21 दिन का नियम – 21 days habit in hindi

एक सच बात है कि आप अपना भविष्य तय नहीं करते आप की आदते आपका future बनाती है और आदतों को आप। सीधा कहु तो अच्छी आदतें ही अच्छा जीवन बनाती है।

इसीलिए आपको अगर अच्छा जीवन और सफलता चाहिए तो अच्छी आदतें बनानी ही पड़ेगी।

आप कहोगे की मैंने तो कह दिया की अच्छी आदतें बनाओ, लेकिन यह इतना आसान नही है।

हां भाई, मैं जानता हु की किसी भी आदत को बनाना इतना भी आसान नही है। यहा तक की आपने कई बार प्रयत्न भी किया होगा, लेकिन ज्यादातर फ़ैल हो गए होंगे।

पर किसी भी आदत को प्रैक्टिस करके बनाया जा सकता है।

पर सवाल उठता है कि कब तक हम किसी भी आदत को बनाने के लिए प्रेक्टिस करे या कितने दीन उस आदत पर टिके रहे, जिससे वो आदत हमेशा के लिए बन जाए।

इसका जवाब है 21 दीन का नियम।

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हां, अगर आपको कोई भी आदत डालनी है, तो आप 21 days habit theory का उपयोग कर सकते है।

यह क्या है चलिये जानते है।

21 दिन का नियम – 21 days habit

आप जो भी आदत बनाना चाहते हो उसे लगातार 21 दिन तक करो।

जैसे की अगर आपको सुबह 6 बजे उठने की आदत डालनी है तो कल से ही सुबह 6 बजे ऊठना शुरू कर दो।

हो सकता है कि आपको शुरुआत में थोड़ी तकलीफ हो या आपको यह नई आदत डालने में थोड़ी मुश्केली आएं।

लेकिन आपको अपनी यह आदत लगातार 21 दिन तक करते रहना है।

आप देखेंगे कि 21 दिन के बाद आप अपने आप सुबह 6 बजे उठने लगेंगे।

जितनी महेनत आपको पहले दिन करनी पड़ी थी उतनी आपको 22वे दिन नही करनी पड़ेगी।

पर यहाँ सवाल उठता है की 21 दिन ही क्यों।

क्योकि हमारे दिमाग को बदलने या कोई नई चीज को स्वीकार ने में 21 दिन लगते है।

और यह बात सच है।

असल में जैसे जैसे हम कुछ नई चीज लगातार करते रहते है वैसे वैसे हमारे दिमाग के अंदर रहे न्यूरॉन्स बदलने लगते है और कुछ नए बनने लगते है।

साथ ही जैसे जैसे दिन बढ़ते जाएंगे आपके लिए वह आदत सरल बनती जाएंगी।

इस तरह से अगर आप 21 दिन तक किसी भी कार्य को सतत करते है तो वह सिर्फ शारीरिक स्तर पर ही नही बल्कि मानसिक स्तर पर भी बदलाव लाता है।

इस घटना को और अच्छे से समझने के लिए कुछ example को देखते है।

21 दिन के आदत की घटना – 21 day habit theory

अगर हम कोई काम पहली बार करते है तब उस पर पूरा ध्यान लगाना पड़ता है।

जैसे की अगर आप पहली बार बाइक चलाना सिख रहे है तो आप पूरी तरह से उस पर ध्यान देंगे।

लेकिन जब कुछ समय के बाद थोड़ी सी प्रेक्टिस से आप बाइक चलाना शिख जाते हो तब आप किसीसे बात करते करते भी चला सकते हो।

यह कैसे होता है जानते है।

हमारे मन के दो भाग है चेतन मन और अवचेतन मन।

जन हम बाइक पहली बार चला रहे थे, तब यह सब हमारे लिए नया था इसी वजह से वो सारी प्रतिक्रियाएं चेतन मन द्रारा हो रही थी।

लेकिन हमने यह काम बार बार किया, इसी वजह से यह सारी क्रियाएं हमारे अवचेतन मन में स्टोर हो गई। इसी वजह से अवचेतन मन अपने आप उस कार्य को कर देता है और हमे वह कार्य करने में किसी भी तरह की महेनत नही लगती।

चलिये एक और example देखते है।

जब आप सुबह उठते है तो पहला काम क्या करते है।

इसमें कोई शक नही की आप उठकर सबसे पहले हाथ में ब्रश ही लेते होंगे। (यहाँ उन लॉगो की बात नही हो रही जो ब्रश करने भी आलस करते है। 😁)

क्या कभी आप उठकर सोचते हो की आज मुझे ब्रश करना है या फिर क्या आप ब्रश लेते वक्त पूरा ध्यान उस पर लगाते हो।

नही, क्योकि यह क्रिया आप कई समय से कर रहे हो। इसी वजह से यह आदत आपके दिमाग में बैठ गयी है या कहे अवचेतन मन में चली गयी है।

इसी वजह से यह आपके लिए आम सी बात है। पर नई आदत बनाना इतना भी आसान नही है। इसके बीच में कई कठिनाई आती है, अब उसके बारे में जानते है।

आदत बनाने पर आती कठिनताए

अब तक तो आपने सोच ही लिया होगा की अब अगले 21 दिन में कई सारी आदते बना लूंगा।

पर यह आपकी सबसे बड़ी समस्या है। आप एक साथ बहोत सारी आदतों को बनाने में लग जाओगे।

तो होगा यह की ज्यादा आदतों की वजह से आप किसी एक आदत पर ध्यान नही केंद्रित कर पाओगे। इससे कोई भी आदत 3 दिन से ज्यादा नही चलेगी।

और जब आदत टूटेगी आप भी वहाँ से उसे छोड़ देंगे।

क्योकि किसी भी आदतों को बनाने के लिए सबसे कठिन काम होता है उसे शुरू करना।

“अगर आप किसी भी आदत को शुरू करते है तो आपने उस आदत को 50% तक हांसिल कर लिया है”

यह लाइन कई महान लोगो द्रारा बोली गयी है।

इसीलिए बहेतर यही रहेगा की आप किसी एक आदत को ही अपना लक्ष्य बनाए और उस पर डटे रहे।

पर सिर्फ यही एक कठिनाई नही है जो आपके लिए मुसीबत बनेगी।

जब आप किसी भी आदत को बनाने का निर्णय लेंगे तभी अंदर से आवाज आएगी।

जैसे की अगर आप सुबह 6 बजे उठने का निर्णय लेते हो तो कुछ इस तरह से आपके अंदर से आवाज आएँगी।

“क्या करेगा सुबह उठकर”
“तुजसे नही होगा रहने दे”
“क्या तु सच में सुबह उठ पाउँगा”

लेकिन यह सिर्फ आपके मन के फालतू के विचार है जो आपको अपने लक्ष्य या कहे आदत से भटकाने के लिये आये है।

अगर एक बार आप इसके जाल में आ गए तो खुद पर शक ही करते रहोगे और इसी मे आपका मनोबल टूट जाएगा और निश्चित की हुई आदत की धज्जियां उड़ जाएगी।

तो इससे बचने का रास्ता क्या है।

जवाब सिम्पल है, आप इस तरह के विचारों पर ध्यान ही ना दो। क्योकि आप जितना ज्यादा ध्यान ऐसे विचारो पर केंद्रित करोगे आप के मन में और भी ऐसे ज्यादा विचार आते जाएंगे।

लेकिन बात यहा पर खत्म नही हो जाती, जैसे आप के 2 या 3 दिन बीतेंगे फिर से अंदर से आवाज आएगी।

“तेरी महेनत वेस्ट जाएगी”
“इससे सिर्फ समय बिगड़ेगा”
“ऐसा फालतू का काम करने से अच्छा है कुछ और ही कर ले”

में निश्चित तौर पर नही कह सकता कि आपके मन में कोन से विचार आएंगे, पर इस तरह के कुछ होंगे।

इन सारे फालतू विचारो से बचने का एक तरीका है की आप आदत बनाने से पहले तय करले की आप यह क्यों कर रहे है।

जैसे की,

“में क्यों सुबह उठना चाहते हु।, उठकर में क्या करूँगा,

क्या में व्यायाम करने के लिए जल्दी उठना चाहता हु।”

हो सके तो आप यह कारण किसी पेज पर लिख ले। क्योकि जब भी आप खुद पर शक करेंगे या अपनी आदत पर से विश्वास कम हो जाएगा तब यह चीज आपको मोटिवेशन देगी।

21 आदत के लिए टिप्स – tips for 21 days habit

क्या आपने कभी affirmations के बारे में सुना है।

हम खुद को कुछ सकारात्मक बाते कहते है उसे ही affirmations कहा जाता है।

जैसे आप खुद को कहेंगे कि में यह कर सकता हु। में हमेशा रोज सुबह जल्दी उठता हु।

कुछ लॉगो को यह बात पचकानी या फालतू लगती है, लेकिन जब हम कई बार अपने मन को कोई कार्य के बारे में या किसी चिज को पाने के लिए कहते है तब उसकी संभावना बढ़ जाती है।

साथ ही हमे ऊर्जा का अहेसास होता है।

इसीलिए जब आप 21 दिन नियम (21 days habit) पर कोई आदत बनाओ तो इस पद्धति का जरूर उपयोग करे।

यह निश्चित तौर पर मदद करेगी।

दूसरी tips यह है की आप अपने आसपास के वातावरण को हो सके उतना आदत पर ढालने की कोशिश करे।

जैसे की,

अगर आप सुबह जल्दी उठना चाहते हो तो रात को 12 बजे से पहले सोने की आदत डालिये।

यह भी एक आदत है कि जल्दी सोना चाहिये, पर यह इतना मुश्किल नही है जितना सुबह उठना।

तीसरी और सबसे खास टिप्स यह है की आप अपनी आदत को धीरे धीरे बढ़ाए।

जैसे की, अगर आप अभी सुबह के 8 बजे उठते है और 5 बजे उठने की आदत डालनी है तो यह आपके लिए कठिन होगा।

खास करके उन लोगो के लिए जो मेरी तरह आलसी है। 😁

इसीलिये सीधा 5 बजे उठने के बदले पहले 7 बजे और फिर 6 बजे उठने का प्रयत्न करें। यह आपके लिये सरल होगा।

हां, अगर आप इतने दृढ़ निश्चय वाले इंसान है जो अपनी आदत पर अड़े रहते है तो आप सीधा 5 बजे उठ सकते है।

यहा तक हमने 21 दिन नियम की बात की, जिसमे आपने जाना की यह कैसे कार्य करता हैं। तो अब बारी है कुछ सवाल जवाब की जो अक्सर पूछे जाते है।

Frequently asked questions

क्या 21 दिन आदत से बुरी आदतें छूट सकती है?

हां,

यह पद्धति सिर्फ अच्छी आदतों को बनाने में ही नही, बल्कि बुरी आदतों को छोड़ने में भी मदद करती है। बस करना यह है कि अगर आपको धूम्रपान की गलत आदत है तो आप इसे 21 दिन तक ना करे, और आप देखेंगे कि आपकी यह बुरी आदत छूट गयी है।

हमे पहले कौन सी अच्छी आदतों को अपनाना चाहिये?

सबसे पहले कौन सी आदत अपनानी चाहिये यह आप पर निर्भर करता है कि आपके लिए कोन सी आदत ज्यादा महत्वपूर्ण है।

फिर भी यह कुछ आदतों के नाम है जिसे हम विकसित कर सकते है।

सुबह जल्दी उठना
किताबे पढ़ना (आत्मविकास, बिज़नेस)
ध्यान करना
व्यायाम करना
प्रकृति में रहना (कुछ समय)

क्या 21 दिन आदत पद्धति एक जूठी अफवा है?

जो इस पद्धति को मानते है उनके लिए यह सही है और जो नही विश्वास करते उनके लिए यह पद्धति कार्य नही करती।

यह सवाल अभी के समय इसी लिये उठ रहा है क्योकि रिसर्च में यह पाया गया है कि आदत बनाने के लिए 66 दिन लगते है।

पर जिन्होंने यह 21 दिन आदत को अपनाया है उन्हें सकारात्मक परिणाम मिले है।

तो बस यह थी जानकारी 21 दिन के नियम के बारे में। अब बारी आपकी है कि आप कॉमेंट में अपने विचार रजु करे। साथ ही आप ऐसा ही कुछ और पढ़ना चाहते है तो यह नीचे दिया गया लेख देख सकते है।

 

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