क्या आप पिरामिड से जुड़े अद्भुत रहस्य जानते है? तो आज हम सब जानेंगे पिरामिड के रहस्यों के बारे में।
SpamSite444444;”>History of pyramid
SpamSite444444;”>पिरामिड को आज से लगभग 4000 साल पहले बनाया गया था। इजिप्त के अंदर कुल मिलाकर 138 पिरामिड है लेकिन काहिरा के उपनगर गीजा में आए ये तीन असाधारण पिरामिड है। ये तीन पिरामिड राजा khufu, राजा khafre और khafre के सेनापति men kaure के है। इन तीनो में खुफु का पिरामिड सबसे बड़ा है जिसे राजा खुफु ने अपने लिए बनाया था। इसे खुफु का पिरामिड या the great pyramid of giza कहा जाता है। इनमे से सबसे छोटा पिरामिड सेनापति khafre का है।
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SpamSite444444;”>पिरामिड की बनावट
SpamSite444444;”>पिरामिड को बनाने के लिए लगभग 23 लाख पत्थरो का उपयोग किया गया है। इन पत्थरो में लाइम स्टोन का इस्तेमाल किया गया है। हर एक ब्लॉक का वजन 2,700-70,000 kg (किलोग्राम) के है। इस पिरामिड की बहार की सतह पर 1,44,000 पोलिश लाइम स्टोन (चमकीले चुनाई पथ्थर) लगे हुए थे, जो की लगभग 8 फिट चौड़े थे। पिरामिड के उपर के टोच का भाग सोने से विस्तरित किया गया था। जब पिरामिड बना तब उसकी ऊंचाई 481 फीट तक की थी।लेकिन कुछ समय पहले ही ऊपर का 26 फीट भाग टूटकर बिखर गया और अब उसकी ऊंचाई 455 फीट जितनी हो गई है।
SpamSite444444;”>पिरामिड को बनाने के लिए लगभग 23 लाख पत्थरो का उपयोग किया गया है। इन पत्थरो में लाइम स्टोन का इस्तेमाल किया गया है। हर एक ब्लॉक का वजन 2,700-70,000 kg (किलोग्राम) के है। इस पिरामिड की बहार की सतह पर 1,44,000 पोलिश लाइम स्टोन (चमकीले चुनाई पथ्थर) लगे हुए थे, जो की लगभग 8 फिट चौड़े थे। पिरामिड के उपर के टोच का भाग सोने से विस्तरित किया गया था। जब पिरामिड बना तब उसकी ऊंचाई 481 फीट तक की थी।लेकिन कुछ समय पहले ही ऊपर का 26 फीट भाग टूटकर बिखर गया और अब उसकी ऊंचाई 455 फीट जितनी हो गई है।
इन पिरामिड को बनाने के लिए 23 साल का समय लगा था। वैज्ञानिक हंडिगेटन ने हिसाब लगाया कि अगर 23 साल तक हजारो श्रमिको 365 दिन रोजाना 10 घंटे काम करते, तो उन्हे हर दूसरे मिनिट में एक पथ्थर के ब्लॉक को रखना होगा।
Orion correlation theory
पिरामिड से जुडी बहुत सी थियरी है लेकिन ये orion theory थोड़ी सी अलग है। theory कुछ ऐसी है।
इजिप्त में आए हुए गीजा के ये तीन महान पिरामिड
आकाश में आए हुए एक नक्षत्र के तीन तारो के साथ एकदम सटीक तरह से मिलते है। और इस नक्षत्र का नाम है orion belt. रात को देखने पर ये तीन पिरामिड इस नक्षत्र के तीन तारो alnitak, alnilam, और mintaka के साथ एक सटीक लाइन बनाते है जो की एक रहस्मय बात है। इस थ्योरी को Robert Rauval ने साल 1983 में बताया था।
पिरामिड से जुडी बहुत सी थियरी है लेकिन ये orion theory थोड़ी सी अलग है। theory कुछ ऐसी है।
इजिप्त में आए हुए गीजा के ये तीन महान पिरामिड
आकाश में आए हुए एक नक्षत्र के तीन तारो के साथ एकदम सटीक तरह से मिलते है। और इस नक्षत्र का नाम है orion belt. रात को देखने पर ये तीन पिरामिड इस नक्षत्र के तीन तारो alnitak, alnilam, और mintaka के साथ एक सटीक लाइन बनाते है जो की एक रहस्मय बात है। इस थ्योरी को Robert Rauval ने साल 1983 में बताया था।
Orion theory and aliens
पिरामिड की ऐसी बनावट को देखकर वैज्ञानिक अचंभित है। क्योंकि आज के समय में भी ऐसी संरचना बनाना लगभग नामुमकिन है। तो ऐसे पिरामिड को 4000 साल पहले कैसे बनाया गया होगा? उस समय तो इतनी advance टेक्नोलॉजी भी नही थी। उस समय में 70 टन के ब्लॉक को इतनी ऊंचाई तक कैसे पहुँचाया होगा? क्योंकि आज के समय की क्रेन भी सिर्फ 20 टन ही उठा सकती है।
पिरामिड की ऐसी बनावट को देखकर वैज्ञानिक अचंभित है। क्योंकि आज के समय में भी ऐसी संरचना बनाना लगभग नामुमकिन है। तो ऐसे पिरामिड को 4000 साल पहले कैसे बनाया गया होगा? उस समय तो इतनी advance टेक्नोलॉजी भी नही थी। उस समय में 70 टन के ब्लॉक को इतनी ऊंचाई तक कैसे पहुँचाया होगा? क्योंकि आज के समय की क्रेन भी सिर्फ 20 टन ही उठा सकती है।
ऐसे असंभव पिरामिड को देखकर कुछ वैज्ञानिको का मानना है कि उस समय एलियंस धरती पर आए थे और अपने साथ एडवांस टेक्नोलॉजी लाए थे। उन एलियंस ने ही ऐसे अद्भुत पिरामिड को बनाने में इंसानो की मदद की थी। और ये एलियंस ओरियन बेल्ट नक्षत्र के उन्हीं तारो में से आए थे। अब पिरामिड को एलियंस ने बनाया था या इंसानो ने ये तो कोई नही जानता लेकिन इस पिरामिड का उन तारो के साथ कुछ कनेक्शन तो जरूर है। इन पिरामिड को उन तारो की दुनिया से कोई कनेक्शन दिखाने के लिए एलियंस और इंसानो ने बनाया था।
Pyramid tunnels
गीजा के इस पिरामिड में अंदर कई जगह पर टनल(सुरंगे) बनी हुई है। अब तक पिरामिड के अंदर सिर्फ तीन ही चैम्बर मिली है। King chamber, queen chamber और base chamber. अंदर और कितने चैम्बर है कोई नही जानता।
गीजा के इस पिरामिड में अंदर कई जगह पर टनल(सुरंगे) बनी हुई है। अब तक पिरामिड के अंदर सिर्फ तीन ही चैम्बर मिली है। King chamber, queen chamber और base chamber. अंदर और कितने चैम्बर है कोई नही जानता।
Star shaft theory
कहा जाता है कि उस समय के लोगो का मानना था की अगर राजा या रानी की बॉडी को इस चैम्बर के अंदर रख देंगे तो उनकी आत्मा उन orion नक्षत्र के तारो की तरफ चली जाएगी। पर ये अबतक एक थियरी ही है जिसे orion star shaft theory कहते है।
कहा जाता है कि उस समय के लोगो का मानना था की अगर राजा या रानी की बॉडी को इस चैम्बर के अंदर रख देंगे तो उनकी आत्मा उन orion नक्षत्र के तारो की तरफ चली जाएगी। पर ये अबतक एक थियरी ही है जिसे orion star shaft theory कहते है।
Pyramid perfection
अगर पृथ्वी का भौगोलिक केंद्र नापा जाए तो उसका केंद्र वही आता है जहाँ पर अभी ये पिरामिड बने हुए है।
अगर पृथ्वी का भौगोलिक केंद्र नापा जाए तो उसका केंद्र वही आता है जहाँ पर अभी ये पिरामिड बने हुए है।
ये पैरामिड्स पृथ्वी की उत्तर दिशा पर भी बिलकुल सटीक तरह से बैठते है। उसका आगे का भाग उत्तर दिशा को बताता है।
हमे लगता है कि गीजा के इन पिरामिड की 4 बाजुए ही है, लेकिन असल में उसकी 8 बाजुए (sides) है। जो की सिर्फ ऊपर से ही दिखाई देती है।
8 sides of pramids |
इन पिरामिड्स को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि ये भूकंप से भी बचे रहे।
पिरामिड में रखे लाइम स्टोन को इतनी बारीकी से फिट किया गया है कि इसमें एक सुई तक भी न घुस सके।
गीजा के ये तीन महान पिरामिड हमारे सूरज के साथ भी sun alignment बनाते है।
Natural A.C.
इजिप्त के नजदीक ही उनका desert (रण) है जिसकी वजह से वहाँ पर गरमी बहुत ही ज्यादा मात्रा में पड़ती है। लेकिन फिर भी पिरामिड की बनावट कुछ इस तरह की है कि उसके अंदर का तापमान हमेंशा 20℃ ही रहता है। जो की अबसे अनुकूल तामपान माना जाता है।
इजिप्त के नजदीक ही उनका desert (रण) है जिसकी वजह से वहाँ पर गरमी बहुत ही ज्यादा मात्रा में पड़ती है। लेकिन फिर भी पिरामिड की बनावट कुछ इस तरह की है कि उसके अंदर का तापमान हमेंशा 20℃ ही रहता है। जो की अबसे अनुकूल तामपान माना जाता है।
Pyramids and mummies
पिरामिड आखिर कार क्यूं बनाए गए थे? आप सब लोग कहेंगे की वो तो सबको पता है, पिरामिड को राजा या रानी की डीड बॉडी को रखने के लिए बनाया जाता था। हां, भाई ये बात सच है कि पुराने समय में राजा या रानी के मृत शरीर को ममी बनाने की प्रक्रिया से ममी बना दिया जाता था और फिर उन ममीज को इन पैरामिडो के अंदर रख दिया जाता था।
पिरामिड आखिर कार क्यूं बनाए गए थे? आप सब लोग कहेंगे की वो तो सबको पता है, पिरामिड को राजा या रानी की डीड बॉडी को रखने के लिए बनाया जाता था। हां, भाई ये बात सच है कि पुराने समय में राजा या रानी के मृत शरीर को ममी बनाने की प्रक्रिया से ममी बना दिया जाता था और फिर उन ममीज को इन पैरामिडो के अंदर रख दिया जाता था।
आप सुनकर चोंक जाओगे लेकिन अब तक किसी भी पिरामिड में एक भी ममी नही मिली। जीरो, शून्य नल्ला। जब पैरामिड्स को खोजा गया तब अंदर के सारे Tombs (ममी को रखने की जगह) खाली थे। राजा के चेम्बर में न राजाजी का ममी मिला और नाही रानी के चेम्बर में रानी का। वो सारे टोम्ब्स खाली नीकले जब तक की उन्हें ढूंढा नही गया।
Empty tombs |
Dendera light
डेन्डेरा इजिप्त में आए हुए एक जगह का नाम है। यहाँ पर dendera light complex नाम का एक मंदिर है जो की एक रहस्य बना हुआ है। ये मंदिर इजिप्त वासियो ने अपने भगवान hator के लिए बनाया था। साल 1850 तक उसके ज्यादातर हिस्से पर रेत थी जिसे बाद में हटा लिया गया था। इस मंदिर के अंदर बहुत से अद्भुत चित्र देखने मिले। उनमे से कुछ चीत्र आज के समय के बल्ब से मिलते है। theorist का मानना है कि प्राचीन काल में इजिप्त में electricity थी जो एलियंस की देन थी।
The great sphinx
पिरामिड के साथ बनी हुई ये एक प्राचीन बनावट है। जिसका चहेरा तो इंसानो का है लेकिन शरीर किसी जानवर का। सालो तक ये रेत के नीचे दफन था, साल 1900 में रेत हटा दी गई। इस great sphinx को सिर्फ एक ही पथ्थर में से बनाया गया था। कहा जाता है कि इसका चहेरा राजा khafre का है। इस चीज़ के अंदर दो खाली जगहे भी मौजूद हैं। समय के साथ इसमें बहोत से बदलाव आए। इस चीज़ को क्यों और किसलिए बनाया गया था ये अबतक किसी को भी पता नही है।
पिरामिड के साथ बनी हुई ये एक प्राचीन बनावट है। जिसका चहेरा तो इंसानो का है लेकिन शरीर किसी जानवर का। सालो तक ये रेत के नीचे दफन था, साल 1900 में रेत हटा दी गई। इस great sphinx को सिर्फ एक ही पथ्थर में से बनाया गया था। कहा जाता है कि इसका चहेरा राजा khafre का है। इस चीज़ के अंदर दो खाली जगहे भी मौजूद हैं। समय के साथ इसमें बहोत से बदलाव आए। इस चीज़ को क्यों और किसलिए बनाया गया था ये अबतक किसी को भी पता नही है।
The great Sphinx |
पिरामिड और इलेक्ट्रिसिटी
पिरामिड को बनाने जी वजह पर एक थियरी निकली है, जो की लगभग पिरामिड पर सटीक तरह से बैठती है। पिरामिड को electricity power plant के लिए बनाए गए थे, क्योंकि उससे जुडी बहुत सी चीजे और चित्र पिरामिड के अंदर मिले।
पिरामिड को बनाने जी वजह पर एक थियरी निकली है, जो की लगभग पिरामिड पर सटीक तरह से बैठती है। पिरामिड को electricity power plant के लिए बनाए गए थे, क्योंकि उससे जुडी बहुत सी चीजे और चित्र पिरामिड के अंदर मिले।
पिरामिड के अंदर ग्रेनाइट और डोलामाइट जैसी चीजें मिली है जो की ज्यादातर इलेक्ट्रिसिटी की चीजो से संबंधित है। अबतक पिरामिड के अंदर ग्रेनाइट के 20 से भी ज्यादा बॉक्स मिले है जिनका वजन 1 लाख किलो से भी ज्यादा भारी है। इजिप्तलोजी में इसका मानना है कि ये सिर्फ एक ताबूत है। power plant को बाहर से ऊर्जा (energy) की जरूर होती है, छायद इसीलिए इन पिरामिडो को नाइल नदी पर बनाया गया था।
Research on pyramids
पिरामिड पर रिसर्च करने के लिए क्वीन चेम्बर के अंदर एक remote control camera भेजा गया। इस सुरंग में आगे बड़े स्टोन से बंध एक दरवाजा मिला। बाद में उस स्टोन या दरवाजे को ड्रिल करके अंदर छोटा camera भेजा गया, उस camera ने एक तस्वीर ली और थोड़ी देर बाद अकारण ही खराब हो गया।
पिरामिड पर रिसर्च करने के लिए क्वीन चेम्बर के अंदर एक remote control camera भेजा गया। इस सुरंग में आगे बड़े स्टोन से बंध एक दरवाजा मिला। बाद में उस स्टोन या दरवाजे को ड्रिल करके अंदर छोटा camera भेजा गया, उस camera ने एक तस्वीर ली और थोड़ी देर बाद अकारण ही खराब हो गया।
इस स्टोन के दरवाजे पर कॉपर धातु के दो वायर भी थे। सरकार से उस टीम को आगे रिसर्च करने की अनुमति तो मिल गयी, लेकिन वो हो सके उतना कम नुकसान हो इसकि जिम्मेदारी दी। कैमरा की रिसर्च पूरी होने के बाद वहां की goverment ने पिरामिड को explore करने पर प्रतिबंध लगा दिया।
छायद वहां की सरकार नही चाहती की इस प्राचीन अजायबी को कोई नुकसान पहुंचे, या फिर वहां की सरकार हमसे कुछ छिपा रही हो।
धारणाए और हकीकत
साल 1880 में फ्रेंच मटीरियल वैज्ञानिक जोसेफ देवीडो विच ने कहा कि ये पथ्थर की जो पिरामिड बनाने के लिए इस्तेमाल हुए थे उनको कही बाहर से नही लाया गया था बल्कि उसे वही पर बनाया गया था। उन बड़े पत्थरो को लाना, बनाना और सही जगह पर रखना छायद नामुमकिन सा था। इन पत्थरो को बनाने के लिए क्रश, लाइम स्टोन, माटी और चुना जैसे मटीरियल का उपयोग किया गया था। बाद में इस कॉन्क्रीट को ढांचे में डालकर सुख दिया जाता था। लेकिन उस समय जोसेफ की इस बात को किसीने माना नही।
साल 1880 में फ्रेंच मटीरियल वैज्ञानिक जोसेफ देवीडो विच ने कहा कि ये पथ्थर की जो पिरामिड बनाने के लिए इस्तेमाल हुए थे उनको कही बाहर से नही लाया गया था बल्कि उसे वही पर बनाया गया था। उन बड़े पत्थरो को लाना, बनाना और सही जगह पर रखना छायद नामुमकिन सा था। इन पत्थरो को बनाने के लिए क्रश, लाइम स्टोन, माटी और चुना जैसे मटीरियल का उपयोग किया गया था। बाद में इस कॉन्क्रीट को ढांचे में डालकर सुख दिया जाता था। लेकिन उस समय जोसेफ की इस बात को किसीने माना नही।
बाद में मटीरियल वैज्ञानिक माइकल बालसन ने इस थियरी पर जोर दिया और पिरामिड के पत्थरो पर लगभग 5 साल तक रिसर्च की। उन्होंने बताया कि जोसेफ की थ्योरी बिलकुल सही थी। पिरामिड के वो पथ्थर वही पर ढांचे में ही बनाए गए थे। लेकिन सिर्फ वही पथ्थर की जो पिरामिड की बहार की बाजु और ऊपर की सतह पर थे। इसके बावजूद भी इस थियरी को कई जिप्टोलॉजिस मान ने से इंकार कर रहे हैं।
अब बात करते है orion theory की। एस्ट्रोनॉमी प्रोफेसर एंटनी फरेल ने इस थ्योरी पर रिसर्च की और पता लगाया कि आज भी ओरियन बेल्ट के वो तारे 50° शिफ्टेड है और पिरामिड भी 35° मुड़े हुए है। उन्होंने आगे बताया कि जब ये पिरामिड बने थे तब भी ये परफेक्टली अलाइन नही थे। और आज जो पिरामिड और तारो के बिच 15° से 16° (50°-35°=15°) का डिफरेन्स है, वो हमें इन दोनों की इतनी अधिक दुरी होने की वजह से दिखाई नही देते है।
कुछ खास पिरामिड के बारे में
गीजा के महान पिरामिड दुनिया के सात अजूबो में से सबसे प्राचीन अजायबी है।
पिरामिड जिस पथ्थर से बने हुए है वो आम पथ्थर से कई गुना ज्यादा मजबूत है। ये दुनिया में लगभग और कही पर भी नहीं मिलते। ये पथ्थर lime stone जैसे दीखते है लेकिन उससे थोड़े से अलग है।
पिरामिड के अंदर कई जगह पर बहुत अजीब चित्र बने हुए है, जिसमे से कुछ तो एलियंस होने की संभावनाए दिखाते है।
माना जाता है कि पिरामिड के अंदर कोई ऊर्जा की तरंगें (energy waves) होती है जो सजीव और निर्जीव (मृत और जिंदा) दोनों चीजो पर अपना प्रभाव डालती है, जिससे वो चीजे लंबे समय तक बहेतर बनी रह सके।
गीजा के पिरामिड में तीन दरवाजे थे जिसका वजन लगभग 20 टन के आसपास था। लेकिन गजब की बात तो ये है कि इन दरवाजो को अंदर से सिर्फ एक हाथ से खोल सके इतने सटीक तरह से फिट किए गए थे।
मॉडर्न रिसर्च यह कहती है कि पिरामिड को बनाने वाले लोग कोई गुलाम नही थे, वो अपनी मर्जी से ये काम करते थे और अपना रोजगार लेते थे। काम के वक्त जब किसी कारीगर या श्रमिक की मृत्यु हो जाती तब उन्हें सन्मान से साथ दफनाया जाता था।
पिरामिड सिर्फ इजिप्त में ही नही बल्कि साउथ अमेरिका, चीन, इटली और इंडोनेशिया जैसी बहुत जगह पर भी मिले हैं।
पिरामिड की अचंभित करने वाली ये जानकारी आपको कैसी लगी, वो जरूर बताना। मिलेंगे आगे ऐसी ही जानकारी के साथ।
तब तक के लिए अलविदा।