हमारा ब्रह्मांड सिर्फ फ़ैल ही नही रहा बल्कि पहले के मुकाबले ज्यादा गति से फैल रहा है और इसकी वजह डार्क एनर्जी (dark energy in hindi) है। जिसे हिंदी भाषा में हम श्याम ऊर्जा भी कहते है।
डार्क एनर्जी से पहले हमें कुछ और चीजे जानने की जरूरत है। जैसे की महा विस्फोटक (big bang).
बिग बैंग थियरी के मुताबिक ब्रह्मांड की उत्पत्ति एक बिंदु से हुई थी, अरबो साल पहले एक बिंदु पर एक बहुत बड़ा विस्फोटक हुआ और ब्रह्मांड की रचना हुई। उस समय से लेकर आज तक हमारा ब्रह्मांड लगातार फ़ैल रहा है।
श्याम ऊर्जा की खोज – dark energy in hindi
साल 1929 में एक गेलेक्सि में रहे सुपरनोवा पर हुई रिसर्च से यह तो पता चल गया था कि हमारा ब्रह्मांड फ़ैल रहा है।
गुरुत्वाकर्षण बल के नियम के अनुसार ब्रह्मांड में मौजूद हर चीज अणु, परमाणु, ग्रह और गेलेक्सि गुरुत्वाकर्षण बल उत्त्पन्न करते है। जिससे सारी चीजें एक दूसरे को अपनी तरफ खींचते है।
इससे बात तो तय थी की गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से ब्रह्मांड के फैलने की गति समय के साथ धीमी हो जाएगी, जो की स्वाभाविक था। क्योंकि ब्रह्मांड बहार की तरफ फ़ैल रहा था और गुरुत्वाकर्षण बल अंदर की तरफ उत्त्पन्न हो रहा था।
पर यह बात साल 1998 तक ही सीमित रही। क्योकि इस साल वैज्ञानिको की दो टीम ने अलग अलग गेलेक्सि के सुपरनोवा पर परिक्षण किया।
इस परीक्षण में उस सुपरनोवा को जितनी दूर होना चाहिए उससे अधिक था।
इससे वैज्ञानिको को पता चला की आज ब्रह्मांड के फैलने की गति भुतकाल से ज्यादा है। इसका मतलब हमारे ब्रह्मांड की गति लगातार बढ़ रही थी। पर ऐसा कैसे हो सकता है? उसे तो गुरुत्व बल की वजह से धीमा हो जाना चाहिए था।
सुपरनोवा का ये परीक्षण एक ही समय पर दो अलग अलग टीम ने किया था, मतलब गलती की कोई संभावना भी नहीं थी। फिर भी पहले तो वैज्ञानिको को इस प्रयोग पर शक हुआ, लेकिन बाद में सारी चीजो को सावधानी के साथ जांचने से पता चला की कोई रहस्मय बल तो जरूर है जो हमारे ब्रह्मांड को फैला रहा है।
उस समय ब्रह्मांड का यह रहस्य किसी भी वैज्ञानिक को समज नही आया, इसीलिए उस चीज के समाधान के लिए उसे डार्क एनर्जी का नाम दे दिया गया।
डार्क एनर्जी एक ऐसी चीज है जिसे ना देख सकते है और ना ही उसे जाँच सकते है, बस उसके प्रभाव को ही हम देख सकते है। बिलकुल डार्क मैटर की तरह। पहले ही डार्क मैटर ने वैज्ञानिको को मुश्केली में डाल रखा था और अब श्याम ऊर्जा ने एक और झटका दिया है। dark energy की मात्रा हमारे ब्रह्मांड में 68% और डार्क मैटर की मात्रा 27% है। जिससे वैज्ञानिको को एक नए ब्रह्मांड को देखना पड़ा है।
अल्बर्ट आइंस्टीन पहले ऐसे इंसान थे जिन्होंने कहा था कि अंतरिक्ष खाली तो बिलकुल नही है। खाली जगह की अपनी एक ऊर्जा होती है।
अभी तक हमे यही पता नही चला है कि असल में डार्क एनर्जी है क्या। पर कुछ थियरी है जिसके मुताबिक डार्क एनर्जी ऐसी हो सकती है। जिनमे से कुछ में यहा नीचे बता रहा हु।
1.अल्बर्ट आइंस्टीन की theory of gravity में गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध प्रभाव को दर्शाने के लिए एक cosmoligical constant (ब्रह्मांडीय स्थिरांक) दिखाया गया है।
तब आइंस्टीन और बाकी वैज्ञानिक मानते थे की इसे सिर्फ गणितीय सरलता के लिए ही लिया गया है। लेकिन बाद में वो एक सच्चाई बना और सारे वैज्ञानिको के लिए बडा रहस्य बन गया। इसी स्थिरांक को आज हम श्याम ऊर्जा(dark energy in hindi) कहते है
2.दूसरी थियरी यह है की यह खाली स्थान असल में अस्थाई और आभासी कणो से बने हो, ऐसे कण जो लगादार अपने आप ही बनते हो और नष्ट या अदृश्य हो जाते हो। हो सकता है उन खाली जगह पर इन्ही आभासी कणो से एनर्जी मिलती होगी।
physicist (भौतिकशास्त्रीओ) ने खाली स्थान की एनर्जी की गणना (calculation) की। लेकिन वो गलत साबित हुआ। वो गणना डार्क एनर्जी की तुलना में 10^120 (1 के पीछे 120 शून्य) ज्यादा थी। मतलब श्याम ऊर्जा का कुछ भी पता नही चला।
3.तीसरी थियरी यह है कि आइंस्टीन की theory of gravity ही गलत है। हमे उसे फिर से समझने की जरूरत है और एक नई थियरी चाहिए जो इस डार्क एनर्जी को समजा सके।
लेकिन अब तक हम theory of gravity की वजह से ब्रह्मांड के हर खगोलीय पिंड और घटनाओं को न सिर्फ समझ पाए है, बल्कि उसे सही भी पाया है। ऐसे में एक नई थियरी की कल्पना करना बहुत ही कठिन है।
4.कुछ वैज्ञानिको का यह भी मानना है कि डार्क एनर्जी एक नई तरह की डायनामिक एनर्जी है या कोई ऐसा द्रव्य है जो ब्रह्मांड की जगहों यानी की अंतरिक्ष को भरता है। वैज्ञानिको ने इसे quintessence नाम दिया है। ग्रीक के फिलोसोफर इसे पांचवा तत्व (fifth element) भी कहते है।
अब जब की श्याम ऊर्जा (dark energy) से जुडी कुछ जानकारी हमारे पास है तो हम इसकी असर को भविष्य के ब्रह्मांड में देख सकते है।
जिनमे से यह तीन मुख्य है जो बताते है कि ब्रह्मांड का अंत कैसे होगा।
1.महा विस्फोटक: यह ब्रह्मांड की एक भयानक स्थिति है। अभी के समय डार्क एनर्जी की वजह से ब्रह्मांड फ़ैल रहा है और उसकी हटी बद्व रही है। इस तरह भविष्य में भी ब्रह्मांड के फैलने की गति बढ़ती रहेगी।
इस गति की वजह से उत्तपन बल गुरुत्वबल से ज्यादा हो जाएगा और इसी वजह से आकाशगंगा, तारे सब अलग ही जाएंगे।
फिर इस डार्क एनर्जी की शक्ति इतनी बढ जाएगी की यह छोटे कणो के अंदर रहे बलो पर भी हावी हो जाएगी, जिससे ब्रह्मांड का एक एक अणु टूटकर बिखर जाएगा।
2.महा संकुचन: एक समय पर श्याम ऊर्जा का प्रभाव खत्म हो जाएगा और गुरुत्वाकर्षण बल उस पर हावी हो जाएगा। जिससे ब्रह्मांड के सारे खगोलीय पिंड और चीजे एकदूसरे को खींचेगी और एक बिंदु में समा जाएगी। बाद में एक महा विस्फोटक से एक नए ब्रह्मांड की रचना होगी।
3.महा शीतलन: ब्रह्मांड में रहे डार्क एनर्जी और गुरुत्वाकर्षण बल के बीच बहुत समय तक ऐसे ही संतुलन बना रहेगा। इससे ब्रह्मांड की सारी चीजें एक दूसरे से बहुत दूर हो जाएगी। जिससे ब्रह्मांड की हर जगह ठंडी हो जाएगी और ब्रह्मांड अपने शून्य तापमान पर होगा।
Facts about dark energy in hindi
श्याम ऊर्जा गुरुत्वाकर्षण बल का विरोधी बल नही है। गुरुत्व बल चीजो को एकदूसरे के नजदीक खिंचता है जब की डार्क एनर्जी दो चीजो के बीच मौजूद खाली जगह को बढाती है।
नष्ट होते तारो को सुपरनोवा कहा जाता है। और यह सुपरनोवा बहुत ही तेज प्रकाशित होते है।
आइंस्टाइन के फार्मूला e=mc^2 के मुताबिक कण या ऊर्जा को हम बना नही सकते। ब्रह्मांड में उसकी मात्रा स्थिर है। तो प्रश्न ये होता है कि ब्रह्मांड के इस खाली जगहों में ये ऊर्जा आती कहाँ से है। इसका source अब तक पता नही चला है।
तो बस यह थी कुछ जानकारी श्याम ऊर्जा (dark energy in hindi) के बारे में।