ध्यान (Meditation in hindi) से हम अपनी जिंदगी बदल सकते है और यह सच है। यह सफल जीवन की चावी है जो आपको मुफ्त में मिल रही है। बस जरूरत है तो आपको जानने की मेडिटेशन क्या है और कैसे करें।
अगर आप भी उन लोगों में से है जो कई जानकारी खोजने के बाद भी पता नही चला है कि आखिर मेडिटेशन कैसे करते है।
तो अब आपको कही जाने की जरूरत नही है इस लेख में आपको वो सब कुछ मिल जाएगा, जो आप चाहते हो। बस लेख के अंत तक बने रहना।
चलिये जानते है मेडिटेशन क्या है।
Table of Contents
ध्यान क्या है – What is meditation in hindi
ध्यान क्या है (what is meditation in hindi) यह कहना कठिन है क्योंकि जब से मेडिटेशन प्रचलित हुआ है तब से दुनिया भर के लोगों ने अपनी तरफ से विचार रखे है।
आप इस तरह से समझ सकते है।
ध्यान एक तरह की प्रक्रिया है जिससे हम अपने मन को शांत कर सकते है।
पर क्या यह जरूरी है?
हां, क्योंकि आज जहां देखो बस लोग भाग ही रहे है। कोई काम के पीछे तो कोई समस्या के पीछे।
ऐसे में इंसान का मन अशांत हो जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
लेकिन क्या आपको पता है अगर मन शांत हो तो हमारे जीवन की लगभग 80 -90 प्रतिशत समस्या अपने आप दूर हो जाती है।
दूसरी और हमारे मन में हमेशा कोई ना कोई विचार आते ही रहते है जिससे हमारी एकाग्रता और कार्य करने की क्षमता भी कम हो जाती है।
लेकिन मेडिटेशन से दिमाग में आते यह फालतु विचार बंद हो जाते है और हम एकदम शांति का अनुभव करते है।
अब जानते है मेडिटेशन का हिंदी अर्थ।
Meditation meaning in hindi
मेडिटेशन का हिंदी अर्थ (Meditation meaning in hindi) ध्यान होता है। जिसका मतलब की किसी एक वस्तु पर संपूर्ण एकाग्र होना।
हम से ज्यादातर लोगों को पता ही नही होता की आखिर ध्यान क्या है।
कुछ इसे योग से जोड़ते है।
कुछ इसे धर्म से जोड़ते है।
और कुछ इसे आध्यात्मिकता से जोड़ते है।
पर यह एक आश्चर्य की बात है कि यह हर विषय के साथ जुड़ा हुआ है।
अब समय आ गया है यह जानने का कि ध्यान कैसे करे।
ध्यान कैसे करे – How to do meditation in hindi
ध्यान (meditation in hindi) करने के लिए हम एक एक कदम आगे बढ़ेंगे जिससे आपको समझने में कोई समस्या ना हो।
तो चलिए शुरू करते है।
Step 1: आप ध्यान क्यों करना चाहते हो?
यह कदम जरूरी है। क्योंकि जब आप meditation करने बैठेंगे तब आपके मन में यह सवाल हमेशा घूमता ही रहेगा की में मेडिटेशन क्यों कर रहा हु।
इसलिए आप meditation करने की वजह जान लीजिए। ज्यादातर लोगों के लिए मेडिटेशन से होने वाले फायदे ही वजह होती है।
जिनमे हम यह कह सकते है कि,
में अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिये मेडिटेशन कर रहा हु।
में मन को शांत करने या अपनी एकाग्रता बढ़ाने के लिए मेडिटेशन कर रहा हु।
में अपने मन में आने वाले फालतू विचारों को बंद करने के लिए मेडिटेशन करना चाहता हु।
इस तरह की कोई भी वजह या बात मन में कह दीजिये।
Step 2: जगह को पसंद कीजिये
वैसे तो हम ध्यान कहीं पर भी कर सकते है। पर शांत जगह बेहतर विकल्प है।
meditation के लिए एक शांत और अच्छी जगह का होना आवश्यक है। ऐसी जगह जहाँ लोगो का आना जाना बंद हो और ज्यादा आवाज ना हो।
आप चाहे तो अपने कमरे, गार्डन या नजदीक के ऐसे स्थल को पसंद कर सकते है जो शांत हो।
सोचिये और अपने आसपास नजर डालिए, meditation के लिये कोई जगह जरूर मिल जाएगी। ना मिले तो घर का रूम तो है ही।
Step 3: समय का चुनाव
मेडिटेशन कब करना चाहिए यह एक बड़ा सवाल है। लेकिन सच यह है कि हम कभी भी कर सकते है।
इसका कोई निश्चित समय नहीं है। कोई सुबह करता है तो कोई श्याम को।
पर हम बेहतर विकल्प चुनेंगे।
ध्यान के लिए हमे शांत वातावरण चाहिए। सुबह जल्दी प्रकृति एकदम शांत होती है। खास करके सुबह के 3:00 – 5:00 बजे तक।
लेकिन आपको इतनी जल्दी उठने की जरूरत नही है। क्योकि हमारे जीवन के दूसरे भी स्वरूप होते है जिन्हें महत्व देना जरूरी है। इसलिए हमें समय भी सामान्य जीवन से संबंधित चुनना होगा।
meditation in hindi के लिए सुबह के 5:00 – 7:00 का समय हमारे लिए अच्छा है। क्योकि इस समय वातावरण शांत होता है और लोगों की चहल पहल भी कम होती है।
आप श्याम के समय भी कर सकते है।
जो लोग दिन में दो बार मेडिटेशन करते है वो ज्यादातर सुबह और श्याम का ही विकल्प पसंद करते है।
लेकिन हमे शुरुआत में सिर्फ एक बार ही meditation करना है। जिसके लिए सुबह का समय अच्छा है।
अब जब की समय और स्थान का चुनाव हो गया है तो बारी है सही अवस्था में बैठने की।
Step 4: सही अवस्था में बैठे
जिस जगह को पसंद किया था वहां पर आलथी- पालथी मारकर बैठ जाए। अगर पद्मासन ठीक तरह से कर सकते है तो जरूर करें अन्यथा सामान्य स्थिति भी सही है।
पूरा शरीर ढीला रखे और कमर को सीधा कर दे। अब चेहरे पर हल्की सी मुस्कान लाये। यह आपके मन को आनंदित रखेगा।
अब अपने बाए हाथ को मोड़कर बिच में रखे और फिर दाएं हाथ को उसके ऊपर रखे। इसे ध्यान मुद्रा कहा जाता है।
इसके बदले आप दूसरी भी कोई मुद्रा कर सकते हो। जैसे की ज्ञान मुद्रा।
इसमें दोनों हाथों को पैरों के घुटनो पर रखने होते है। फिर अंगूठे और पहली ऊँगली को जोड़ देते है।
अब समय आ गया है यह जानने का कि मेडिटेशन करने का तरीका क्या है।
Step 4: मेडिटेशन कैसे करे
बैठने के बाद अब पहले दो तीन बार गहरी सांस ले। यह मन शांत करने में मदद करेगा।
अब अपनी आँखे धीरे धीरे बंद कीजिये।
यहाँ से अब ध्यान (meditation in hindi) का सबसे अहम भाग शुरू होता है।
आँखे बंद करने के बाद धीरे धीरे श्वास ले और उसे छोड़े। इस समय आप अपना ध्यान श्वास पर लगायें की कैसे वो अंदर और बाहर जा रही है।
ऐसा करने पर हमारा मन हमें भटकाने के लिए तरह तरह के विचार मन में लाएगा। जैसे की,
ध्यान से कुछ नही होगा।
क्या में ये फालतू का काम कर रहा हु।
इसके बदले कुछ देर फोन में ही देखलु।
जब आपके मन में यह विचार आना शुरू हो जाए तब बड़े प्रेम से अपना ध्यान उस विचार से हटाकर फिर से श्वास पर लगाइए।
ऐसा करने पर वो विचार चला जाएगा, लेकिन फिर कोई दूसरा नया विचार आपके मन में आएगा।
फिर आपको पता भी नहीं चलेगा और आप उस विचार में खो जाएंगे।
लेकिन जब आपको पता चले की मुझे meditation करना है और में किसी और चीज के बारे में ही सोच रहा हु। तब फिर से अपना ध्यान श्वास पर केंद्रित करे।
आपको सिर्फ अपना श्वास कैसे अंदर और बाहर हो रहा है उस पर ही ध्यान देना है।
इस समय हमें पूरी दुनिया के काम याद आने लगेंगे, लेकिन हमे श्वास पर टिके रहना है।
इसी तरह मेडिटेशन की प्रक्रिया 5-10 मिनट तक करें। फिर अपनी आंखें धीरे धीरे खोले।
बस हो गया मेडिटेशन।
Step 5: दैनिक मेडिटेशन
ऊपर बताये तरीके से आप प्रतिदिन सिर्फ 5 या 10 मिनट के लिए meditation करे।
अपनी मेडिटेशन करने की जगह एक ही रखे। क्योकि हमारा मन और शरीर उस जगह के साथ जुड़ने लगता है।
साथ ही जहाँ हम meditation करते है उस जगह सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है।
दूसरी और एक ही समय पर meditation करने से हमारे मन को भी मदद मिलती है।
मेडिटेशन से होने वाले बदलाव 2-3 महीने के अंदर ही आपको महसूस होने लगेंगे।
अब बात करते है मेडिटेशन में आने वाली समस्या के बारे में।
meditation problem
ध्यान के लिए समय – meditation time
अगर हम किसी को कहते है कि meditation करो तो ज्यादातर लोग कहेंगे कि मेरे पास समय ही नही है।
लेकिन यह बात कितनी सच है वो हम सब जानते है। अगर आप भी उनमे से है तो में आपको कुछ सवाल पूछना चाहूंगा।
ध्यान (meditation in hindi) करने के लिए कितना समय चाहिए या कहे मेडिटेशन कितनी देर करना चाहिए?
meditation के लिए 2 मिनट उठने बैठने में और 5 मिनट ध्यान करने के लिए कुल मिलाकर 7 मिनट चाहिये या फिर ज्यादा से ज्यादा 10 मिनिट।
दिन के 24 घंटे और एक घंटे की 60 मिनट।
कुल मिलाकर हमारे पास एक दिन में 1440 मिनट होती है। तो उसमें से 10 मिनट समय निकालना इतना भी कठिन नहीं है। आप खुद सोचिए।
अगर अब भी आपका जवाब है की समय निकालना मुश्किल है तो आप सुबह कितने बजे उठते है?
लगभग 7 बजे के आसपास।
जल्दी ना उठे कोई बात नही, बस 5 मिनट ही जल्दी उठे।
असल में हमारे पास बहुत समय होता है लेकिन हम इसका कभी उपयोग ही नही करते है।
अब आते अगली समस्या पर।
प्रतिदिन ध्यान – daily meditation
इस आधुनिक समय में किसी के पास धैर्य नही है। हमे सब कुछ बहुत जल्दी चाहिये।
कोई कार्य कर रहे है तो तुरंत उसका परिणाम चाहिए। लेकिन प्रकृति धैर्य के साथ काम करती है। meditation in hindi में भी कुछ ऐसा ही है।
हम 3 दिन तक मेडिटेशन करेंगे और सोचेंगे
इससे तो कोई फर्क नही पड़ रहा है। यह सब जुठ है।
यह कहकर हम meditation करना बंद कर देंगे।
लेकिन आपको कम से कम 2 महीने तक टिके रहना है।
कुछ ऐसे भी लोग होते है जिनको ध्यान करना होता है लेकिन उनका कोई ठिकाना नहीं होता। जब चाहे तब करते है।
वैसे यह अच्छी बात है की उनको meditation के प्रति इच्छा है, लेकिन अगर करना ही है तो ठीक से करे, रोजाना करे।
ऐसा करने से उससे मिलने वाले फायदे भी बढ़ जाएंगे।
अब meditation से जुडी सबसे बड़ी समस्या के बारे में बात करते है।
मन के विचार – mind thoughts
जब भी meditation करने बैठेंगे तब मन में तरह तरह के विचार आएंगे। जिनमे से कुछ तो ऐसे होंगे की हमारा विश्वास ही meditation पर से उठा ले।
जैसे की,
meditation से कोई फायदा नही होता।
क्यों अपना समय बर्बाद कर रहा है।
क्या मुझे सच में इससे फायदा होगा।
कंही में समय तो नही बिगाड़ रहा हु।
आप ही सोचिये क्या 10 मिनट में समय बर्बाद हो जाएगा। इस समस्या का समाधान यही है के आप अपने मन को कह दे की,
मुझे फायदा हो या ना हो, भले ही में समय बर्बाद कर रहा हु। लेकिन में मेडिटेशन करूंगा। मुझे यह करना है।
यह कहने के बाद श्वास पर अपना ध्यान लगा दीजिये।
ऐसा करते ही मन के वो विचार गायब हो जाएंगे। हो सकता है कि आपके मन में किसी और तरह के विचार आये, लेकिन हमें उनको किसी भी तरह दूर करना है और meditation पर ध्यान देना है।
अब जानते है मेडिटेशन के बारे में कुछ टिप्स
meditation tips
खाली पेट ध्यान करना बेहतर है।
अंदर बहार होने वाली श्वास लंबी, गहरी और एकदम प्राकृतिक होनी चाहिए।
आपको अपने मन में आ रहे विचारों को रोकना नही है, अगर आप ऐसा करने जाएंगे तो और भी विचारो के उलझन में फंस जाएंगे। हमें तो बस मन में जो विचार आते है उन पर से अपना ध्यान हटाकर श्वास पर करना है।
संभव हो तो किसी ऐसी जगह चुनिये जो कुदरती और खुली हो। जहाँ पवन की हल्की सी ठंडी लहेरे आती हो। जैसे की जंगल, पहाड़ या समुद्री किनारा। ऐसी जगहों पर हम ज्यादा अच्छा महसूस करते है।
ध्यान (meditation in hindi) से जुड़ी यह जानकारी आपको कैसी लगी वो जरूर बताना अगर आप मेडिटेशन के फायदे जानना चाहते है तो यह लेख जरूर देखें।
👉 ध्यान से होने वाले अद्भुत फायदे (खास बातें)
Nice work