International space station में ऐसा भी होता है

International space station
चलिए आज अंतरिक्ष घूम कर आते है। तो चलिए शुरू करते है।
space station एक ऐसी चीज होती है जो अंतरिक्ष में इंसानो द्रारा बनाई हुई एक स्टेशन है। 
International space station को सबसे पहले नासा के द्रारा बना जा रहा मिशन था। लेकिन कुछ कारणों की वजह से उसमे खराबी आ गयी और इस मिशन को डिले कर दिया। बाद में पैसो के कारण इस मिशन को खुला कर दिया। मतलब की इसमें जो देश चाहे वो अपना योगदान दे सकता था। इसकी वजह से इस मिशन में 18 देश जुड़े। उसमे ज्यादातर भाग अमेरिका के nasa और रशिया के roscosmos था। बाकि का थोड़ा हिस्सा बचे हुए स्पेस एजंसी का था। जिसमे शामिल थे जापान , यूरोपियन जैसी  स्पेस एजेंसी। 
International space station
International space station
इस स्पेस स्टेशन के पहले भाग को साल 1998 नवंबर में रशिया के द्रारा भेजा गया था। इसी महीने में अमेरिका के द्रारा ही स्पेस स्टेशन के दूसरे भाग को भेजा गया। साल 200 तक इस स्पेस स्टेशन को इंसानो के रहने लायक बना दिया गया था।
इसके अंदर एकसाथ 6 मेम्बर के रहने जितनी जगह है। उसमे एक तरह का फिल्टर होता है जो इंसानो के मूत्र को पिने लायक पानी में बदलता है, जिसकी वजह से कभी भी स्टेशन पर पानी  को लेकर कोई समस्या नही होती।
आपके मन में यह प्रश्न जरूर आया होगा की स्पेस स्टेशन पर स्पेस क्राफ्ट कैसे लेंड करते है। देखो इसके लिए होती है डॉकिंग सिस्टम। एक स्पेस क्राफ्ट के आगे की तरह गोल आकार का भाग होता है। ऐसा ही कुछ स्पेस स्टेशन के बाहर की तरफ भी भाग होता है।
सबसे पहले कोई एक स्पेस रॉकेट को पृथ्वी और से भेजा जाता है। इस रॉकेट का सबसे पहला काम होता है स्पेस स्टेशन के पास पहुंच सके उतनी स्पीड को पकड़ना। 
अब तक कभी ऐसा नही बना है कि इस स्पेस स्टेशन को अकेला छोड़ दिया गया हो। इसमें हर समय कोई न कोई मेम्बर रहता ही है।
इस स्पेस स्टेशन के अंदर जिम भी है।

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