मिल्की वे में ही सारे तारे है और हमारा ब्रह्मांड बस इस आकाशगंगा जितना ही है। लेकिन साल 1920 में Edwin Hubble ने एक तस्वीर खिंची, जिससे पता चला कि हमारी गेलेक्सि तो ब्रह्मांड की अरबो गेलेक्सि में से एक है, इस तरह की तो और भी अनगिनत गेलेक्सि हनारे ब्रह्मांड में मौजूद है।
एक तथ्य है, उसके मुताबिक एक गेलेक्सि के अंदर लगभग 10^11 जितने तारे या ग्रह होते है और हमारे ब्रह्मांड में भी आकाशगंगाओ की संख्या 10^11 जितनी है। मतलब की हमारे ब्रह्मांड में कुल मिलाकर 10^22 जितने ग्रह मौजूद है।
Milky way galaxy conclusion
आपने सुरु में ही डार्क मैटर का नाम पढ़ा होगा। लेकिन क्या आपको पता है की वो क्या है। डार्क मैटर एक ऐसी चीज है जो ना हमे दिखाई देती है और ना ही हम उसके साथ कोई प्रयोग कर सकते है। मतलब की एक चिज जो अद्रश्य है और ब्रह्मांड की सारी चीजो के आरपार हो सकती है। सच तो ये है कि हम जिसे अपनी आकाशगंगा कह रहे है, उसका सिर्फ 10% भाग ही हम देख सकते है, क्योकि बाकी का 90% dark matter से बना हुआ है। सोचिए हमने अभी आकाशगंगा के बारे में जो जाना, वो तो सिर्फ इसका 10% ही है तो असली आकाशगंगा कितनी बड़ी होगी। ऐसे तो कई ब्रह्मांड के रहस्य है, जो हम नही जानते। जैसे की ब्रह्मांड की डार्क एनर्जी और वाइट होल। सिर्फ इसके विचार से ही हम कांप उठते है और सोचते है की क्या सचमे ऐसा भी कुछ है हमारे ब्रह्मांड में
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